भारत यात्रा पर आ सकते हैं राष्ट्रपति पुतिन: यूक्रेन युद्ध के बाद पहला संभावित दौरा
राष्ट्रपति पुतिन भारत दौरे की तैयारी में: यूक्रेन युद्ध के बाद पहला संभावित दौरा
“भारत और रूस के संबंध लंबे समय से मजबूत रहे हैं। अब यह साझेदारी एक बार फिर वैश्विक सुर्खियों में है, क्योंकि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इस साल के आखिर में भारत दौरे पर आ सकते हैं। यह जानकारी भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने दी है। यदि यह यात्रा होती है, तो यह यूक्रेन युद्ध के बाद पुतिन की पहली भारत यात्रा होगी।”
अजीत डोभाल ने रूस में दी जानकारी
भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल इस समय रूस के दौरे पर हैं। वहां उन्होंने रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु से मुलाकात की और दोनों देशों के आपसी रिश्तों पर चर्चा की। इसी दौरान उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति पुतिन भारत आने की योजना बना रहे हैं। डोभाल ने कहा कि भारत और रूस के बीच संबंध बहुत मजबूत हैं और उच्च स्तर की बातचीत होती रहती है।
पुतिन की आखिरी भारत यात्रा 2021 में हुई थी
राष्ट्रपति पुतिन आखिरी बार
6 दिसंबर
2021 को भारत आए थे। यह यात्रा केवल चार घंटे की थी लेकिन इस दौरान भारत और रूस के बीच
28 महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर हुए थे। इनमें मिलिट्री और तकनीकी क्षेत्रों में सहयोग शामिल था। दोनों देशों ने
2025 तक
30 अरब डॉलर वार्षिक व्यापार का लक्ष्य रखा था।
यूक्रेन युद्ध के बाद पहली भारत यात्रा
फरवरी
2022 में यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद पुतिन ने अंतरराष्ट्रीय यात्राएं बहुत सीमित कर दी थीं। यदि वे इस साल भारत आते हैं, तो यह यूक्रेन युद्ध के बाद उनकी पहली भारत यात्रा होगी। यह यात्रा न केवल राजनीतिक बल्कि रणनीतिक और आर्थिक दृष्टिकोण से भी बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
पुतिन के खिलाफ ICC का अरेस्ट वारंट
मार्च
2023 में इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (
ICC) ने पुतिन के खिलाफ वॉर क्राइम्स के आरोपों में अरेस्ट वारंट जारी किया था। यह वारंट यूक्रेन से बच्चों के अपहरण और जबरन स्थानांतरण के मामलों पर आधारित था।
ICC ने पहली बार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के किसी स्थायी सदस्य देश के नेता के खिलाफ ऐसा कदम उठाया था।
इस घटना के बाद से पुतिन ने विदेशी यात्राओं से परहेज करना शुरू कर दिया था। वे
2023 में भारत में आयोजित
G20 समिट में भी शामिल नहीं हुए थे, उनकी जगह विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव भारत आए थे।
भारत-रूस व्यापारिक संबंध मजबूत
भारत और रूस के बीच द्विपक्षीय व्यापार लगातार बढ़ रहा है। वर्तमान में यह व्यापार करीब
60 अरब डॉलर का है और दोनों देश इसे
100 अरब डॉलर वार्षिक तक ले जाने पर सहमत हैं। इस यात्रा के दौरान इस आर्थिक साझेदारी को और गहरा करने के लिए
2030 के लिए नया रोडमैप भी तय किया जा सकता है।
रूसी तेल का भारत पर असर
यूक्रेन युद्ध के बाद से भारत, रूस से कच्चे तेल का दूसरा सबसे बड़ा खरीदार बन गया है। युद्ध से पहले भारत रूस से सिर्फ
0.2% तेल खरीदता था, जो अब बढ़कर
45% तक पहुंच गया है।
2025 की शुरुआत में भारत रोज़ाना लगभग
17.8 लाख बैरल रूसी तेल खरीद रहा है। पिछले दो वर्षों में भारत ने हर साल
130 अरब डॉलर से ज्यादा का रूसी तेल खरीदा है।
मोदी और पुतिन की मुलाकातें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल
2024 में दो बार रूस की यात्रा की। जुलाई और अक्टूबर में हुई इन यात्राओं के दौरान मोदी और पुतिन की मुलाकातें हुईं। मोदी ने पुतिन को भारत आने का निमंत्रण भी दिया था, जिसे वे अब स्वीकार कर सकते हैं।
इस यात्रा का संभावित महत्व
पुतिन की भारत यात्रा सिर्फ द्विपक्षीय संबंधों को ही नहीं, बल्कि वैश्विक कूटनीति में भी बड़ा संकेत दे सकती है। पश्चिमी देशों और रूस के बीच चल रहे तनाव के बीच भारत की भूमिका एक संतुलनकारी शक्ति के रूप में देखी जा रही है। ऐसे में पुतिन का भारत आना, न केवल दोनों देशों के लिए लाभकारी होगा बल्कि वैश्विक स्तर पर भी इसकी गंभीरता होगी।
“भारत और रूस के रिश्ते समय के साथ और मजबूत हो रहे हैं। यदि राष्ट्रपति पुतिन इस साल भारत आते हैं, तो यह केवल एक औपचारिक दौरा नहीं, बल्कि आर्थिक, रणनीतिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण कदम होगा।”