राहुल गांधी की नागरिकता पर फिर विवाद: हाईकोर्ट ने केंद्र से 10 दिन में मांगा जवाब
"कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा मामला एक बार फिर सुर्खियों में है। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि वह राहुल गांधी की कथित दोहरी नागरिकता के मामले में 10 दिनों के भीतर स्पष्ट रिपोर्ट प्रस्तुत करे। इस मामले की अगली सुनवाई 5 मई 2025 को निर्धारित की गई है।"
मामला क्या है?
कर्नाटक के वकील और भाजपा कार्यकर्ता एस. विग्नेश शिशिर ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है, जिसमें दावा किया गया है कि राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की नागरिकता है। याचिकाकर्ता ने कोर्ट से अनुरोध किया है कि राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता रद्द की जाए और उनके 2024 के लोकसभा चुनाव में निर्वाचन को अमान्य घोषित किया जाए।
कोर्ट की प्रतिक्रिया
इलाहाबाद हाईकोर्ट की खंडपीठ ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि वह 10 दिनों के भीतर इस मामले में अपनी स्थिति स्पष्ट करे। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि केंद्र सरकार निर्धारित समय में जवाब नहीं देती है, तो अदालत अपने स्तर पर निर्णय लेगी।
पिछली सुनवाई और केंद्र सरकार का रुख
पिछली सुनवाई में केंद्र सरकार ने कोर्ट को सूचित किया था कि उसने ब्रिटिश सरकार को पत्र लिखकर राहुल गांधी की नागरिकता के बारे में जानकारी मांगी है। सरकार ने यह भी कहा था कि उसे इस मामले में अंतिम निर्णय लेने के लिए अतिरिक्त समय की आवश्यकता है।
याचिकाकर्ता के दावे
याचिकाकर्ता एस. विग्नेश शिशिर का दावा है कि राहुल गांधी ने ब्रिटेन की एक कंपनी के दस्तावेजों में खुद को ब्रिटिश नागरिक के रूप में प्रस्तुत किया है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश पासपोर्ट है। याचिकाकर्ता ने कोर्ट से अनुरोध किया है कि इस मामले की सीबीआई जांच कराई जाए।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
इस मामले ने राजनीतिक हलकों में भी हलचल मचा दी है। भाजपा ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा है कि यदि उनके पास दोहरी नागरिकता है, तो उन्हें संसद सदस्यता से अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए। कांग्रेस पार्टी ने इन आरोपों को निराधार बताया है और कहा है कि यह राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित है।
आगे की प्रक्रिया
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को 10 दिनों का समय दिया है, जो 5 मई 2025 को समाप्त होगा। यदि सरकार इस अवधि में जवाब नहीं देती है, तो कोर्ट अपने स्तर पर निर्णय लेगी। इस मामले की अगली सुनवाई 5 मई 2025 को निर्धारित की गई है।
