रेलवे परियोजनाओं से देश में कनेक्टिविटी में सुधार, लाखों लोगों को मिलेगा लाभ
“रेलवे परियोजनाओं से भारत में कनेक्टिविटी और विकास को मिलेगा नया मुकाम केंद्रीय कैबिनेट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रमुखता में बुधवार को 12,328 करोड़ रुपये की लागत पर चार बड़ी रेलवे परियोजनाओं को मंजूरी दी है। ये परियोजनाएं भारतीय रेलवे नेटवर्क को मजबूत करने, यात्री और माल सुरक्षित परिवहन में सुधार लाने के साथ-साथ विभिन्न क्षेत्रों में आर्थिक विकास को उत्साहित करने का लक्ष्य रखती हैं। ये परियोजनाएं इसलिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि इससे न केवल रोजगार सृजन का सामना होगा, साथ ही भारत के रेलवे नेटवर्क में एक नया आयाम जुड़ जाएगा।”
विशिष्ट रेलवे परियोजनाओं की विवरण
- गुजरात में नई रेलवे लाइनों का निर्माण
गुजरात के कच्छ क्षेत्र में नई देशलपर-हाजीपीर-लूना और वयोर-लाखपत रेल लाइनों के निर्माण की परियोजना के लिए स्वीकृति दी गई है। इस परियोजना की कुल कीमत
2,526करोड़ रुपये होगी।
145किलोमीटर रूट और
164किलोमीटर ट्रैक की यह रेल लाइन तीन साल में तैयार हो जाएगी। इससे न केवल नमक, सीमेंट, कोयला, क्लिंकर और बेंटोनाइट जैसे माल का परिवहन आसान हो जाएगा, बल्कि रण ऑफ कच्छ, धोलावीरा, कोटेश्वर मंदिर, नारायण सरोवर और लाखपत किले जैसे पर्यटन स्थलों तक पहुंच बढ़ने से पर्यटन को भी फायदा होगा।
इसके साथ ही, इस परियोजना के तहत
13 नए स्टेशनों का निर्माण किया जाएगा और
866 गांवों के करीबी
16 लाख लोग इस रेल नेटवर्क से मिलेगा। यह परियोजना गुजरात में रेलवे कनेक्टिविटी को बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
- कर्नाटक और तेलंगाना में सिकंदराबाद-वाडी तीसरी और चौथी लाइन परियोजना
कर्नाटक और तेलंगाना में सिकंदराबाद (सनथनगर)-वाडी तीसरी और चौथी लाइन परियोजना को
5,012करोड़ रुपये की राशि से मंजूरी दी गई है। यह परियोजना पांच वर्षों में पूरी होने की दिशा में है। इस परियोजना से दोनों राज्यों में यात्री ट्रेन चलाने में गति आएगी और माल ढ़ोन की क्षमता में भी प्रगति होगी। इसके अलावा रेलवे नेटवर्क की क्षमता भी होंगी, जिससे पूरे क्षेत्र में रेलवे सेवाओं में वृद्धि होगी।
- बिहार में भागलपुर-जमालपुर तीसरी लाइन परियोजना
बिहार में भागलपुर-जमालपुर तीसरी लाइन परियोजना की अनुमति
1,156करोड़ रुपये की निवेश के माध्यम से दी गई है। यह परियोजना
53किलोमीटर की होगी और इससे बिहार के रेलवे नेटवर्क में क्षमता विस्तार होगा। इस परियोजना के मकसद को बिहार में यात्री और माल परिवहन में सुधार लाना है, जिससे क्षेत्रीय विकास को गति मिलेगी।
- असम में फुरकाटिंग-न्यू तिनसुकिया डबलिंग परियोजना
असम के लिए
3,634करोड़ रुपये की परियोजना फुरकाटिंग-न्यू तिनसुकिया डबलिंग परियोजना को मंजूरी प्राप्त हुई है। यह परियोजना
194किलोमीटर की लंबाई की होगी। यह परियोजना असम के रेलवे नेटवर्क को सर्वोत्तम बनाएगी। असम और इसके आसपास के इलाकों में रेलवे संचालन की क्षमता बढ़ जाएगी, जिससे यात्रा में सहूलियत रहेगी और माल ढुलाई में भी गति आएगी।
इन परियोजनाओं का फायदा केवल रेलवे तक ही सीमित नहीं होगा, बल्कि उनके माध्यम से देश के विभिन्न भागों में आर्थिक समृद्धि और रोजगार की संभावनाएं भी आएंगी। कुल मिलाकर, इन परियोजनाओं से
565 रूट किलोमीटर नई रेल क्षमता जुड़ने जा रही है। इससे
3,108 गांवों के करीब
47 लाख लोग लाभान्वित होंगे। इन परियोजनाओं के जल्दबाजी में होने के दौरान
251 लाख मानव-दिवस का रोजगार उत्पन्न होगा, जो क बड़ा आंकड़ा है।
इन रेलवे परियोजनाओं से रेलवे संचालन की दक्षता में बढ़ोतरी होगी, और यात्री ट्रेनों की भीड़ कम होगी। इसके साथ ही, माल ढुलाई में तेजी आएगी, जिससे व्यापार में सुधार होगा। अनुमान के मुताबिक, इन परियोजनाओं के जरिए सालाना
68 मिलियन टन अतिरिक्त माल ढुलाई की जाएगी। इसका असर भारतीय लॉजिस्टिक क्षेत्र पर पड़ेगा, जिससे देश की लॉजिस्टिक लागत में कमी आएगी और भारतीय अर्थव्यवस्था को नई दिशा मिलेगी।
कार्बन उत्सर्जन में कमी इन रेलवे परियोजनाओं का पर्यावरण पर भी सकारात्मक असर होगा। इन परियोजनाओं से
360 करोड़ किलो
CO₂ उत्सर्जन में कमी आने की संभावना है, जो कि
14 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर होगा। इससे भारत के जलवायु लक्ष्यों को हासिल करने में सहायता मिलेगी, और देश का कार्बन फुटप्रिंट कम होगा।
प्रधानमंत्री गतिशक्ति योजना और आत्मनिर्भर भारत इन परियोजनाओं को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गतिशक्ति योजना के तहत मंजूरी दी गई है। प्रधानमंत्री गतिशक्ति योजना एकीक्ट मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने और आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने के लिए है। प्रधानमंत्री मोदी ने आत्मनिर्भर भारत का सपना पूरा करने की दिशा में इन परियोजनाओं के माध्यम से महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
रेलवे मंत्रालय के अनुसार, यह इंफ्रास्ट्रक्चर प्रधानमंत्री मोदी के आत्मनिर्भर भारत के विजन के अनुरूप है। इन परियोजनाओं से न केवल बुनियादी ढांचे में सुधार होगा, बल्कि रोजगार और स्वरोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे, जिससे क्षेत्रीय विकास को गति मिलेगी।
भारत में रेलवे परियोजनाओं का यह नया विस्तार देश के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित होगा। यात्री सेवाओं को बेहतर करने के अलावा, यह परियोजनाएं माल ढुलाई क्षमता में भी बढ़ोतरी करेंगी। प्रधानमंत्री मोदी के आत्मनिर्भर भारत के सूझबूझ को समझते हुए, इन रेलवे परियोजनाओं का कनेक्टिविटी, आर्थिक विकास और पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
इन परियोजनाओं के साथ रेलवे नेटवर्क के विस्तार से भारत की अर्थव्यवस्था को एक नयी दिशा मिलेगी और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे। यह परियोजनाएं भारतीय रेलवे के भविष्य को सुनिश्चित करने के लिए बेहद अहम साबित होंगी।