दिल्ली_पुलिस में ताबड़तोड़ तबादले: कई थानाध्यक्ष महज कुछ दिनों में बदले गए, वजह पर सस्पेंस बरकरार
“दिल्ली पुलिस विभाग में हाल ही में हुए तबादलों ने महकमे में हलचल मचा दी है। कई थानाध्यक्षों (SHOs) को अपने कार्यकाल की निर्धारित अवधि पूरी किए बिना ही बदल दिया गया है। खास बात यह है कि कुछ थानेदारों का तबादला महज कुछ दिनों के भीतर ही कर दिया गया। तुगलक रोड और वसंत कुंज नॉर्थ थानों के थानाध्यक्षों का तबादला तो तीन दिनों के अंदर ही कर दिया गया, जिसने विभाग में चर्चाओं का बाजार गर्म कर दिया है।”
कई थानाध्यक्षों का कार्यकाल समय से पहले समाप्त
सूत्रों के मुताबिक, जिन थानाध्यक्षों को बदला गया है, उनमें से कुछ का कार्यकाल महज एक हफ्ता, कुछ महीने या एक साल भी पूरा नहीं हुआ था। दिल्ली पुलिस में यह पहला मौका नहीं है जब इस तरह के अचानक तबादले किए गए हों, लेकिन इस बार की तबादला सूची ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
क्यों किए जा रहे हैं तबादले?
दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने तबादलों को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। वहीं, पुलिस महकमे के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि यह तबादले प्रशासनिक कारणों से किए जा रहे हैं। हालांकि, तबादलों के पीछे की असल वजह को लेकर अब भी सस्पेंस बना हुआ है।
तुगलक रोड और वसंत कुंज नॉर्थ थानों के थानाध्यक्ष बदले
सबसे अधिक चर्चा तुगलक रोड और वसंत कुंज नॉर्थ थानों के थानाध्यक्षों के अचानक तबादले को लेकर हो रही है। ये दोनों अधिकारी तीन दिनों में ही बदले गए हैं। तुगलक रोड थाना, वीआईपी इलाका होने के कारण हमेशा चर्चा में रहता है। ऐसे में अचानक हुए तबादले को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं।
विभाग में चर्चाओं का बाजार गर्म
महकमे में हो रहे ताबड़तोड़ तबादलों को लेकर विभागीय चर्चा जोरों पर है। पुलिसकर्मियों के बीच इन तबादलों को लेकर नौकरशाही दबाव और आंतरिक राजनीति की बातें भी कही जा रही हैं। कुछ पुलिस अधिकारियों का मानना है कि इन तबादलों के पीछे ऊपरी दबाव हो सकता है।
दिल्ली पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल
दिल्ली पुलिस में इस तरह के तबादलों से थानाध्यक्षों की कार्यप्रणाली और पुलिस महकमे के फैसलों पर भी सवाल उठ रहे हैं। कई लोग यह सवाल कर रहे हैं कि जब एक थानाध्यक्ष को ठीक से काम करने का मौका ही नहीं मिलेगा, तो वे इलाके में कानून व्यवस्था को कैसे सुधारेंगे?
तबादलों का असर क्या होगा?
विशेषज्ञों का कहना है कि पुलिस थानों में बार-बार तबादलों से स्थिरता में कमी आती है और इससे इलाकाई कानून व्यवस्था पर भी असर पड़ता है। हर थानाध्यक्ष को अपने नए इलाके को समझने और वहां की समस्याओं को हल करने में वक्त लगता है। ऐसे में बार-बार किए गए तबादले प्रभावी पुलिसिंग में बाधा डाल सकते हैं।
