आयुष मंत्रालय ने राष्ट्रीय कर्मयोगी जन सेवा कार्यक्रम में व्यावहारिक शिक्षा को दी प्राथमिकता
राष्ट्रीय कर्मयोगी जन सेवा कार्यक्रम में व्यावहारिक शिक्षा पर दिया गया विशेष जोर
" नई दिल्ली, अप्रैल 2025:
आयुष मंत्रालय ने राष्ट्रीय कर्मयोगी जन सेवा कार्यक्रम के तहत अपने कर्मचारियों के लिए एक व्यावहारिक शिक्षा-आधारित सत्र का आयोजन किया। यह सत्र मिशन कर्मयोगी की सोच के अनुरूप था, जिसमें जनसेवा के प्रति समर्पण और सेवा कुशलता को विकसित करने पर ज़ोर दिया गया।"
क्षमता निर्माण आयोग के सहयोग से हुआ आयोजन
यह कार्यक्रम आयुष भवन, नई दिल्ली में आयोजित हुआ और इसे क्षमता निर्माण आयोग के सहयोग से मिशन कर्मयोगी के अंतर्गत तैयार किया गया था। इसका उद्देश्य कर्मचारियों की सेवा-उन्मुख सोच और पेशेवर कौशल को विकसित करना था।
संवादात्मक और व्यावहारिक प्रशिक्षण मॉडल अपनाया गया
प्रशिक्षण का दूसरा चरण
कार्यक्रम के दूसरे चरण का संचालन शिप्रा सिंह ने किया और इसकी निगरानी डॉ. सुबोध कुमार ने की। इसमें पारंपरिक लेक्चर पद्धति की जगह संवादात्मक और प्रायोगिक प्रशिक्षण मॉडल को अपनाया गया।
इस चरण में शामिल थे:
- समूह चर्चाएं
- टीम आधारित अभ्यास
- समस्या समाधान की गतिविधियां
- भूमिका आधारित कार्य (Role-based Reflection)
आत्म-जागरूकता और नेतृत्व विकास पर केंद्रित सत्र
कार्यक्रम में कुल चार सत्र आयोजित किए गए, जिनमें निम्नलिखित विषयों पर ध्यान दिया गया:
- आत्म-जागरूकता (Self-awareness)
- प्रेरणा (Motivation)
- नेतृत्व कौशल (Leadership)
- सार्वजनिक सेवा के लिए संवेदनशीलता (Service Orientation)
इन सत्रों में प्रतिभागियों को उनकी निजी और पेशेवर जिम्मेदारियों के बारे में सोचने, समझने और बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रेरित किया गया।
आयुष पद्धतियों से जुड़े केस स्टडीज़ साझा किए गए
सत्र के दौरान आयुर्वेद, योग, सिद्ध, यूनानी और होम्योपैथी (AYUSH) से जुड़ी वास्तविक परियोजनाओं और केस स्टडीज़ को प्रस्तुत किया गया।
इन उदाहरणों के माध्यम से प्रशिक्षण को प्रासंगिक और व्यावहारिक संदर्भ प्रदान किया गया।
पहले चरण का उद्घाटन सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने किया था
इससे पूर्व 18 मार्च को आयोजित कार्यक्रम के प्रथम चरण का उद्घाटन आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने किया था।
उन्होंने कहा था:
“हमारा लक्ष्य है एक उत्तरदायी, संवेदनशील और कुशल कार्यबल तैयार करना। इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम सेवा वितरण की गुणवत्ता में निश्चित ही सुधार लाएंगे।”
प्रशिक्षण से अपेक्षित लाभ
उद्देश्य | विवरण |
---|---|
सेवा भावना | कर्मचारियों में सेवा का मूल्य और उसकी महत्ता को बढ़ाना |
कौशल विकास | संवाद, नेतृत्व और समस्या समाधान कौशल में वृद्धि |
आत्म जागरूकता | कार्यस्थल पर भावनात्मक और मानसिक समझ विकसित करना |
टीम भावना | समूह अभ्यासों के माध्यम से सहयोग की भावना को बढ़ाना |
मिशन कर्मयोगी का विस्तार | मिशन के अंतर्गत हर सरकारी कर्मचारी को प्रशिक्षण देना |