आरबीआई रेपो रेट कटौती 2025 की संभावना, आज नीति समीक्षा की घोषणा
"भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा आज, शुक्रवार को होने जा रही है। तीन दिवसीय यह बैठक आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा की अध्यक्षता में बुधवार से चल रही है। अब पूरे देश की नजर इस बात पर टिकी है कि क्या आरबीआई रेपो रेट कटौती 2025 के तहत आम जनता को ब्याज दरों में राहत देगा।"
रेपो रेट फिलहाल 6 प्रतिशत, कटौती की संभावना क्यों?
रेपो रेट वह दर है जिस पर वाणिज्यिक बैंक RBI से धन उधार लेते हैं। वर्तमान में यह दर 6% है। लेकिन आर्थिक परिस्थितियां जैसे महंगाई पर नियंत्रण, विकास को समर्थन और वैश्विक अनिश्चितता को देखते हुए 25 से 50 आधार अंकों की कटौती की संभावना जताई जा रही है।
विशेषज्ञों और अर्थशास्त्रियों की राय
क्या कहता है एसबीआई का विश्लेषण?
SBI की हालिया रिपोर्ट में बताया गया है कि:
- RBI 50 आधार अंक तक की कटौती कर सकता है
- वैश्विक अनिश्चितता और घरेलू मांग को संतुलित करने की जरूरत
- रेपो रेट 5.75% या इससे नीचे आ सकता है
अन्य विशेषज्ञों की राय:
- विकास दर में स्थिरता लाने के लिए ब्याज दरों में नरमी की आवश्यकता
- मुद्रा स्फीति के लक्ष्य के आसपास रहने से राहत की गुंजाइश
- नीतिगत स्पष्टता से उद्योग और रियल एस्टेट को मिलेगा फायदा
पिछली नीतिगत घोषणाओं में भी हुई थी कटौती
RBI ने पिछली दो मौद्रिक नीति बैठकों में भी लगातार 50-50 आधार अंक की कटौती की थी। इससे रेपो रेट 6.5% से घटाकर 6% कर दी गई थी।
रेपो रेट में कटौती के लाभ
आम उपभोक्ताओं के लिए:
- होम लोन, कार लोन और एजुकेशन लोन की ईएमआई में राहत
- उधारी लेना सस्ता होगा
- नए निवेश के लिए सकारात्मक संकेत
उद्योग और व्यापार क्षेत्र के लिए:
- कार्यशील पूंजी पर ब्याज लागत में कमी
- MSME सेक्टर को प्रोत्साहन
- निर्माण क्षेत्र और हाउसिंग मार्केट को बढ़ावा
रेपो रेट में कटौती के संभावित जोखिम
- महंगाई फिर से बढ़ने का खतरा
- मुद्रा मूल्य में उतार-चढ़ाव
- वैश्विक फाइनेंशियल मूवमेंट का असर
इसलिए RBI हर बार इस फैसले में मूल्य स्थिरता और विकास के बीच संतुलन बनाने की कोशिश करता है।
मौद्रिक नीति समिति (MPC) की भूमिका
RBI की मौद्रिक नीति समिति (MPC) छह सदस्यों वाली एक संस्था है, जो हर दो महीने में बैठक कर यह तय करती है कि:
- रेपो रेट में बदलाव किया जाए या नहीं
- महंगाई लक्ष्य कितना है और नीति के अनुरूप है या नहीं
- भारत की आर्थिक दिशा क्या होनी चाहिए
इस बार की बैठक में ब्याज दरों को लेकर बड़ा संकेत मिलने की उम्मीद है।
आरबीआई रेपो रेट कटौती 2025 में राहत की उम्मीद
आरबीआई रेपो रेट कटौती 2025 के तहत आज की नीति समीक्षा से आम आदमी, कारोबारी और बैंकिंग सेक्टर को बड़ी राहत मिल सकती है। यदि रेपो रेट में कटौती होती है, तो यह आर्थिक गतिविधियों को गति देने, निवेश को प्रोत्साहित करने और आम जनता की वित्तीय स्थिति को बेहतर करने में मददगार होगा।