गेहूं खरीद 2025 में रिकॉर्ड बढ़ोतरी: केंद्र ने खरीदे 29.7 मिलियन टन से अधिक, किसानों को 62 हजार करोड़ का एमएसपी भुगतान
“भारत सरकार ने रबी मार्केटिंग सीजन 2025-26 के तहत गेहूं खरीद में नया रिकॉर्ड स्थापित किया है। भारतीय खाद्य निगम (FCI) के आंकड़ों के अनुसार, अब तक 29.7 मिलियन टन (2.97 करोड़ टन) से अधिक गेहूं की खरीद की जा चुकी है। यह आंकड़ा 2021-22 सीजन के बाद का सबसे ऊंचा स्तर है।”
पिछले साल की तुलना में 13.5% अधिक गेहूं खरीद
एफसीआई के आंकड़ों से स्पष्ट हुआ उन्नति का रुख
वर्तमान गेहूं खरीद आंकड़ा पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 13.5% अधिक है। अधिकांश प्रमुख उत्पादक राज्यों — पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश — में गेहूं खरीद लगभग पूरी हो चुकी है।
सरकार का लक्ष्य 312 लाख टन गेहूं खरीदने का
मंत्री प्रल्हाद जोशी ने अनुमानित 325 लाख टन खरीद की संभावना जताई
केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रल्हाद जोशी ने जानकारी दी कि सरकार का लक्ष्य इस बार 312 लाख टन गेहूं खरीदने का है। लेकिन अच्छी पैदावार के चलते उन्होंने उम्मीद जताई है कि यह आंकड़ा 320 से 325 लाख टन तक पहुंच सकता है।
एमएसपी भुगतान में ऐतिहासिक स्तर, 2.27 मिलियन किसानों को लाभ
62,346 करोड़ रुपए का भुगतान
सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के तहत अब तक 62,346.23 करोड़ रुपए का भुगतान किया है। इससे 2.27 मिलियन (22.7 लाख) किसानों को सीधा लाभ पहुंचा है।
उत्पादक राज्यों का योगदान
पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्य इस उपलब्धि में मुख्य भूमिका निभा रहे हैं। इन राज्यों से ही अधिकतर गेहूं की खरीद हो रही है।
भारत का खाद्यान्न उत्पादन भी बढ़ा, 2024-25 में 1663.91 लाख टन
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान की घोषणा
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि 2024-25 में भारत का कुल खाद्यान्न उत्पादन 1663.91 लाख टन तक पहुंच गया है। यह आंकड़ा पिछले साल के 1557.6 लाख टन के मुकाबले 6.83% अधिक है।
रबी फसल उत्पादन में भी वृद्धि
1600.06 लाख टन से बढ़कर 1645.27 लाख टन हुआ उत्पादन
2023-24 में जहां रबी फसलों का उत्पादन 1600.06 लाख टन था, वहीं 2024-25 में यह बढ़कर 1645.27 लाख टन हो गया। यह वृद्धि मौसम की अनुकूलता और सरकारी नीतियों का परिणाम मानी जा रही है।
एफसीआई की भूमिका और रणनीति
संगठित खरीद और भंडारण
भारतीय खाद्य निगम (FCI) ने खरीद प्रक्रिया को सुनियोजित और पारदर्शी बनाया है। राज्य एजेंसियों के सहयोग से खरीद प्रक्रिया समय पर पूरी की जा रही है और संगठित भंडारण व्यवस्था भी मजबूत हुई है।
गेहूं खरीद 2025 और एमएसपी भुगतान से किसानों में उत्साह
प्रत्यक्ष लाभ अंतरण की प्रक्रिया
एमएसपी का भुगतान डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से किसानों के बैंक खातों में हो रहा है, जिससे बिचौलियों की भूमिका खत्म हो गई है और किसानों को समय पर भुगतान मिल रहा है।
सरकार की प्राथमिकता: खाद्यान्न सुरक्षा और आत्मनिर्भरता
देश की खाद्यान्न आवश्यकताओं की पूर्ति
भारत अब न केवल अपनी आंतरिक खाद्यान्न जरूरतों को पूरा कर रहा है, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी खाद्यान्न सहायता और निर्यात के लिए सक्षम होता जा रहा है।
खाद्यान्न टोकरी बनने का लक्ष्य
कृषि मंत्री चौहान के अनुसार, सरकार का विजन है कि भारत दुनिया की खाद्यान्न टोकरी बने। इसके लिए उत्पादन, भंडारण और वितरण तंत्र को लगातार बेहतर किया जा रहा है।
अन्य फसलों की खरीद पर भी ध्यान
हालांकि फिलहाल फोकस गेहूं पर है, सरकार धान, दलहन और तिलहन की खरीद में भी समान पारदर्शिता और संरचना लागू करने की दिशा में कार्य कर रही है। इससे किसानों को सभी फसलों पर सही मूल्य मिल सकेगा।
गेहूं खरीद 2025: क्या आगे बढ़ेगा रिकॉर्ड?
अगर मौसम अनुकूल रहा और किसानों को निरंतर समर्थन मिला, तो गेहूं खरीद 2025 का अंतिम आंकड़ा देश की कृषि नीति की बड़ी सफलता साबित हो सकता है। इससे कृषि आधारित ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और खाद्यान्न भंडारण में आत्मनिर्भरता बढ़ेगी।
