संभल मंदिर-मस्जिद विवाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट में आज होगी सुनवाई
"उत्तर प्रदेश के संभल जिले में स्थित शाही जामा मस्जिद और हरिहर मंदिर को लेकर विवाद उत्पन्न हुआ है। हिंदू पक्ष का दावा है कि मस्जिद का निर्माण एक प्राचीन मंदिर को ध्वस्त करके किया गया था। इस दावे के समर्थन में उन्होंने अदालत में याचिका दायर की, जिसमें मस्जिद परिसर में सर्वेक्षण की मांग की गई।"
अदालती कार्यवाही
प्रारंभिक आदेश और सर्वेक्षण
19 नवंबर 2024 को, संभल की सिविल अदालत ने एक अधिवक्ता आयुक्त की नियुक्ति की और मस्जिद परिसर का सर्वेक्षण करने का आदेश दिया। यह सर्वेक्षण उसी दिन और 24 नवंबर को किया गया, जिसकी रिपोर्ट 29 नवंबर तक प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया था।
उच्च न्यायालय में पुनरीक्षण याचिका
मस्जिद प्रबंधन समिति ने इस आदेश के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में पुनरीक्षण याचिका दायर की, जिसमें उन्होंने सर्वेक्षण को धार्मिक अधिकारों में हस्तक्षेप बताया। हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर 25 फरवरी 2025 तक रोक लगा दी।
एएसआई की भूमिका
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने अदालत से जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा, जिसे स्वीकार करते हुए हाईकोर्ट ने 5 मई 2025 को अगली सुनवाई की तारीख निर्धारित की।
सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी
सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें मस्जिद की बाहरी दीवारों की रंगाई और सजावट की अनुमति दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है।
आज की सुनवाई के मुख्य बिंदु
इलाहाबाद हाईकोर्ट में आज, 5 मई 2025 को, शाही जामा मस्जिद और हरिहर मंदिर विवाद पर सुनवाई होगी।एएसआई को जवाब दाखिल करने के लिए 48 घंटे का समय दिया गया था, जबकि मस्जिद समिति को एक सप्ताह का समय मिला था।हाईकोर्ट यह तय करेगा कि मस्जिद परिसर में सर्वेक्षण और अन्य कार्यवाहियों पर आगे क्या कदम उठाए जाएं।
