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कांग्रेस की वापसी के लिए संजय झा की पांच रणनीतियाँ, शैडो कैबिनेट से आया प्लान

“कांग्रेस को फिर से मज़बूत करने के लिए संजय झा ने रखे 5 अहम सुझाव कांग्रेस के पुनरुद्धार के लिए संजय झा की योजना इन दिनों राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बनी हुई है। कांग्रेस सेवा दल की शैडो कैबिनेट की एक बैठक में पार्टी के पूर्व प्रवक्ता और विचारक संजय झा ने कांग्रेस को जमीनी स्तर पर मज़बूत करने के लिए पांच प्रमुख बिंदुओं वाला रोडमैप पेश किया। उन्होंने साफ कहा कि अगर कांग्रेस को राष्ट्रीय स्तर पर दोबारा मजबूत बनाना है, तो संगठनात्मक, वैचारिक और नेतृत्व स्तर पर गहराई से बदलाव करने होंगे।”


संजय झा का पहला बिंदु: संगठनात्मक ढांचे को पुनर्गठित करना

संजय झा ने कहा कि कांग्रेस की सबसे बड़ी चुनौती है संगठन का निष्क्रिय हो जाना। ज़िला और प्रदेश स्तर पर पार्टी कार्यकर्ता सक्रिय नहीं हैं या उन्हें दिशा नहीं मिल रही है।

उनका सुझाव है कि ब्लॉक और पंचायत स्तर तक संगठनात्मक चुनाव नियमित रूप से कराए जाएं और उसमें युवाओं, महिलाओं और सामाजिक रूप से वंचित वर्गों को प्राथमिकता दी जाए।


दूसरा बिंदु: विचारधारा को लेकर स्पष्टता और संवाद

कांग्रेस के पुनरुद्धार के लिए संजय झा ने यह भी कहा कि पार्टी को अपनी विचारधारा को फिर से स्पष्ट रूप से सामने लाना होगा।

लोगों को यह समझाना ज़रूरी है कि कांग्रेस किस बात के लिए खड़ी है – सामाजिक न्याय, धर्मनिरपेक्षता, आर्थिक समानता और लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए।

इसके लिए उन्होंने नए मीडिया अभियान और जनसंवाद यात्रा जैसे कार्यक्रमों का सुझाव दिया।


तीसरा बिंदु: नेतृत्व में पारदर्शिता और जवाबदेही

संजय झा के अनुसार, कांग्रेस को अपनी नेतृत्व संरचना में पारदर्शिता लानी चाहिए।

चुनावों में हार या कमज़ोर प्रदर्शन के बाद जवाबदेही तय होनी चाहिए। इसके अलावा, नेतृत्व चयन के लिए आंतरिक लोकतंत्र को बढ़ावा देना ज़रूरी है।

उन्होंने प्रस्ताव दिया कि सीनियर और जूनियर नेताओं के बीच नियमित संवाद हो और युवाओं को नेतृत्व में जगह मिले।


चौथा बिंदु: युवाओं को कांग्रेस से जोड़ना

झा ने कहा कि युवा भारत की आत्मा हैं, और कांग्रेस को अपनी ऊर्जा का बड़ा हिस्सा युवाओं को पार्टी से जोड़ने में लगाना चाहिए।

इसके लिए उन्होंने सोशल मीडिया का सशक्त उपयोग, कैंपस संवाद कार्यक्रम और कॉलेज-यूनिवर्सिटी इकाइयों को पुनर्जीवित करने की बात कही।

उन्होंने कहा कि युवाओं को केवल वोटर नहीं, बल्कि नेता और नीति-निर्माता के रूप में देखा जाए।


पांचवां बिंदु: गठबंधन रणनीति और क्षेत्रीय दलों से तालमेल

झा का मानना है कि वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में कांग्रेस को अकेले लड़ना मुश्किल है।

इसलिए उन्होंने राज्यों में क्षेत्रीय दलों के साथ सम्मानजनक गठबंधन को प्राथमिकता देने की सलाह दी। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस को गठबंधन में नेतृत्वकारी भूमिका निभाने के लिए पहले खुद को मज़बूत करना होगा।


सेवा दल शैडो कैबिनेट: कांग्रेस सुधार की नई पहल

इस पूरी बातचीत का मंच था सेवा दल की शैडो कैबिनेट, जो कांग्रेस के भीतर विचार और रणनीति के एक वैकल्पिक मंच के रूप में उभर रही है।

यह मंच पार्टी के भीतर सक्रिय, विचारशील और नए सोच वाले नेताओं को साथ लाकर नीतिगत सुझाव देने और संगठनात्मक सुधारों की योजना बनाने में जुटा है।


कांग्रेस कार्यकर्ताओं और वरिष्ठ नेताओं की प्रतिक्रिया

संजय झा के इन सुझावों को कई वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं ने गंभीरता से लिया है।

कई नेताओं का मानना है कि पार्टी को इसी तरह के आत्ममंथन और ठोस रोडमैप की ज़रूरत है। वहीं कुछ वर्गों ने यह भी कहा कि इन सुझावों को अमल में लाने के लिए पार्टी नेतृत्व की राजनीतिक इच्छाशक्ति ज़रूरी है।


आगे क्या ?

कांग्रेस के पुनरुद्धार के लिए संजय झा की यह योजना चाहे पार्टी नेतृत्व द्वारा तुरंत अपनाई जाए या नहीं, लेकिन इससे पार्टी के भीतर बदलाव की बहस को गति जरूर मिली है।

कई युवा कार्यकर्ता इसे एक नई शुरुआत की तरह देख रहे हैं और उम्मीद जता रहे हैं कि यह विचार व्यवहारिक रूप ले सकेगा।

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