संसदीय समिति का कश्मीर दौरा: पहलगाम आतंकी हमले के बाद जमीनी हालात की होगी समीक्षा
“जम्मू-कश्मीर, 28 जून 2025 – जम्मू-कश्मीर के पहलगाम स्थित बैसरन घाटी में हाल ही में हुए आतंकी हमले के बाद, संसदीय समिति का कश्मीर दौरा अब सुरक्षा और प्रशासनिक उपायों की प्रत्यक्ष समीक्षा करने के उद्देश्य से होने जा रहा है। इस दौरे की अध्यक्षता वरिष्ठ बीजेपी सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर कर रहे हैं। इस हमले के बाद यह पहला आधिकारिक और उच्च स्तरीय दौरा होगा, जिसमें समिति कई स्तरों पर चर्चाएं करेगी और प्रत्यक्ष निरीक्षण कर स्थिति का मूल्यांकन करेगी।”
जम्मू से होगी समिति की यात्रा की शुरुआत
समिति अपने दौरे की शुरुआत जम्मू से करेगी, जहां राज्य के शीर्ष प्रशासनिक अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठकें आयोजित होंगी। इन बैठकों का मुख्य उद्देश्य होगा:
- आतंकी घटनाओं के बाद उठाए गए सुरक्षा कदमों की समीक्षा
- स्थानीय प्रशासन की तैयारियों का आकलन
- नागरिक सुरक्षा के उपायों पर चर्चा
इस अवसर पर प्रतिनिधिमंडल माता वैष्णो देवी मंदिर में दर्शन करेगा, जो यात्रा का एक धार्मिक और सांस्कृतिक पक्ष जोड़ता है।
श्रीनगर में होगी क्षेत्रीय विकास और आतंकवाद के प्रभाव पर चर्चा
जम्मू के बाद समिति वंदे भारत एक्सप्रेस से श्रीनगर के लिए रवाना होगी। वहां वे स्थानीय प्रतिनिधियों, नागरिक समाज और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठकों के माध्यम से निम्नलिखित मुद्दों पर चर्चा करेंगे:
- आतंकवाद का स्थानीय लोगों के जीवन पर प्रभाव
- पर्यटन पर पड़ रहा प्रतिकूल असर
- क्षेत्रीय आर्थिक विकास की बाधाएं
- युवाओं के लिए रोजगार और शिक्षा के अवसर
बैसरन घाटी: घटनास्थल पर प्रत्यक्ष मूल्यांकन
संसदीय समिति के इस विस्तृत दौरे का सबसे संवेदनशील चरण होगा पहलगाम के बैसरन घाटी का निरीक्षण। यहां हुए हालिया आतंकी हमले ने देश को झकझोर दिया था। हमलावरों ने निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाते हुए, उनके नाम पूछकर गोलियां चलाईं।
प्रत्यक्ष निरीक्षण के दौरान समिति:
- सुरक्षा व्यवस्था की मौजूदा स्थिति का मूल्यांकन करेगी
- स्थानीय निवासियों से मुलाकात कर उनके अनुभव और आशंकाएं सुनेगी
- स्थानीय पुलिस और सेना से मिलकर भविष्य की रणनीतियों पर संवाद करेगी
सरकारी समन्वय: खनन विभाग की भूमिका
इस दौरे के समन्वय की जिम्मेदारी भूविज्ञान और खनन निदेशक एस.पी. रुकवाल को सौंपी गई है। यह दर्शाता है कि समिति कोयला, खान और इस्पात मंत्रालय से संबंधित है, जो इस दौरे का मूल कार्यक्षेत्र भी है।
हालांकि इस बार समिति का ध्यान मुख्यतः सुरक्षा, सामाजिक स्थिरता और पर्यटन की पुनर्बहाली पर केंद्रित होगा।
राष्ट्रीय और स्थानीय महत्व के मुद्दों पर चर्चा
यह दौरा सिर्फ एक सामान्य औपचारिकता नहीं है, बल्कि यह कई मुद्दों पर केंद्रित रहेगा जो जम्मू-कश्मीर के भविष्य को प्रभावित करते हैं। इनमें प्रमुख हैं:
- राष्ट्रीय सुरक्षा नीति के संदर्भ में जम्मू-कश्मीर का महत्व
- स्थानीय जनता की विश्वास बहाली
- विकास योजनाओं की गति और उनका क्रियान्वयन
- पर्यटन उद्योग की बहाली और विस्तार
देशभर में जन आक्रोश और राजनीतिक सक्रियता
घटना के बाद पूरे देश में रोष की लहर देखी गई थी। इस दौरे के माध्यम से संसद यह संदेश देना चाहती है कि वह नागरिकों की सुरक्षा और राष्ट्र की एकता के प्रति प्रतिबद्ध है।
“संसदीय समिति का कश्मीर दौरा इस बात का संकेत है कि भारत सरकार जम्मू-कश्मीर की संवेदनशीलता को लेकर गंभीर है। यह दौरा सुरक्षा के साथ-साथ विकास और सामाजिक स्थिरता की दिशा में भी आगे बढ़ने का प्रयास है। पहलगाम हमले के बाद यह दौरा न केवल प्रशासनिक बल्कि राजनीतिक और राष्ट्रीय स्तर पर भी महत्त्वपूर्ण संकेत देता है।”