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गाजा में रमजान के दौरान संघर्ष की छाया

गाजा पट्टी में रमजान का महीना हमेशा से आध्यात्मिकता, सामुदायिकता और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक रहा है। हालांकि, इस वर्ष 2025 में, गाजा के निवासियों के लिए रमजान संघर्ष और अनिश्चितता की छाया में बीत रहा है। इज़राइल और हमास के बीच जारी तनाव, मानवीय सहायता की कमी, और आर्थिक चुनौतियाँ इस पवित्र महीने की पवित्रता को प्रभावित कर रही हैं।​

संघर्ष विराम वार्ता में गतिरोध और बढ़ती चिंताएँ

गाजा के फिलिस्तीनियों ने इस साल रमजान का स्वागत भारी मन से किया है। हमास और इज़राइल के बीच संघर्ष विराम के दूसरे चरण की वार्ता ठप होने से, पहले से ही तबाह हो चुके शहर के निवासियों की चिंताएँ बढ़ गई हैं। उन्हें डर है कि यदि वार्ता असफल रही, तो इज़राइली हमले फिर से शुरू हो सकते हैं, जिससे उनकी सुरक्षा और जीवनयापन पर और अधिक खतरा मंडरा सकता है। ​

मानवीय सहायता पर रोक और आवश्यक वस्तुओं की कमी

इज़राइल ने गाजा पट्टी में सभी प्रकार की सहायता और आपूर्ति को रोकने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने इस निर्णय की घोषणा करते हुए चेतावनी दी है कि यदि हमास अमेरिका के युद्धविराम विस्तार प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करता है, तो उसे “अतिरिक्त परिणाम” भुगतने पड़ सकते हैं। ​

इस प्रतिबंध के परिणामस्वरूप, गाजा में खाद्य पदार्थों और अन्य आवश्यक वस्तुओं की भारी कमी हो गई है। चीनी की कीमत 200 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुँच गई है, जबकि चिकन 1200 रुपये प्रति किलोग्राम बिक रहा है। इसके अलावा, रसोई गैस की कीमत 35,883 रुपये प्रति सिलेंडर तक पहुँच गई है, जिससे इफ्तार और सेहरी की तैयारियों में मुश्किलें आ रही हैं।

आर्थिक संकट और जीवनयापन की चुनौतियाँ

युद्ध और प्रतिबंधों के कारण गाजा की अर्थव्यवस्था पर गंभीर प्रभाव पड़ा है। व्यापार, उद्योग, और सेवाएँ ठप हो गई हैं, जिससे बेरोजगारी और गरीबी बढ़ी है। लोगों के पास आय के स्रोत सीमित हो गए हैं, जिससे वे अपने परिवारों की बुनियादी जरूरतें पूरी करने में असमर्थ हो रहे हैं। रमजान के दौरान, जब खर्चों में सामान्यतः वृद्धि होती है, यह आर्थिक संकट और भी अधिक महसूस किया जा रहा है।​

अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रिया

गाजा की वर्तमान स्थिति ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का ध्यान आकर्षित किया है। संयुक्त राष्ट्र, यूरोपीय संघ, और अन्य अंतर्राष्ट्रीय संगठनों ने मानवीय सहायता की बहाली और संघर्ष विराम की अपील की है। हालांकि, राजनीतिक जटिलताओं और क्षेत्रीय हितों के कारण, ठोस समाधान तक पहुँचने में बाधाएँ बनी हुई हैं।​

सांस्कृतिक और धार्मिक प्रभाव

रमजान का महीना मुस्लिम समुदाय के लिए विशेष महत्व रखता है, जिसमें वे रोज़ा रखते हैं, प्रार्थना करते हैं, और सामूहिक इफ्तार का आयोजन करते हैं। हालांकि, गाजा में मौजूदा हालात के कारण, इन धार्मिक गतिविधियों का आयोजन कठिन हो गया है। सामूहिक इफ्तार और तरावीह की नमाज़ों में शामिल होना जोखिमभरा हो गया है, जिससे समुदाय की एकजुटता प्रभावित हो रही है।​

निष्कर्ष

गाजा में रमजान का यह वर्ष संघर्ष, अनिश्चितता, और कठिनाइयों से घिरा हुआ है। स्थानीय निवासियों को न केवल अपनी सुरक्षा की चिंता है, बल्कि वे अपने परिवारों की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए भी संघर्ष कर रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की जिम्मेदारी है कि वे इस मानवीय संकट का समाधान खोजने में सक्रिय भूमिका निभाएँ, ताकि गाजा के लोग भी रमजान की पवित्रता और शांति का अनुभव कर सकें।

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