शशि थरूर ने TRF को वैश्विक आतंकी संगठन घोषित करने के अमेरिकी फैसले का स्वागत किया
TRF को वैश्विक आतंकी संगठन घोषित करने पर शशि थरूर का स्वागत, कहा- पाकिस्तान पर बढ़ेगा दबाव
“.कांग्रेस सांसद डॉ. शशि थरूर ने लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकी संगठन The Resistance Front (TRF) को अमेरिका द्वारा वैश्विक आतंकी संगठन घोषित किए जाने के फैसले का खुले शब्दों में स्वागत किया है। थरूर ने इसे एक ऐसा कदम बताया है जिससे पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दबाव बढ़ेगा कि वह अपनी जमीन से आतंक को समर्थन देना बंद करे।”
पृष्ठभूमि: पहलगाम हमला और TRF की भूमिका
22 अप्रैल
2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए एक भीषण आतंकी हमले में
26 निर्दोष नागरिक मारे गए।
- इस हमले की जिम्मेदारी TRF ने ली थी, जो लश्कर-ए-तैयबा का छद्म संगठन माना जाता है।
- इस घटना के बाद अमेरिका ने द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) को विदेशी आतंकवादी संगठन (FTO) और विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी (SDGT) की सूची में डाल दिया।
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो का बयान
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने स्पष्ट किया कि यह कदम:
- अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने
- आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में प्रतिबद्धता दिखाने
- और पहलगाम हमले में न्याय सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
शशि थरूर की प्रतिक्रिया और उम्मीदें
शशि थरूर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म
‘X’ पर लिखा:
“मैं अमेरिकी विदेश विभाग के इस फैसले का स्वागत करता हूं कि उसने लश्कर के प्रतिनिधि संगठन TRF को आतंकवादी घोषित किया है। इससे पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ेगा कि वह इन संगठनों की गतिविधियों को नियंत्रित करे।”
उन्होंने यह भी कहा कि यह निर्णय भारत की संवेदनशीलता और सुरक्षा चिंताओं को वैश्विक मान्यता दिलाने की दिशा में एक अहम मील का पत्थर है।
पाकिस्तान की भूमिका पर थरूर की टिप्पणी
शशि थरूर ने अपने अमेरिका दौरे का ज़िक्र करते हुए बताया कि:
- उन्होंने अमेरिकी अधिकारियों से पूछा कि पाकिस्तान को अभी भी आतंकियों को पनाह देने की छूट क्यों है।
- अमेरिकी पक्ष ने जवाब दिया कि पाकिस्तान कुछ हद तक आतंकवाद विरोधी अभियानों में सहयोग करता है।
काबुल एयरपोर्ट हमले के आरोपी की गिरफ्तारी का उदाहरण
अमेरिका को हाल ही में काबुल एयरपोर्ट आत्मघाती हमले के आरोपी को पाकिस्तान द्वारा सौंपा गया है, जिसे अमेरिका एक सकारात्मक कदम मान रहा है।
भारत की चिंताएं: दोहरा रवैया
थरूर ने दो टूक कहा कि पाकिस्तान का रवैया:
- उन आतंकियों के प्रति नरम होता है जो भारत के खिलाफ काम करते हैं,
- जबकि वह अमेरिका विरोधी आतंकियों पर कार्रवाई करता है।
इसलिए भारत की नज़र में पाकिस्तान की आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई की नीयत और गुणवत्ता संदिग्ध है।
संयुक्त राष्ट्र में सूचीबद्ध करने की कोशिश को मिलेगा बल
TRF को अमेरिकी आतंकवादी सूची में शामिल किए जाने से:
- भारत की ओर से संयुक्त राष्ट्र में TRF को प्रतिबंधित करवाने की मुहिम को गति मिलेगी।
- इससे भारत को संकल्प प्रस्तावों पर अधिक समर्थन मिलने की संभावना है।
क्वाड बैठक और भारत-अमेरिका संवाद
हाल ही में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी क्वाड बैठक में TRF जैसे संगठनों के खिलाफ वैश्विक समन्वय की आवश्यकता जताई थी।
- उन्होंने अमेरिका को बताया था कि पाकिस्तान TRF को समर्थन देता है, और इससे भारत की सुरक्षा को खतरा है।
भारतीय प्रतिनिधिमंडल की वाशिंगटन यात्रा
जून
2025 में शशि थरूर के नेतृत्व में एक सर्वदलीय भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने वाशिंगटन का दौरा किया था।
- इस दौरान अमेरिकी सांसदों और अधिकारियों को TRF की भूमिका और पाकिस्तान के समर्थन पर विस्तृत जानकारी दी गई।
- उसी संदर्भ में यह अमेरिकी फैसला भारत-अमेरिका आतंकवाद विरोधी सहयोग का परिणाम माना जा रहा है।
TRF को वैश्विक आतंकी संगठन घोषित करना: भारत-अमेरिका सहयोग की नई दिशा
TRF को आतंकवादी घोषित करना केवल एक कानूनी या राजनीतिक निर्णय नहीं, बल्कि यह:
- भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा को सुदृढ़ करने
- पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय दबाव में लाने
- और आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक संकल्प को बल देने वाला कदम है।
"
TRF को वैश्विक आतंकी संगठन घोषित करने का अमेरिकी निर्णय भारत के लिए एक रणनीतिक जीत है। इससे आतंक के खिलाफ भारत की लड़ाई को वैश्विक समर्थन मिलता है और यह संकेत भी जाता है कि आतंकी संगठनों के खिलाफ अब कोई नरमी नहीं बरती जाएगी। शशि थरूर और भारतीय प्रतिनिधिमंडल की अमेरिका में की गई कूटनीतिक पहलें अब प्रत्यक्ष परिणाम देने लगी हैं। आने वाले समय में यह सहयोग भारत की सुरक्षा और विदेश नीति को अधिक प्रभावशाली बनाएगा।"