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शोपियां में आतंकी मददगार की गिरफ्तारी – आतंक के नेटवर्क पर पुलिस का शिकंजा

"जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले के डीके पोरा इलाके में सुरक्षा बलों और पुलिस ने एक संयुक्त कार्रवाई में दो आतंकवादी मददगारों को गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ी कामयाबी मानी जा रही है, क्योंकि ये आरोपी स्थानीय आतंकियों के संपर्क में थे और उन्हें रसद, ठिकाने और सूचनाएं उपलब्ध करा रहे थे।"

डीके पोरा बना था आतंकियों का ठिकाना

डीके पोरा गांव लंबे समय से आतंकियों की गतिविधियों के कारण सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर था। खुफिया सूचना के आधार पर जब तलाशी अभियान चलाया गया, तो दो संदिग्धों को पकड़ा गया। पूछताछ में उन्होंने स्वीकार किया कि वे सक्रिय आतंकियों की मदद कर रहे थे।

सुरक्षा एजेंसियों का दावा – आतंक का लोकल नेटवर्क कमजोर हुआ

पुलिस का कहना है कि इन दोनों गिरफ्तार लोगों की पहचान उनके मोबाइल और अन्य डिजिटल उपकरणों से मिली जानकारी के आधार पर हुई। ये संदिग्ध आतंकी नेटवर्क का हिस्सा थे, जो लोकल स्तर पर आतंकियों को पनाह और संसाधन देते थे।

आतंकवाद के खिलाफ जम्मू-कश्मीर में बढ़ती कार्रवाई

जम्मू-कश्मीर में पिछले कुछ महीनों में आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई में तेजी आई है। कई इलाकों में सुरक्षा बलों ने छापेमारी कर आतंकियों और उनके सहयोगियों को पकड़ा है। इससे साफ होता है कि सरकार और सुरक्षा एजेंसियां आतंक के खात्मे के लिए प्रतिबद्ध हैं।

स्थानीय युवाओं को बरगलाकर आतंकी बना रहे हैं संगठन

आतंकी संगठन अक्सर स्थानीय युवाओं को गुमराह कर अपने नेटवर्क में शामिल करते हैं। गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपी भी इसी तरह की प्रक्रिया का हिस्सा बने। इनके माध्यम से आतंकियों को भोजन, रहने की जगह और लोकेशन की जानकारी मिलती थी।

तकनीकी जांच और डिजिटल सबूतों की मदद से गिरफ्तारी

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार दोनों लोगों के मोबाइल फोन और सोशल मीडिया गतिविधियों की जांच के बाद उनकी भूमिका स्पष्ट हुई। तकनीकी साक्ष्यों की सहायता से इनका आतंकी गतिविधियों में शामिल होना साबित हुआ।

आने वाले समय में और भी गिरफ्तारियों की संभावना

सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि इन गिरफ्तारियों से मिली जानकारी के आधार पर आने वाले दिनों में और भी लोगों की गिरफ्तारी हो सकती है। यह कार्रवाई आतंकी नेटवर्क के कई हिस्सों को उजागर कर सकती है।

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