Shubham Sharma : लाल गेंद क्रिकेट का धुरंधर चेहरा
“Shubham Sharma क्रिकेट के यह जादुई ग्रह में जब भी हमें सफलता की कहानियों पर सोचते हैं, तो आमतौर पर मन में आईपीएल और टी20 जैसे platform आते हैं। लेकिन भारत में कुछ खिलाड़ी ऐसे भी हैं जिन्होंने पैसे और फेम के पीछे दौड़ने के बजाय अपने जीवन को घरेलू क्रिकेट के लिए समर्पित कर दिया। इन्हीं में से एक हैं Shubham Sharma, मध्य प्रदेश रणजी टीम के कप्तान। इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि कैसे उन्होंने खुद को लाल गेंद क्रिकेट का असला खिलाड़ी साबित किया। यह आर्टिकल आपके लिए बहुत खुशी है Dev Das की ओर से।”
शुरुआती सफर और प्रेरणा
shubham sharma का क्रिकेट यात्रा बहुत ही रोमांचक है। बचपन से ही उनका झुकाव रूल गेंद क्रिकेट की तरफ रहा। जब अधिकांश युवा खिलाड़ी टी
20 और फास्ट पैसे कमाने के हार्ड कोर प्लेटफार्म पर ध्यान देते हैं, तभी उन्होंने अपने करियर को
perseverance और तकनीक पर आधारित क्रिकेट को समर्पित किया। उनकी सच्ची प्रेरणा रहे राहुल द्रविड़। नेशनल क्रिकेट अकादमी में जब द्रविड़ ने अंडर-
16 टीम के खिलाड़ियों को सिखाया, तब
shubham sharma भी उनके बीच शामिल थे। द्रविड़ का शिक्षण – "मैच की तैयारी ही जीत की नींव है" – आज भी उनकी जिंदगी का एक हिस्सा है।
होम क्रिकेट में आँकड़ें अगर शुभम शर्मा के आँकड़ों की बात करें, तो वे किसी भी बड़े खिलाड़ी से कम नहीं हैं।
उन्होंने
67प्रथम श्रेणी मैचों में
4301रन बनाए।
उनका औसत
43.44रहा, जो उनकी निरंतरता को दिखाता है।
उनके नाम
12शतक और
23अर्धशतक दर्ज हैं।
उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर
240रन रहा है।
इसके अलावा,
44 लिस्ट ए मैचों में उन्होंने
1477 रन बनाए। वहीं, सीमित ओवरों के क्रिकेट में भी उन्होंने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, लेकिन उनका असली मैदान हमेशा रणजी ट्रॉफी रहा।
गेंदबाजी का हुनर
shubham sharma केवल बल्लेबाज ही नहीं, बल्कि ऑफ-ब्रेक गेंदबाज भी हैं।
प्रथम श्रेणी क्रिकेट में उनके नाम
28विकेट हैं।
उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन
5/59रहा।
लिस्ट ए क्रिकेट में उन्होंने
23विकेट चटकाए।
यह स्पष्ट है कि वह टीम के लिए एक ऑलराउंडर की भूमिका निभाते हैं।
रणजी ट्रॉफी जीत और कप्तानी
2021-22 का सीज़न
shubham sharma के करियर का सुनहरा अध्याय है। उन्होंने उस सीज़न में शानदार बल्लेबाजी करते हुए
6 मैचों में
608 रन बनाए और मध्य प्रदेश को पहली बार रणजी ट्रॉफी जिताई। फाइनल मैच में मुंबई जैसी दिग्गज टीम के खिलाफ शतक जड़कर उन्होंने दिखाया कि उनमें बड़े मौकों पर परफॉर्म करने का साहस है। उनकी कप्तानी में टीम ने आत्मविश्वास से खेला और इतिहास रचा।
2021-22 की बहुमुखी प्रदर्शन यदि हम उस सीज़न का विस्तृत विश्लेषण करते हैं तो
shubham sharma ने सभी घरेलू टूर्नामेंट मिलाकर
2849 रन बनाए हैं। इस प्रक्रिया में उन्होंने
9 शतक लिए और औसत
52.75 के साथ रहे। यह उनके खेल कौशल और फिटनेस का प्रमाण है।
इंडिया अंडर-
19 से इंडिया ए तक की यात्र अधूरी यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि
shubham sharma को कभी इंडिया अंडर
-19 या इंडिया ए टीम में खेलने का अवसर नहीं मिला। उन्हें
2012 में अंडर-
19 विश्व कप की प्रारंभिक टीम में चुना गया था, लेकिन अंतिम टीम में शामिल नहीं हो सके। उनके साथी खिलाड़ियों की तरह रजत पाटीदार, वेंकटेश अय्यर और आवेश खान टीम इंडिया तक पहुँचे। लेकिन शुबहम शार्मा ने हार नहीं मानी और घरेलू क्रिकेट में पहचान बनाई।
दलीप ट्रॉफी में शानदार पारी हाल ही में दलीप ट्रॉफी में नॉर्थ ईस्ट ज़ोन के खिलाफ उन्होंने दूसरी पारी में
122 रन बनाए। इस पारी ने एक बार फिर यह साबित किया कि
shubham sharma लंबे फॉर्मेट के खिलाड़ी हैं।
वसीम जाफर से तुलना अन्य कमेंटेटर्स ने उनकी को दिग्गज बल्लेबाज वसीम जाफर से जोड़ा है। उनकी शॉट चयन, तकनीक और धैर्य से भरी पारियाँ लंबे अंतराल तक क्रीज पर टिकने का प्रदर्शन करती हैं।
क्यों खास हैं
shubham sharma ? आज जब क्रिकेट की दुनिया में पैसा और शोहरत सबसे बड़ा लक्ष्य बन गया है, तब
shubham sharma जैसे खिलाड़ी हमें यह याद दिलाते हैं कि क्रिकेट का असली सौंदर्य लाल गेंद के खेल में है।
उन्होंने लगातार प्रदर्शन से मध्य प्रदेश को रणजी जीत दिलाई।
टीम की कप्तानी करते हुए अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाई।
युवा खिलाड़ियों के लिए वह एक प्रेरणा बने।
Dev Das की यह प्रस्तुति में हमने देखा कि
shubham sharma का करियर हमें क्रिकेट का असला महत्व सिखाता है। रणजी ट्रॉफी में उनकी कप्तानी और बल्लेबाजी ने उन्हें घरेलू क्रिकेट का सच्चा हीरो बना दिया। उन्होंने दिखाया कि मेहनत और धैर्य से बड़े मंचों पर नाम कमाना ही सफलता की असली परिभाषा है।