शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष उपलब्धि पर संसद में विशेष चर्चा: विकसित भारत 2047 के लिए नई दिशा
शुभांशु शुक्ला की सफलता ने बढ़ाया भारत का मान
“भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला की सफलता पर देशभर में गर्व का माहौल है। उन्होंने नासा के एक्सियॉम-4 मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर 25 जून से 15 जुलाई 2025 तक 18 दिन बिताए। इस दौरान उन्होंने कई वैज्ञानिक प्रयोग किए और अंतरिक्ष से भारत के छात्रों के लिए प्रेरणादायक सत्र आयोजित किए।”
संसद में विशेष चर्चा का ऐलान
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि संसद में शुभांशु शुक्ला की ऐतिहासिक उपलब्धि पर विशेष चर्चा होगी। लोकसभा सचिवालय ने इस चर्चा का शीर्षक रखा है: “भारत का पहला अंतरिक्ष यात्री आईएसएस पर – विकसित भारत
2047 के लिए अंतरिक्ष कार्यक्रम की महत्वपूर्ण भूमिका”।
विपक्ष से सहयोग की अपील
रिजिजू ने उम्मीद जताई कि विपक्ष इस विषय पर सकारात्मक रवैया अपनाएगा। उन्होंने कहा कि जैसे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर विपक्ष ने सेना की सराहना की थी, वैसे ही शुभांशु शुक्ला की सफलता पर भी समर्थन मिलेगा।
चुनाव आयोग पर विपक्षी विवाद पर प्रतिक्रिया
रिजिजू ने विपक्षी सांसदों के चुनाव आयोग विरोध प्रदर्शन पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि संसद में हंगामा करने से कुछ हासिल नहीं होगा। चुनाव आयोग एक स्वतंत्र संवैधानिक संस्था है और उसे कांग्रेस को ही जवाब देना चाहिए।
भारत के अंतरिक्ष भविष्य पर ध्यान
संसद की इस चर्चा में भारत के भविष्य के अंतरिक्ष कार्यक्रमों पर भी विचार किया जाएगा, जैसे:
- गगनयान मिशन
- स्वदेशी अंतरिक्ष स्टेशन का निर्माण
- वैश्विक अंतरिक्ष सहयोग
रिजिजू ने कहा कि शुभांशु का मिशन भारत के वैश्विक सहयोग और अंतरिक्ष विज्ञान में योगदान का प्रतीक है।
राष्ट्रीय गौरव और प्रेरणा
दिल्ली लौटने पर शुभांशु शुक्ला का भव्य स्वागत किया गया। वह जल्द ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे।
22-23 अगस्त को वह राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस समारोह में भी शामिल होंगे। उनकी सफलता ने युवा वैज्ञानिकों और छात्रों के लिए नई प्रेरणा का स्रोत प्रदान किया है।
विकसित भारत 2047 और अंतरिक्ष कार्यक्रम
भारत का लक्ष्य
2047 तक विकसित राष्ट्र बनने का है। अंतरिक्ष कार्यक्रम इस दिशा में एक मजबूत स्तंभ है।
- अंतरिक्ष विज्ञान से नई तकनीकी प्रगति
- अंतरिक्ष सहयोग से वैश्विक पहचान
- युवाओं के लिए नई अवसरों की राह
शुभांशु शुक्ला की सफलता ने यह साबित कर दिया है कि भारत अब केवल अंतरिक्ष यात्री भेजने वाला देश नहीं, बल्कि अंतरिक्ष अनुसंधान और नवाचार में अग्रणी बनने की राह पर है।