Stubble Burning Pollution: पराली जलाने पर पंजाब-हरियाणा में ठनी, सुप्रीम कोर्ट में भगवंत मान सरकार ने केंद्र पर लगाए गंभीर आरोप
पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने के मुद्दे पर गंभीर विवाद छिड़ गया है। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि केंद्र सरकार की नीतियों ने राज्य में कृषि संकट को बढ़ाया है और पराली जलाने को रोकने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए हैं।
पराली जलाने का मामला
हर साल, किसानों द्वारा फसल कटाई के बाद पराली जलाने से होने वाला प्रदूषण दिल्ली-NCR सहित आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता को गंभीर रूप से प्रभावित करता है। इस वर्ष भी, पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं में वृद्धि देखने को मिली है, जिससे वायु प्रदूषण में बढ़ोतरी हो रही है।
भगवंत मान का आरोप
सुप्रीम कोर्ट में अपनी दलील में भगवंत मान ने कहा, “केंद्र सरकार ने हमें स्वच्छता के नाम पर केवल जुर्माने और सख्ती के अलावा कुछ नहीं दिया। हमें बेहतर उपकरण और तकनीक उपलब्ध कराने की बजाय केवल सजा देने का काम किया जा रहा है।” उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र को किसानों को प्रोत्साहन देने और उनके लिए वैकल्पिक उपायों की व्यवस्था करनी चाहिए थी।
सुप्रीम कोर्ट की भूमिका
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए दोनों राज्यों से स्पष्ट रूप से स्थिति स्पष्ट करने का आग्रह किया है। कोर्ट ने प्रदूषण नियंत्रण उपायों को लागू करने और किसानों को जागरूक करने की आवश्यकता पर जोर दिया है।
किसानों की स्थिति
किसान नेता भी इस मुद्दे पर आवाज उठा रहे हैं और उनका कहना है कि जब तक केंद्र सरकार उन्हें आर्थिक सहायता और आधुनिक तकनीक प्रदान नहीं करती, तब तक पराली जलाने के मामलों में कमी लाना मुश्किल होगा।
भविष्य की राह
इस समस्या का समाधान खोजने के लिए सभी पक्षों के बीच एक ठोस संवाद की आवश्यकता है। राज्य सरकारों और केंद्र सरकार को मिलकर इस गंभीर मुद्दे पर ठोस कदम उठाने होंगे ताकि वायु प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके और किसानों की समस्याओं का समाधान हो सके।
यह विवाद न केवल पंजाब और हरियाणा, बल्कि पूरे देश के लिए एक महत्वपूर्ण पर्यावरणीय मुद्दा बन गया है, जिससे राजनीतिक और सामाजिक दृष्टिकोण से गंभीर परिणाम हो सकते हैं।