26/11 हमले के गुनहगार तहव्वुर राणा को भारत लाने की तैयारी में NIA
“तहव्वुर राणा प्रत्यर्पण 26/11 हमला: भारत लाने की तैयारी शुरू 26/11 मुंबई हमले को देश कभी नहीं भूल सकता। इस हमले में 166 लोग मारे गए थे और 300 से अधिक घायल हुए थे। इस जघन्य हमले के मास्टरमाइंड में से एक, तहव्वुर हुसैन राणा, को अब भारत लाने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। अमेरिका ने उसके प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की टीम जल्द ही अमेरिका रवाना होगी।”
तहव्वुर राणा प्रत्यर्पण 26/11 हमला से जुड़ा सबसे बड़ा घटनाक्रम
अमेरिकी अदालत का ऐतिहासिक फैसला
काफी कानूनी प्रक्रियाओं के बाद अमेरिकी अदालत ने तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण को हरी झंडी दे दी है। इस निर्णय को भारत की एक बड़ी कूटनीतिक और कानूनी जीत के रूप में देखा जा रहा है। अमेरिका ने माना कि राणा पर भारत में मुकदमा चलाया जाना न्यायोचित है।
एनआईए की बड़ी जिम्मेदारी
अब यह जिम्मेदारी राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की है कि वह तहव्वुर राणा को भारत लाकर 26/11 हमले से जुड़े सबूतों के आधार पर न्याय दिलवाए। सूत्रों के मुताबिक, NIA की टीम जल्द ही अमेरिका के लिए रवाना होगी।
तहव्वुर राणा कौन है ?
राणा की पृष्ठभूमि
तहव्वुर राणा एक पाकिस्तानी मूल का नागरिक है, जो कनाडा की नागरिकता ले चुका है और अमेरिका में रहा है। वह एक डॉक्टर था, लेकिन फिर आतंकी नेटवर्क से जुड़ गया। उसकी पहचान डेविड कोलमैन हेडली के करीबी के रूप में हुई थी।
डेविड हेडली से संबंध
डेविड हेडली, जो 26/11 हमले की साजिश में मुख्य भूमिका निभा चुका है, उसने अमेरिकी जांच एजेंसियों के समक्ष कबूल किया कि राणा ने उसे भारत में घुसने और रेकी करने में मदद की थी। यह बयान तहव्वुर राणा के खिलाफ एक मजबूत सबूत बन गया।
प्रत्यर्पण प्रक्रिया में भारत की सफलता
कानूनी और कूटनीतिक जद्दोजहद
भारत ने इस प्रत्यर्पण के लिए वर्षों तक कानूनी लड़ाई लड़ी। अमेरिका की अदालतों और न्याय मंत्रालय से लगातार संवाद होता रहा। आखिरकार, भारतीय पक्ष ने इतने साक्ष्य और दस्तावेज प्रस्तुत किए कि अमेरिका सहमत हो गया।
भारत-अमेरिका के रिश्तों में मजबूती
इस फैसले को भारत और अमेरिका के सुरक्षा सहयोग और आतंकवाद के खिलाफ साझा रणनीति का प्रमाण माना जा रहा है। यह दिखाता है कि दोनों देश आतंकवाद के खिलाफ एकमत हैं।
26/11 हमला और उसकी भयावहता
मुंबई पर सबसे बड़ा हमला
26 नवंबर 2008 को पाकिस्तान से आए 10 आतंकी समुद्री रास्ते से मुंबई पहुंचे और तीन दिनों तक आतंक का नंगा नाच किया। ताज होटल, ओबेरॉय, छत्रपति शिवाजी टर्मिनस और नरीमन हाउस जैसे स्थानों पर हमला हुआ।
कसाब और हेडली की भूमिका
अजमल कसाब को भारत में पकड़कर फांसी दी गई। डेविड हेडली को अमेरिका में सजा हुई। अब तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण इस कड़ी को पूरा करेगा।
तहव्वुर राणा प्रत्यर्पण 26/11 हमला मामले में न्याय की ओर एक और कदम
पीड़ित परिवारों को उम्मीद
पीड़ित परिवारों और देश की जनता के लिए यह खबर एक राहत है। उन्हें उम्मीद है कि अब तहव्वुर राणा को भारत लाकर न्याय के कटघरे में खड़ा किया जाएगा।
भारत की आतंक के खिलाफ लड़ाई को मजबूती
यह प्रत्यर्पण केवल एक व्यक्ति को भारत लाना नहीं है, बल्कि यह संदेश है कि भारत आतंकवादियों को कहीं भी खोजकर लाएगा और उन्हें सजा दिलाएगा।
इस खबर के अन्य पहलुओं पर एक नजर
हुर्रियत में दरार
इसी दौरान जम्मू-कश्मीर की अलगाववादी संगठन हुर्रियत कॉन्फ्रेंस से तीन पार्टियों ने खुद को अलग कर लिया है। इससे अलगाववादी राजनीति में कमजोरी देखी जा रही है।
बांग्लादेश को ट्रांसशिपमेंट सुविधा रोकी गई
भारत ने बांग्लादेश को दी जा रही कुछ विशेष ट्रांसशिपमेंट सुविधाओं को अस्थायी रूप से रोक दिया है। इसके पीछे सुरक्षा और रणनीतिक कारण माने जा रहे हैं।
