तवांग में 14,000 फीट की ऊंचाई पर भारतीय सेना और स्थानीय लोगों का ऐतिहासिक तिरंगा मार्च
तवांग में भारतीय सेना का तिरंगा मार्च
“अरुणाचल प्रदेश के तवांग जिले में स्वतंत्रता दिवस 2025 के अवसर पर एक अनोखा दृश्य देखने को मिला। 14,000 फीट की ऊंचाई पर, भारतीय सेना की गजराज कॉर्प्स ने स्थानीय लोगों के साथ मिलकर ऐतिहासिक तिरंगा मार्च का आयोजन किया। यह आयोजन सिर्फ देशभक्ति का नहीं, बल्कि टीमवर्क और पर्यावरण संरक्षण का भी प्रतीक बना।”
मार्च में शामिल हुए सैनिक और स्थानीय लोग
इस मार्च में
160 गोरखा सैनिकों और अन्य जवानों के साथ
25 ITBP कर्मी भी शामिल हुए। सभी ने मिलकर
100 मीटर लंबा राष्ट्रीय ध्वज थामे, हरे-भरे हिमालयी घास के मैदानों में मार्च किया। उनके साथ लगभग
150 स्थानीय ग्रामीण, जिनमें मागो और चुना गांव के बच्चे भी थे, गर्व से तिरंगे के साथ कदम से कदम मिलाते चले।
देशभक्ति के रंगों से सजा इलाका
तिरंगा मार्च ने पूरे इलाके को केसरिया, सफेद और हरे रंग में रंग दिया। पहाड़ों की ठंडी हवा में लहराता विशाल तिरंगा हर किसी के दिल में देशप्रेम की भावना जगा रहा था। दूर-दूर से आए लोग इस अद्भुत दृश्य को देखने पहुंचे और तस्वीरें खींचीं।
प्रशासन और शिक्षण संस्थानों की भागीदारी
सिविल प्रशासन की ओर से, सहायक आयुक्त थुतान वांगचू ने स्थानीय लोगों की भागीदारी सुनिश्चित की।
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इसके साथ ही, केंद्रीय तिब्बती उच्च अध्ययन संस्थान, सारनाथ (वाराणसी, यूपी) के छात्र और एक शिक्षक भी इस मार्च में शामिल हुए।
उन्होंने न केवल तिरंगा मार्च में हिस्सा लिया, बल्कि स्थानीय संस्कृति और देशभक्ति की जड़ों को भी करीब से महसूस किया।
नो प्लास्टिक जोन अभियान
मार्च के बाद सभी प्रतिभागियों ने ‘नो प्लास्टिक जोन’ सफाई अभियान में भाग लिया। इस दौरान इलाके से कचरा हटाया गया और लोगों को नाजुक हिमालयी पारिस्थितिकी तंत्र को संरक्षित करने का संदेश दिया गया। यह कदम इस बात का प्रतीक था कि देशभक्ति केवल झंडा फहराने तक सीमित नहीं, बल्कि अपने पर्यावरण की रक्षा करना भी उतना ही जरूरी है।
एकता और सुरक्षा का प्रतीक
इस तिरंगा मार्च ने यह संदेश दिया कि जब सैनिक, स्थानीय लोग और प्रशासन साथ आते हैं, तो एकता की ताकत कई गुना बढ़ जाती है। सैनिक सीमा की सुरक्षा करते हैं, ग्रामीण अपनी परंपराओं को सहेजते हैं और प्रशासन विकास व संरक्षण के बीच संतुलन बनाता है।
आजादी का अमृत महोत्सव
कार्यक्रम में ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ की भावना को विशेष रूप से दर्शाया गया।
मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा,
“यह देशभक्ति की असली भावना है, जो अपने शिखरों पर पहुंच गई है।”