ट्रंप के प्रतिशोधी टैरिफ: किन देशों को हुआ सबसे ज्यादा नुकसान ?
डोनाल्ड ट्रंप की प्रतिशोधी टैरिफ नीति का परिचय
“डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में अपने कार्यकाल में “अमेरिका फर्स्ट” की नीति को बढ़ावा दिया। उन्होंने कई देशों पर आयात शुल्क (टैरिफ) लगाए, ताकि अमेरिकी उद्योगों को विदेशी प्रतिस्पर्धा से बचाया जा सके। इन टैरिफ को “प्रतिशोधी टैरिफ” कहा गया, क्योंकि कई देशों ने जवाब में अमेरिकी सामानों पर अपने टैरिफ बढ़ा दिए। इस व्यापार युद्ध ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया।”
किन देशों पर पड़ा सबसे ज्यादा असर ?
1. चीन: सबसे बड़ा निशाना
चीन, अमेरिका का सबसे बड़ा व्यापारिक प्रतिद्वंद्वी था। ट्रंप ने चीनी सामानों पर 25% तक टैरिफ लगा दिया। इससे चीन के निर्यात को भारी नुकसान हुआ।
- प्रभावित उद्योग: इलेक्ट्रॉनिक्स, स्टील, सोलर पैनल
- चीन की प्रतिक्रिया: अमेरिकी कृषि उत्पादों पर टैरिफ बढ़ाया
2. यूरोपीय संघ: स्टील और एल्युमिनियम पर टैरिफ
यूरोपीय देशों को भी ट्रंप की टैरिफ नीति का सामना करना पड़ा। अमेरिका ने EU से आने वाले स्टील पर 25% और एल्युमिनियम पर 10% टैरिफ लगाया।
- प्रभावित देश: जर्मनी, फ्रांस, इटली
- यूरोप की प्रतिक्रिया: हार्ले-डेविडसन और अमेरिकी व्हिस्की पर टैरिफ
3. कनाडा और मैक्सिको: NAFTA से USMCA तक
शुरू में कनाडा और मैक्सिको को छूट मिली, लेकिन बाद में ट्रंप ने उन पर भी दबाव बनाया। USMCA समझौते के बाद इन देशों को राहत मिली।
- प्रभावित क्षेत्र: ऑटोमोबाइल, डेयरी उत्पाद
- प्रतिक्रिया: अमेरिका के साथ नए व्यापार समझौते
4. भारत: स्टील और एल्युमिनियम निर्यात पर असर
भारत भी ट्रंप के टैरिफ से अछूता नहीं रहा। अमेरिका ने भारतीय स्टील और एल्युमिनियम पर शुल्क बढ़ा दिया।
- प्रभावित उद्योग: धातु उद्योग, रत्न और आभूषण
- भारत की प्रतिक्रिया: अमेरिकी सेब और अखरोट पर टैरिफ
टैरिफ युद्ध का वैश्विक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव व्यापार घाटे में वृद्धि
अमेरिका और अन्य देशों के बीच टैरिफ युद्ध से वैश्विक व्यापार प्रभावित हुआ। कई कंपनियों को अपनी उत्पादन लागत बढ़ने के कारण नुकसान हुआ।
उपभोक्ताओं पर बढ़ता दबाव
टैरिफ के कारण आयातित सामान महंगे हुए, जिससे उपभोक्ताओं को ज्यादा कीमत चुकानी पड़ी।
निवेशकों में अनिश्चितता
व्यापार युद्ध के कारण शेयर बाजारों में उतार-चढ़ाव बढ़ा, जिससे निवेशकों को नुकसान हुआ।
ट्रंप की टैरिफ नीति सफल रही ?
ट्रंप का मानना था कि टैरिफ से अमेरिकी उद्योगों को फायदा होगा, लेकिन इसके विपरीत कई क्षेत्रों में नुकसान हुआ। चीन और यूरोप जैसे देशों ने प्रतिशोधी कदम उठाए, जिससे वैश्विक व्यापार में तनाव बढ़ा। हालांकि, USMCA जैसे समझौतों से कनाडा और मैक्सिको जैसे देशों को राहत मिली।
अंत में, ट्रंप की टैरिफ नीति ने दिखाया कि व्यापार युद्ध से किसी को भी लंबे समय में फायदा नहीं होता। सहयोग और संतुलित व्यापार नीति ही वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए बेहतर है।
