उत्तर प्रदेश में ‘आईटीआई चलो अभियान’ से युवाओं को तकनीकी शिक्षा और रोजगार के नए अवसर
“उत्तर प्रदेश सरकार ने युवाओं को तकनीकी शिक्षा के साथ रोजगार से जोड़ने के लिए ‘आईटीआई चलो अभियान’ शुरू किया है। यह अभियान 2025 के शैक्षणिक सत्र के लिए सरकारी और निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (ITI) में प्रवेश बढ़ाने के उद्देश्य से चलाया जा रहा है। 12 मई से प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। यह योजना केंद्र सरकार की ‘मेक इन इंडिया’, ‘स्टार्टअप और स्टैंडअप’ तथा ‘डिजिटल इंडिया’ जैसी योजनाओं के अनुरूप है, जिससे प्रदेश में कुशल और रोजगार योग्य युवाओं की नई पीढ़ी तैयार हो सके।”
आईटीआई चलो अभियान: तकनीकी शिक्षा से रोजगार तक का सफर
तकनीकी शिक्षा और व्यावसायिक प्रशिक्षण देश के आर्थिक विकास और युवाओं के सशक्तिकरण का आधार हैं। उत्तर प्रदेश सरकार इस अभियान के माध्यम से युवाओं को रोजगार योग्य बनाने के साथ-साथ उन्हें आत्मनिर्भर भी बनाना चाहती है। ‘आईटीआई चलो अभियान’ का मकसद युवाओं को शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में रोजगार के अवसर देना है।
मुख्य सचिव कौशल विकास विभाग डॉ. हरिओम ने जिलाधिकारियों से इस अभियान को सफल बनाने के लिए पूरी सक्रियता के साथ काम करने का आह्वान किया है। उनका मानना है कि यह पहल प्रदेश को कौशल विकास और साक्षरता में अग्रणी बनाएगी।
अभियान के प्रचार-प्रसार के लिए किए जा रहे कदम
उत्तर प्रदेश सरकार ने ‘आईटीआई चलो अभियान’ के प्रचार-प्रसार के लिए व्यापक तैयारी की है। सभी सरकारी एवं निजी ITI संस्थानों को प्रचार सामग्री जैसे पोस्टर और फोल्डर भेजे गए हैं। इसके अलावा, जिला विद्यालय निरीक्षक और बेसिक शिक्षा अधिकारी स्कूलों में अभियान की जानकारी विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों तक पहुंचाने का काम कर रहे हैं।
जिला पंचायत राज अधिकारी हर ग्राम सभा में साप्ताहिक और पाक्षिक बैठकों के माध्यम से अभियान की जानकारी गांव-गांव पहुंचा रहे हैं। खंड विकास अधिकारी भी ग्राम प्रधानों और आईटीआई के नोडल प्राचार्यों के साथ बैठक कर अभियान के कार्यान्वयन को सुचारु बनाने में सहयोग कर रहे हैं। साथ ही, जनपद स्तर पर साप्ताहिक समीक्षा बैठकें भी आयोजित की जा रही हैं ताकि कार्य प्रगति पर नजर रखी जा सके।
तकनीकी प्रशिक्षण में नवाचार: टाटा टेक्नोलॉजी लिमिटेड का सहयोग
उत्तर प्रदेश सरकार ने युवाओं के व्यावसायिक प्रशिक्षण को और बेहतर बनाने के लिए टाटा टेक्नोलॉजी लिमिटेड के सहयोग से 149 सरकारी ITI संस्थानों में 11 दीर्घकालीन प्रशिक्षण पाठ्यक्रम शुरू किए हैं। ये पाठ्यक्रम आधुनिक उद्योगों की मांग और तकनीकों को ध्यान में रखकर डिजाइन किए गए हैं, जो युवाओं को प्रैक्टिकल ज्ञान के साथ नौकरी के लिए तैयार करते हैं।
इस पहल से प्रशिक्षित युवा न केवल सरकारी बल्कि निजी क्षेत्रों में भी रोजगार के योग्य होंगे, जिससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए उद्योगों के साथ MoU
व्यावसायिक शिक्षा विभाग ने हाल ही में 22 प्रमुख औद्योगिक प्रतिष्ठानों के साथ समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। इन समझौतों के तहत लगभग 27,000 युवाओं को रोजगार देने का अवसर मिलेगा। यह कदम प्रदेश के युवाओं के लिए रोजगार के नए द्वार खोलने वाला है और ‘आईटीआई चलो अभियान’ की सफलता में अहम भूमिका निभाएगा।
उत्तर प्रदेश में तकनीकी शिक्षा और रोजगार की दिशा में ‘आईटीआई चलो अभियान’ की भूमिका
आईटीआई चलो अभियान के तहत प्रदेश में युवाओं को न केवल तकनीकी कौशल दिया जाएगा बल्कि उनकी योग्यता को बेहतर बनाने के लिए रोजगार परक प्रशिक्षण भी उपलब्ध कराया जाएगा। इससे वे उद्योगों की बदलती मांगों के अनुरूप तैयार होंगे और उन्हें बेहतर रोजगार प्राप्त होगा।
इस अभियान से प्रदेश के युवाओं को आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी और वे ‘मेक इन इंडिया’ जैसे राष्ट्रीय कार्यक्रमों में सक्रिय भागीदारी कर सकेंगे।
ग्रामीण और शहरी युवाओं को समान अवसर
‘आईटीआई चलो अभियान’ की खास बात यह है कि यह ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के युवाओं को समान अवसर प्रदान करता है। इससे ग्रामीण क्षेत्र के युवा भी तकनीकी शिक्षा प्राप्त कर अपनी आर्थिक स्थिति को सुधार सकेंगे। साथ ही, ग्रामीण युवाओं के कौशल विकास से स्थानीय उद्योगों को भी लाभ होगा।
कैसे करें ‘आईटीआई चलो अभियान’ में नामांकन?
12 मई से शुरू हुई प्रवेश प्रक्रिया में इच्छुक छात्र सरकारी और निजी आईटीआई संस्थानों में आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के लिए विभाग की वेबसाइट पर जाकर जरूरी जानकारी प्राप्त की जा सकती है। छात्र एवं अभिभावक इस अभियान की जानकारी स्थानीय स्कूलों, ग्राम पंचायत कार्यालयों और आईटीआई संस्थानों से भी ले सकते हैं।
आईटीआई चलो अभियान’ से उत्तर प्रदेश का कौशल विकास और रोजगार सशक्तिकरण
उत्तर प्रदेश सरकार का ‘आईटीआई चलो अभियान’ युवाओं को तकनीकी शिक्षा और रोजगार के मार्ग पर आगे बढ़ाने का महत्वूपर्ण कदम है। यह पहल न केवल युवाओं को आत्मनिर्भर बनाएगी बल्कि प्रदेश के सामाजिक-आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान देगी। टेक्नोलॉजी और कौशल के इस संगम से उत्तर प्रदेश एक सक्षम और मजबूत प्रदेश बनने की ओर अग्रसर होगा।
