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गंगा संरक्षण के लिए बड़ा कदम: उत्तर प्रदेश और बिहार में सीवरेज परियोजनाओं को 900 करोड़ की मंजूरी

एनएमसीजी ने उत्तर प्रदेश और बिहार की सीवरेज परियोजनाओं के लिए दी 900 करोड़ रुपये से अधिक की मंजूरी राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (NMCG) ने हाल ही में उत्तर प्रदेश और बिहार सीवरेज परियोजना को लेकर एक अहम निर्णय लिया है। इस निर्णय के तहत 900 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली कई सीवरेज परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान की गई है। यह कदम गंगा नदी के प्रदूषण को कम करने और शहरों की सफाई व्यवस्था को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।”

गंगा की सफाई के लिए बड़ा वित्तीय सहयोग

एनएमसीजी द्वारा स्वीकृत परियोजनाएं मुख्य रूप से गंगा नदी के किनारे बसे शहरों में लागू की जाएंगी। इसका उद्देश्य है गंगा में गिरने वाले गंदे नालों को रोकना और जल शुद्धिकरण की गुणवत्ता को बढ़ाना।

परियोजनाओं का क्षेत्रीय वितरण:

  • उत्तर प्रदेश: कानपुर, प्रयागराज, गाजीपुर जैसे शहर
  • बिहार: पटना, भागलपुर, मुंगेर जैसे क्षेत्र

उत्तर प्रदेश में सीवरेज सिस्टम की मजबूती

उत्तर प्रदेश में एनएमसीजी द्वारा जिन परियोजनाओं को मंजूरी मिली है, उनमें नए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट्स (STP) का निर्माण, मौजूदा ट्रीटमेंट यूनिट्स का विस्तार और ड्रेनेज नेटवर्क का उन्नयन शामिल है। इससे शहरी क्षेत्रों की जल निकासी प्रणाली अधिक प्रभावी और पर्यावरण हितैषी बन सकेगी।


बिहार में गंगा घाटों की स्थिति में सुधार

बिहार में प्रस्तावित योजनाएं विशेष रूप से गंगा के किनारे बसे नगरों के लिए बनाई गई हैं, जहां अब तक सीवरेज की समस्या बहुत गंभीर रही है। नई योजनाओं से जलस्रोतों की गुणवत्ता में सुधार होगा और स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।


सीवरेज प्रबंधन में तकनीकी उन्नयन

इन परियोजनाओं में आधुनिक तकनीक का प्रयोग किया जाएगा ताकि जल उपचार की दक्षता बढ़े और प्रक्रिया में होने वाले प्रदूषण को न्यूनतम किया जा सके। बायो-डायजेस्टर, एमबीआर टेक्नोलॉजी, और ऑनलाइन मॉनिटरिंग जैसे उपायों को अपनाया जाएगा।


पर्यावरण संरक्षण और जल सुरक्षा की दिशा में बड़ा कदम

गंगा की सफाई और उत्तर प्रदेश और बिहार सीवरेज परियोजना का असर केवल शहरी जीवन पर नहीं, बल्कि समूचे पर्यावरण पर पड़ेगा। साफ जल का बहाव नदी में लौटेगा जिससे जलीय जीवन भी सुरक्षित रहेगा।


केंद्र और राज्य सरकारों के बीच समन्वय

एनएमसीजी ने इस अवसर पर राज्य सरकारों के साथ मिलकर इन योजनाओं के त्वरित क्रियान्वयन की अपील की है। सभी परियोजनाओं को Namami Gange Programme के तहत क्रियान्वित किया जाएगा और समयबद्ध ढंग से पूरा करने का लक्ष्य है।

प्रभाव और लाभ

स्वच्छता में सुधार:

शहरों के जल निकासी और गंदगी की समस्या कम होगी।

गंगा की स्वच्छता:

गंगा में गिरने वाले अपशिष्ट जल को रोका जाएगा।

स्वास्थ्य लाभ:

नालों से फैलने वाली बीमारियों में कमी आएगी।

स्थानीय रोजगार:

प्रोजेक्ट कार्यों में युवाओं को रोजगार मिलेगा।

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