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उत्तराखंड में मौसम का अलर्ट, तेज बारिश और आकाशीय बिजली की चेतावनी

“उत्तराखंड में भारी बारिश का अलर्ट, मौसम ने ली करवट उत्तराखंड में एक बार फिर मौसम ने करवट ली है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने राज्य के कई जिलों में भारी बारिश और आकाशीय बिजली को लेकर येलो अलर्ट जारी किया है। यह चेतावनी अगले 48 घंटों के लिए लागू रहेगी। साथ ही लोगों को बेवजह यात्रा से बचने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी गई है।”

किन जिलों में सबसे ज्यादा खतरा ?

मौसम विभाग के अनुसार, निम्न जिलों में तेज वर्षा और बिजली गिरने की सबसे अधिक संभावना है:

  • उत्तरकाशी
  • चमोली
  • रुद्रप्रयाग
  • पौड़ी गढ़वाल
  • नैनीताल
  • बागेश्वर

इन जिलों में भूस्खलन और सड़क बंद होने जैसी घटनाओं की आशंका बनी हुई है। प्रशासन ने पहाड़ी इलाकों में सतर्कता बढ़ा दी है।


आकाशीय बिजली की चेतावनी: जानें खतरे से कैसे बचें

IMD ने चेतावनी दी है कि कुछ क्षेत्रों में आकाशीय बिजली गिर सकती है, जिससे जान-माल का नुकसान हो सकता है। ग्रामीण क्षेत्रों और खुले मैदानों में काम करने वाले लोगों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।

सुरक्षा के उपाय:


सड़कों और यातायात पर असर

उत्तराखंड में मौसम खराब होने के कारण कई राजमार्गों पर यातायात प्रभावित हो सकता है। चारधाम यात्रा मार्गों में भूस्खलन की संभावना को देखते हुए यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे यात्रा से पहले स्थानीय प्रशासन से स्थिति की जानकारी ले लें।

बढ़ते बादलों और दृश्यता में कमी के कारण हवाई सेवाओं पर भी असर पड़ सकता है।


प्रशासन की तैयारियाँ

जिलों के आपदा प्रबंधन विभाग अलर्ट मोड पर हैं। SDRF और NDRF की टीमें संभावित आपात स्थिति से निपटने के लिए तैनात की गई हैं। स्कूलों में छुट्टी घोषित करने पर भी विचार किया जा रहा है यदि बारिश की तीव्रता बढ़ती है।


पिछले वर्षों का अनुभव: क्यों गंभीर है यह चेतावनी ?

उत्तराखंड एक भूकंपीय और भूस्खलन-प्रवण राज्य है। पिछले कुछ वर्षों में बारिश के दौरान कई गंभीर हादसे हो चुके हैं। 2021 की चमोली त्रासदी को कोई नहीं भूला, जिसमें बादल फटने से बड़े पैमाने पर तबाही हुई थी।

इसलिए हर बार जब मौसम विभाग अलर्ट जारी करता है, तो स्थानीय लोगों और पर्यटकों को इसे गंभीरता से लेने की जरूरत होती है।


खेती और पर्यावरण पर असर

भारी बारिश से फसलों को नुकसान हो सकता है, विशेषकर मैदानी इलाकों में धान और मक्का की फसल को।
वहीं दूसरी ओर, वर्षा जल संचयन और भूजल स्तर को बनाए रखने के लिए यह बारिश लाभदायक भी हो सकती है – यदि यह नियंत्रित स्तर पर हो।


विशेषज्ञों की राय

मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ और बंगाल की खाड़ी से आ रही नमी के कारण यह मौसमी बदलाव देखा जा रहा है।
उन्होंने बताया कि मई महीने में भी बारिश और बिजली गिरने की घटनाएं सामान्य होती जा रही हैं, जो कि जलवायु परिवर्तन का संकेत हो सकता है।


पर्यटकों के लिए सलाह

उत्तराखंड में इन दिनों बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं। मौसम विभाग ने उन्हें सलाह दी है कि वे:

  • मौसम अपडेट पर नजर रखें
  • पहाड़ी मार्गों पर यात्रा टालें
  • स्थानीय गाइड और पुलिस की सलाह का पालन करें

उत्तराखंड में भारी बारिश को लेकर अलर्ट, सतर्क रहना जरूरी

उत्तराखंड में भारी बारिश और आकाशीय बिजली को लेकर मौसम विभाग की चेतावनी को नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है। प्रशासन की तैयारी अपनी जगह है, लेकिन जनता की सतर्कता ही सबसे बड़ा सुरक्षा कवच है।

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