उपराष्ट्रपति चुनाव 2025: बी. सुदर्शन रेड्डी और सी.पी. राधाकृष्णन के बीच मुकाबला
“उपराष्ट्रपति चुनाव भारत में हमेशा एक कारक राजनीतिक घटना बनकर आता है। उपराष्ट्रपति भारतीय संविधान के भी महत्वपूर्ण अंग हैं ही, वे राज्यसभा के सभापति के हैस्ये से संसद कार्यवाही का हरभर लेने वाले बनकर भी कार्य करते हैं। उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 अब अपने निर्णायक चरण में आगे बढ़ चुका है, और इस बार का चुनावी मुकाबला बी. सुदर्शन रेड्डी और सी.पी. राधाकृष्णन के बीच होगा। इस चुनाव में दोनों ही उम्मीदवारों का राजनीतिक और संवैधानिक अनुभव बहुत मजबूत है, लेकिन उनकी पार्टी पृष्ठभूमि और राजनीतिक विचारधाराओं में अंतर है। जहां एक ओर बी. सुदर्शन रेड्डी को विपक्षी दलों द्वारा नामित किया गया है, वहीं सी.पी. राधाकृष्णन को सत्तारूढ़ गठबंधन NDA का समर्थन प्राप्त है। इस लेख में हम उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 के दोनों उम्मीदवारों, चुनाव प्रक्रिया और इसके महत्व पर विस्तार से चर्चा करेंगे।”
उपराष्ट्रपति का पद: एक बहुत महत्वपूर्ण संवैधानिक भूमिका
भारत का उपराष्ट्रपति वह व्यक्ति है जो भारतीय संसद के कार्यों की निगरानी करता है, खासतौर पर राज्यसभा (राज्य सभा) की। उपराष्ट्रपति का यह पद संविधान के तहत बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि वे संसद की कार्यवाही के संचालन, अनुशासन, और चुनाव प्रक्रिया को सुनिश्चित करते हैं। उपराष्ट्रपति न केवल संसद के सभापति होते हैं, बल्कि वे राष्ट्रपति के अभाव में उनकी जगह कार्य भी करते हैं।
उपराष्ट्रपति चुनाव 2025: प्रमुख उम्मीदवार
बीते उपराष्ट्रपति चुनाव में दो ग्रैन्ड उम्मीदवार हैं - बी. सुदर्शन रेड्डी और सी.पी. राधाकृष्णन। दोनों ही उम्मीदवारों का कोई-न-कोई अनुभव और मजबूत समर्थन है, लेकिन उनका राजनीतिक परिप्रेक्ष्य और उनकी भूमिका अलग-अलग है।
बी. सुदर्शन रेड्डी
B. Sudarshan Reddy एक पूर्व न्यायाधीश है सुप्रीम कोर्ट और उन्हें विपक्षी गठबंधन
INDIA द्वारा एक संयुक्त उम्मीदवार के रूप में चुना गया। वे न्यायपालिका के योगदान के लिए जाने जाते हैं और उन पर संवैधानिक मुद्दों के बारे में गहरी समझ और अनुभव हैं। विपक्ष उन्हें संविधान की रक्षा करने और स्वतंत्रता की भावना को बढ़ावा देने के रूप में देखते हैं।
सी.पी. राधाकृष्णन:
सी.पी. राधाकृष्णन, जो अब महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं,
NDA (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) द्वारा उम्मीदवार के रूप में चुने गए हैं। वे भाजपा के एक वरिष्ठ नेता रहे हैं और उन्हें भारतीय जनता पार्टी और उसकी सहयोगी दलों से सम्पूर्ण समर्थन प्राप्त है। उन्हें राजनीति और प्रशासन में लंबा समय का अनुभव है और वे पार्टी के प्रति अपनी निष्ठा के लिए जाने जाते हैं।
चुनाव प्रक्रिया: मतगणना और मतदान
उपराष्ट्रपति चुनाव
2025 के लिए वोटिंग
9 सितंबर को सुबह
10 बजे से शाम
5 बजे तक होगा। चुनाव के लिए इलेक्टोरल कॉलेज में लोकसभा और राज्यसभा के सभी सदस्यों का वोट पड़ेगा। राज्यसभा के नामित सदस्य भी इसमें शामिल होंगे और वोट देने योग्य होंगे।
चुनाव का दिन विशेष होता है क्योंकि यह फैसला करेगा कि भारत का अगला उपराष्ट्रपति कौन होगा। मतगणना उसी दिन शाम 6 बजे से शुरू होगी और नतीजे तुरंत घोषित किए जाएंगे। यह चुनाव लोकतंत्र की मजबूती को उजागर करता है और इसकी पारदर्शिता के लिए सभी आवश्यक बाधाओं का पूरा पालन किया जाता है।
उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 की महत्ता
यह निर्णय भारतीय लोकतंत्र के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि उपराष्ट्रपति नहीं केवल संसद का कार्य सुचारू रूप से बनाए रखने में सहायक होते हैं, उन्हें नियमों और संविधान के पालन की भी पूर्ति सुनिश्चित करते हैं। उपराष्ट्रपति की भूमिका भारतीय राजनीति में विशेष प्रासंगिकता रखती है, और हर उम्मीदवार को इस पद के लिए अपने अद्वितीय गुणों के साथ उपलब्ध होते हैं।
वोटिंग के परिणाम तय करेंगे कि भारत के अगले उपराष्ट्रपति का नेतृत्व किस दिशा में जाएगा। इसके साथ ही, यह भी पता चलेगा कि विपक्ष और सत्तारूढ़ गठबंधन के बीच सत्ता का संतुलन किस तरह बदलता है। इस चुनाव का नतीजा हरक सभी की निगाहें लगी हुई है, क्योंकि इससे भारतीय राजनीति में एक नया दिशा का निर्धारण हो सकता है।
उपराष्ट्रपति चुनाव
2025 एक महत्वपूर्ण पल है भारतीय राजनीति का। यह चुनाव दो उम्मीदवारों के बीच ही नहीं लड़ा जाएगा, बल्कि यह देश के संविधान, संसद, और लोकतंत्र की साख को बनाये रखने का एक मौका है। इस चुनाव में बी. सुदर्शन रेड्डी और सी.पी. राधाकृष्णन के बीच की प्रतिद्वंदिता भारतीय राजनीति के भविष्य को प्रभावित करेगी।
अब सभी की आंखें
9 सितंबर
2025 को होने वाली वोटिंग पर टिकी होंगी, जो यह निर्धारित करेगी कि भारत का अगला उपराष्ट्रपति कौन होगा। चुनाव की प्रक्रिया पारदर्शी और लोकतांत्रिक तरीके से आयोजित होगी, जिससे लोगों को यह पूर्वभावना हो सके कि भारतीय लोकतंत्र मजबूत और स्वतंत्र है।