विजय रूपाणी का निधन: गुजरात में शोक की लहर, राजकीय सम्मान के साथ होगा अंतिम संस्कार
"गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी का निधन 12 जून को हुई एयर इंडिया फ्लाइट दुर्घटना में हो गया। इस हादसे में कुल 241 लोगों की मौत हुई, जिसमें रूपाणी भी शामिल थे। उनके पार्थिव शरीर की पहचान डीएनए जांच के बाद 15 जून को हुई। इसके साथ ही राज्य सरकार ने दो दिन के राजकीय शोक की घोषणा की।"
राजकीय शोक: विधानसभा में आधा झुका तिरंगा
सोमवार सुबह, गुजरात विधानसभा भवन और अन्य सरकारी प्रतिष्ठानों पर तिरंगे को आधा झुकाया गया। गांधीनगर के स्वर्णिम कॉम्प्लेक्स-1 में भी राष्ट्रीय ध्वज को सम्मानपूर्वक झुकाया गया। यह संकेत है राज्य सरकार की ओर से उस नेता के प्रति गहरी संवेदना का, जिसने वर्षों तक प्रदेश की सेवा की।
DNA मिलान से हुई पुष्टि, परिवार को सौंपा गया पार्थिव शरीर
गृह मंत्री हर्ष संघवी ने पुष्टि की कि विजय रूपाणी का डीएनए मिलान रविवार सुबह 11:10 बजे हुआ। इसके तुरंत बाद मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और हर्ष संघवी ने खुद उनके परिवार को यह सूचना दी।
स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने बताया कि पार्थिव शरीर को अहमदाबाद के सिविल अस्पताल से सोमवार सुबह 11:30 बजे परिजनों को सौंपा गया। इसके बाद हवाई मार्ग से राजकोट ले जाया गया।
राजकोट में अंतिम संस्कार की तैयारियां पूर्ण, शाम 5 बजे अंतिम यात्रा
विजय रूपाणी का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ राजकोट में सोमवार शाम 5 बजे किया जाएगा। इससे पहले:
- पार्थिव शरीर को उनके घर पर करीब एक घंटे तक अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा।
- हजारों कार्यकर्ता, पार्टी पदाधिकारी और शुभचिंतक उन्हें श्रद्धांजलि देंगे।
विधायक रीटा पटेल का बयान: “परिजन तीन दिन से इंतजार में थे”
विधायक रीटा पटेल ने कहा:
"विजय रूपाणी के परिजन तीन दिन से इंतजार कर रहे थे। डीएनए मिलान के बाद उन्हें संतोष मिला। राज्य सरकार ने हर संभव सहायता दी है।"
राजनीतिक और सामाजिक जीवन का संक्षिप्त परिचय
- विजय रूपाणी ने 2016 से 2021 तक गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया।
- वह राजकोट पश्चिम सीट से विधायक थे।
- भारतीय जनता पार्टी में लंबे समय तक संगठनात्मक भूमिकाओं में भी रहे।
- उनकी छवि एक सुलझे हुए, शांत और विकासशील नेतृत्व के रूप में रही।
एयर इंडिया हादसा: दुखद दुर्घटना
12 जून को जिस एयर इंडिया फ्लाइट में रूपाणी सवार थे, वह तकनीकी खराबी के चलते दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस भयावह हादसे में क्रू समेत 241 लोग मारे गए। कई शवों की पहचान तत्काल नहीं हो सकी थी, इसलिए डीएनए मिलान की प्रक्रिया अपनाई गई।
राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर शोक की लहर
विजय रूपाणी के निधन से न केवल गुजरात, बल्कि पूरे देश की राजनीतिक दुनिया में शोक की लहर है। प्रधानमंत्री, भाजपा के वरिष्ठ नेता, विपक्षी दलों और सामाजिक संगठनों ने उनके निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त की है।
"विजय रूपाणी का निधन न केवल भाजपा के लिए, बल्कि गुजरात के राजनीतिक परिदृश्य के लिए एक बड़ी क्षति है। एक सच्चे जननेता के रूप में उनकी पहचान हमेशा बनी रहेगी। राजकीय सम्मान के साथ उनके अंतिम संस्कार ने यह सिद्ध कर दिया कि उन्होंने प्रदेश को अपना सब कुछ दिया।"