विकसित भारत 2047: कृषि सुधारों और किसान-केंद्रित पहलों से बदलता ग्रामीण भारत
विकसित भारत 2047: कृषि सुधारों से बदलता ग्रामीण परिदृश्य
“भारत को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाने का सपना सरकार के नीति निर्धारण में स्पष्ट रूप से झलकता है। इस दिशा में कृषि क्षेत्र में चल रहे सुधार और किसान-केंद्रित पहलों का विशेष महत्व है। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा लिखे गए एक लेख को साझा किया, जिसमें सरकार की प्रमुख कृषि पहलों और उनके सकारात्मक प्रभावों पर प्रकाश डाला गया है।”
कृषि क्षेत्र में परिवर्तन की लहर
सरकार ने पिछले वर्षों में कृषि क्षेत्र में अनेक ऐसे कदम उठाए हैं जो किसानों की आमदनी बढ़ाने, उत्पादकता सुधारने और संपूर्ण ग्रामीण समाज को सशक्त बनाने की दिशा में प्रभावी साबित हो रहे हैं। इन पहलों में निम्नलिखित योजनाएँ प्रमुख हैं:
1. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN)
इस योजना के तहत किसानों को प्रतिवर्ष ₹6,000 की आर्थिक सहायता दी जाती है। अब तक करोड़ों किसानों को इसका लाभ मिला है, जिससे उन्हें कृषि निवेश के लिए जरूरी पूंजी मिल सकी है।
2. फसल बीमा योजना
फसल नुकसान के समय सरकार द्वारा दी जाने वाली बीमा सहायता ने किसानों को जलवायु जोखिमों से सुरक्षा दी है। यह योजना किसानों की वित्तीय स्थिरता में अहम भूमिका निभा रही है।
3. मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना
इस योजना के माध्यम से किसानों को उनकी भूमि की पोषक तत्व स्थिति के बारे में जानकारी दी जाती है, जिससे वे फसल उत्पादन में वैज्ञानिक तरीके अपना सकते हैं और उपज बढ़ा सकते हैं।
डिजिटल कृषि और तकनीकी नवाचार
1. डिजिटल कृषि मिशन
सरकार ने डिजिटल तकनीक को बढ़ावा देते हुए कृषि डेटा का एकत्रीकरण, विश्लेषण और उपयोग सुनिश्चित करने के लिए डिजिटल कृषि मिशन की शुरुआत की है। इससे योजनाएं ज्यादा सटीक बन सकेंगी और किसानों तक सरकारी सेवाओं की पहुंच आसान होगी।
2. ड्रोन तकनीक का उपयोग
ड्रोन के माध्यम से फसल की निगरानी, कीटनाशक का छिड़काव और डेटा संग्रहण जैसे काम अब तेजी से किए जा रहे हैं, जिससे श्रम लागत कम हुई है और दक्षता में वृद्धि हुई है।
3. जैविक खेती को बढ़ावा
स्वास्थ्य और पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए जैविक खेती को समर्थन दिया जा रहा है। इससे खेती की गुणवत्ता के साथ-साथ वैश्विक बाजार में भारतीय कृषि उत्पादों की मांग भी बढ़ रही है।
2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य
प्रधानमंत्री ने कहा है कि कृषि क्षेत्र में चल रहे ये सुधार 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में मजबूत आधार तैयार कर रहे हैं। सरकार की रणनीतियाँ केवल आर्थिक वृद्धि पर केंद्रित नहीं हैं, बल्कि सामाजिक और पर्यावरणीय पहलुओं पर भी ध्यान दे रही हैं।
1. खाद्य सुरक्षा में योगदान
नीतियाँ इस दिशा में काम कर रही हैं कि हर नागरिक को पर्याप्त, पौष्टिक और सस्ती खाद्य सामग्री उपलब्ध हो सके।
2. निर्यात बढ़ाना
कृषि निर्यात को बढ़ाने के लिए सरकार विभिन्न देशों से समझौते कर रही है और गुणवत्ता मानकों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अनुकूल बना रही है।
3. जलवायु-संवेदनशील खेती
जलवायु परिवर्तन के खतरों को देखते हुए जल-संरक्षण, सूखा-प्रतिरोधी फसलें और पर्यावरण-अनुकूल तकनीकों को बढ़ावा दिया जा रहा है।
विपक्ष की आलोचनाओं पर सरकार का उत्तर
अक्सर विपक्ष सरकार की कृषि नीतियों पर सवाल उठाता रहा है, विशेषकर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) और कृषि कानूनों के मुद्दे पर। हालाँकि, लेख में स्पष्ट किया गया है कि:
- MSP को मजबूत किया गया है और किसानों को समय पर उचित मूल्य मिल रहा है।
- ई-नाम (e-NAM) के माध्यम से किसानों को पूरे देश में ऑनलाइन मंडियों तक पहुँच मिल रही है, जिससे वे प्रतिस्पर्धात्मक मूल्य पा सकते हैं।
- कृषि स्टार्टअप्स को बढ़ावा देकर नवाचार और कृषि उद्यमिता को बल दिया जा रहा है।
कृषि और ग्रामीण विकास के लिए भविष्य की योजनाएँ
भारत सरकार 2047 तक आत्मनिर्भर, समृद्ध और विकसित भारत के लक्ष्य को लेकर प्रतिबद्ध है। इसके लिए निम्नलिखित योजनाओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है:
- ग्रामीण बुनियादी ढाँचे का विस्तार
- सिंचाई सुविधाओं का डिजिटलीकरण
- कृषि-शिक्षा और अनुसंधान को नया रूप देना
- ग्रामीण युवाओं को कृषि-उद्यमिता में प्रशिक्षित करना
“कृषि क्षेत्र में हो रहे सुधार केवल उत्पादन और आमदनी तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वे सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन के वाहक बन चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान की पहलें भारत के किसानों को एक नया आत्मविश्वास और दिशा दे रही हैं। ये पहलें 2047 तक विकसित भारत के निर्माण की मजबूत नींव हैं।”
