विकसित कृषि संकल्प अभियान: शिवराज सिंह चौहान का किसानों को आत्मनिर्भर बनाने का वादा
"केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाल ही में जम्मू के आर. एस. पुरा में आयोजित ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ (VKSA) कार्यक्रम में भाग लिया। इस अभियान का उद्देश्य भारतीय कृषि को नई दिशा देना और किसानों को आत्मनिर्भर बनाना है। चौहान के साथ केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह भी मौजूद थे। यह सम्मेलन केवल एक औपचारिक आयोजन नहीं था, बल्कि यह उन किसानों के लिए आशा की किरण बनकर आया है, जो सीमावर्ती क्षेत्रों में कठिन परिस्थितियों में खेती करते हैं।"
किसानों को आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प
कार्यक्रम की शुरुआत चौहान ने सीमा पर तैनात जवानों को श्रद्धांजलि देकर की। उन्होंने कहा कि सीमा क्षेत्र में रहने वाले किसान असली नायक हैं जो देश की दूसरी रक्षा पंक्ति की भूमिका निभाते हैं। वे न केवल अन्नदाता हैं, बल्कि संकट की घड़ी में भी देश की सेवा करते हैं।
शिवराज सिंह चौहान ने स्पष्ट किया कि सरकार का संकल्प है कि हर किसान को आर्थिक, तकनीकी और सामाजिक रूप से आत्मनिर्भर बनाया जाए। उन्होंने कहा कि जब तक गांव और किसान विकसित नहीं होंगे, तब तक भारत “विकसित भारत” नहीं बन सकता।
राष्ट्रीय सुरक्षा और कृषि विकास साथ-साथ
चौहान ने कार्यक्रम में राष्ट्रीय सुरक्षा और कृषि विकास के बीच गहरे संबंध की बात कही। उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का उदाहरण देते हुए बताया कि भारत की सेना और किसानों की एकजुटता देश की असली ताकत है।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की ओर से की जाने वाली ड्रोन गतिविधियों और मिसाइल घुसपैठों का सख्ती से जवाब दिया गया है, और सीमा पर रहने वाले किसानों की सुरक्षा सरकार की प्राथमिकता है। बंकर निर्माण की मांग को भी केंद्र सरकार के सामने मजबूती से रखने की बात कही गई।
वैज्ञानिक गांवों में आएंगे, किसानों से सीधे जुड़ेंगे
कृषि मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि अब समय आ गया है कि वैज्ञानिक और शोधकर्ता सीधे किसानों के बीच आएं। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक अब खेतों तक जाकर किसानों को मार्गदर्शन देंगे और स्थानीय कृषि समस्याओं का समाधान मौके पर ही करेंगे।
उन्होंने किसानों से अपील की कि वे वैज्ञानिकों से संवाद बनाए रखें, क्योंकि वे उनकी प्रगति के साथी हैं। यह कदम वैज्ञानिक खेती को बढ़ावा देगा और उत्पादन बढ़ाने में मदद करेगा।
आधुनिक तकनीकों से होगा कृषि क्षेत्र में बदलाव
चौहान ने कहा कि कृषि क्षेत्र में नई तकनीकों, गुणवत्तापूर्ण बीज, और संतुलित उर्वरक उपयोग को बढ़ावा दिया जाएगा। इससे किसानों की लागत घटेगी और पैदावार में बढ़ोतरी होगी।
सरकार का लक्ष्य है कि खेती को न केवल फायदे का धंधा बनाया जाए, बल्कि इसे एक आकर्षक और टिकाऊ पेशा भी बनाया जाए। उन्होंने कहा कि ICAR, कृषि विज्ञान केंद्र, और राज्य व केंद्रीय कृषि मंत्रालय एक टीम की तरह काम करेंगे।
जम्मू-कश्मीर को मॉडल कृषि राज्य बनाने का लक्ष्य
कृषि मंत्री ने इस बात पर बल दिया कि जम्मू-कश्मीर को देश का आदर्श कृषि क्षेत्र बनाया जाएगा। इसके लिए स्थानीय कृषि आधारित योजनाएं, सिंचाई सुविधाएं, और तकनीकी सहायता मुहैया कराई जाएगी।
उन्होंने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले किसानों के पास सरकारी योजनाओं की पहुंच होनी चाहिए और उनकी जमीन की सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार की है। “आपकी सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है,” यह संदेश उन्होंने स्पष्ट रूप से दिया।
किसानों के लिए ठोस योजनाएं और प्रत्यक्ष परिणाम
चौहान ने कहा कि ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ केवल एक योजना नहीं है, बल्कि यह एक परिणाम देने वाली मुहिम है। उन्होंने दावा किया कि इस योजना के तहत फसल वृद्धि और लागत में कमी के परिणाम आगामी खरीफ सीजन से दिखने लगेंगे।
इस अभियान का उद्देश्य किसानों को प्रशिक्षण देना, नई किस्मों की जानकारी देना और जमीन से जुड़ी समस्याओं का समाधान करना है। यह योजना नीति से क्रियान्वयन तक की पूरी श्रृंखला को कवर करती है।
कृषि उत्पादन में रिकॉर्ड वृद्धि
कार्यक्रम के दौरान शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि इस वर्ष भारत में कृषि उत्पादन रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। इसका श्रेय उन्होंने किसानों की मेहनत और वैज्ञानिकों की मदद को दिया।
उन्होंने कहा कि सहकारी प्रयास, नई तकनीक, और प्रशिक्षण आधारित योजनाएं ही देश को खाद्य सुरक्षा और कृषि समृद्धि की ओर ले जाएंगी।
किसानों की सेवा को समर्पित जीवन
अपने संबोधन में केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि उनका जीवन किसानों की सेवा को समर्पित है। उनका उद्देश्य कृषि उत्पादन को बढ़ाना, लागत को घटाना और देश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कि कृषि एक लाभकारी और सतत व्यवसाय बने, जिससे युवा भी इस क्षेत्र की ओर आकर्षित हों।
"‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ न केवल एक योजना है, बल्कि यह भारत के कृषि क्षेत्र को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने की दिशा में बड़ा कदम है। शिवराज सिंह चौहान का यह संबोधन और योजना का विवरण इस बात की गवाही देता है कि भारत सरकार अब कृषि को राष्ट्रीय नीति की मुख्य धारा में लाने को लेकर पूरी तरह गंभीर है।"
