अपराध

त्रिलोक जमवाल के आरोपों से गरमाया विमल नेगी केस, उठी CBI जांच की मांग

हमीरपुर – हिमाचल प्रदेश में विमल नेगी केस में CBI जांच की मांग तेज हो गई है। भाजपा नेता त्रिलोक जमवाल ने इस मामले में सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने दावा किया कि जांच में सबसे अहम सबूत, पेन ड्राइव, को पहले छुपाया गया और फिर उसे फॉर्मेट कर दिया गया। जमवाल ने इस पूरे घटनाक्रम को एक “बड़ी साजिश” करार दिया।”

एसआईटी पर गंभीर आरोप: पेन ड्राइव को क्यों छुपाया गया?

त्रिलोक जमवाल ने कहा कि एसआईटी ने प्रारंभिक जांच में पेन ड्राइव की बात नहीं बताई। लेकिन बाद में यह स्वीकार किया कि पेन ड्राइव मिली है और वह फॉर्मेट हो चुकी है। उन्होंने आरोप लगाया कि सबूत मिटाने की यह कोशिश बिना सरकारी संरक्षण के संभव नहीं है।

उन्होंने सवाल उठाया कि क्या सरकार के आदेश के बिना कोई अधिकारी इतना बड़ा कदम उठा सकता है?

पुलिस जवान पंकज की भूमिका पर उठे सवाल

त्रिलोक जमवाल ने पुलिस जवान पंकज को सस्पेंड किए जाने पर चिंता जताई और पूछा कि आखिर उसकी क्या भूमिका थी? उन्होंने कहा कि उसकी जिंदगी अब खतरे में है और यह सरकार की जिम्मेदारी है कि उसे सुरक्षा दे।

कोर्ट के आदेश की अवहेलना क्यों?

उन्होंने दावा किया कि कोर्ट के फैसले के बावजूद सरकार ने अब तक CBI को पूरा रिकॉर्ड नहीं सौंपा। उनके मुताबिक, एसपी ने डीजीपी को एक पत्र लिखकर कहा है कि वे कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील करेंगे।

जमवाल ने इसे कोर्ट की अवमानना बताया और कहा कि सरकार को चाहिए था कि वह तुरंत कोर्ट के निर्देशों का पालन करते हुए CBI को दस्तावेज सौंपती।

क्या एसपी को मिल गया है सरकार का प्रतिनिधित्व?

भाजपा नेता ने सवाल उठाया कि क्या शिमला के एसपी ही अब सरकार के एकमात्र प्रतिनिधि हैं? उन्होंने कहा कि एसपी स्तर के अधिकारी CBI या DGP को सीधा पत्र नहीं लिख सकते। यदि कोई पत्र जाता भी है तो वह सरकार के माध्यम से जाना चाहिए।

CBI टीम को रोका गया?

त्रिलोक जमवाल ने आरोप लगाया कि उन्हें जानकारी मिली है कि CBI की टीम रिकॉर्ड लेने पहुंची थी, लेकिन एसपी शिमला ने रिकॉर्ड देने से इनकार कर दिया।

उन्होंने कहा कि यदि यह सही है, तो यह सीधे-सीधे न्याय में बाधा डालने की कोशिश है और ऐसे अधिकारियों पर तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए।

भाजपा की मांग: दोषियों पर हो सख्त कार्रवाई

भाजपा ने कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि जिन अधिकारियों ने सबूतों को मिटाने की कोशिश की है, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि अगर निष्पक्ष जांच नहीं हुई तो यह विमल नेगी को न्याय से वंचित करने जैसा होगा।

निष्पक्ष जांच के लिए CBI जरूरी क्यों?

विमल नेगी केस में जिस तरह से पुलिस और प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं, उससे आम जनता का भरोसा कमजोर हो रहा है। त्रिलोक जमवाल और भाजपा का कहना है कि केवल CBI जांच ही सच्चाई सामने ला सकती है।

सबूत मिटाना एक गंभीर अपराध

पेन ड्राइव को फॉर्मेट करने की घटना मामूली नहीं मानी जा सकती। यह न सिर्फ सबूत मिटाने की कोशिश है, बल्कि इससे यह भी सवाल उठता है कि कहीं यह सब जानबूझ कर तो नहीं किया गया?

सीबीआई को क्यों सौंपा जाए रिकॉर्ड?

भाजपा की मांग है कि सरकार को बिना देर किए पूरा रिकॉर्ड CBI को सौंप देना चाहिए, ताकि एक निष्पक्ष और पारदर्शी जांच हो सके।

न्याय की उम्मीद सिर्फ निष्पक्ष जांच से

इस पूरे मामले में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि मृतक विमल नेगी के परिवार को न्याय मिले। अगर सबूत मिटाए गए हैं और अधिकारियों ने मिलीभगत की है, तो उनका पर्दाफाश होना जरूरी है।

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