भारत यात्रा के बाद पाकिस्तान जाएंगे वांग यी, चीन-पाकिस्तान रणनीतिक वार्ता में होगी अहम चर्चा
भारत यात्रा के बाद पाकिस्तान पहुंचेंगे वांग यी, चीन-पाक रिश्तों पर होगी रणनीतिक चर्चा
“चीन के विदेश मंत्री वांग यी पाकिस्तान दौरा करने जा रहे हैं। भारत यात्रा पूरी करने के बाद वे 21 अगस्त को इस्लामाबाद पहुंचेंगे। यहां वे पाकिस्तान के उप-प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री मोहम्मद इशाक डार के साथ छठवीं पाकिस्तान-चीन विदेश मंत्रियों की रणनीतिक वार्ता की सह-अध्यक्षता करेंगे। इस यात्रा की पुष्टि इस्लामाबाद की ओर से जारी आधिकारिक पत्र में की गई है।”
पाकिस्तान और चीन की रणनीतिक साझेदारी को नई मजबूती
वांग यी का यह दौरा पाकिस्तान और चीन के बीच उच्च-स्तरीय संवाद और सहयोग का हिस्सा है। दोनों देशों के बीच दशकों से मजबूत संबंध रहे हैं, जिन्हें अक्सर “सर्वकालिक रणनीतिक सहयोग साझेदारी” कहा जाता है। इस दौरे में खासतौर पर आर्थिक सहयोग, व्यापार, निवेश और क्षेत्रीय स्थिरता जैसे मुद्दों पर बातचीत होगी।
यात्रा का एक उद्देश्य यह भी है कि दोनों देश एक-दूसरे के मूल हितों पर परस्पर समर्थन की पुष्टि कर सकें। इसके साथ ही, क्षेत्रीय शांति और विकास में साझेदारी को और गहरा बनाने की उम्मीद जताई जा रही है।
भारत यात्रा के बाद पाकिस्तान क्यों अहम
भारत और अमेरिका के बीच हाल ही में व्यापार और शुल्क को लेकर तनाव देखने को मिला है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय उत्पादों पर टैरिफ दोगुना कर
50 प्रतिशत कर दिया है और साथ ही रूसी तेल खरीदने पर अतिरिक्त
25 प्रतिशत का जुर्माना भी लगाया है। ऐसे समय में चीन के विदेश मंत्री का भारत और पाकिस्तान दोनों का दौरा बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
वांग यी की भारत यात्रा में विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ हुई मुलाकात में कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। दोनों देशों ने द्विपक्षीय संबंधों की गति बनाए रखने और आपसी सहयोग को मजबूत करने पर सहमति जताई।
भारत-चीन संबंधों पर वांग यी का संदेश
भारत में चीन के राजदूत शू फिहोंग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जानकारी दी कि चीन और भारत ने आपसी संवाद बनाए रखने और सहयोग बढ़ाने पर सहमति दी है। वहीं वांग यी ने यह भी कहा कि भारत और चीन जैसे बड़े विकासशील देशों को वैश्विक जिम्मेदारी निभानी चाहिए।
उनके अनुसार,
2.8 अरब से ज्यादा आबादी वाले दोनों देशों को अंतरराष्ट्रीय संबंधों के लोकतंत्रीकरण और विश्व में बहुध्रुवीयता को बढ़ावा देने में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए।
पाकिस्तान दौरे के संभावित एजेंडे
वांग यी पाकिस्तान दौरा कई कारणों से अहम माना जा रहा है। इस वार्ता में दोनों देशों के बीच निम्न मुद्दों पर चर्चा हो सकती है:
- आर्थिक और व्यापार सहयोग: चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) पर प्रगति और नई परियोजनाओं की संभावनाएं।
- सुरक्षा और स्थिरता: क्षेत्रीय सुरक्षा, आतंकवाद-रोधी सहयोग और अफगानिस्तान की स्थिति।
- राजनयिक समर्थन: अंतरराष्ट्रीय मंचों पर एक-दूसरे को समर्थन देने की पुष्टि।
- क्षेत्रीय विकास: दक्षिण एशिया और मध्य एशिया में सहयोग और निवेश बढ़ाना।
भारत के नजरिए से चीन-पाकिस्तान वार्ता
भारत के लिए भी यह वार्ता मायने रखती है। पाकिस्तान और चीन के बीच रणनीतिक समझौते क्षेत्रीय संतुलन को प्रभावित करते हैं। खासकर जब भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक तनाव बढ़ा है, तब चीन का पाकिस्तान से करीबी सहयोग भारत की कूटनीतिक रणनीति पर असर डाल सकता है। भारत के लिए यह जरूरी है कि वह चीन के साथ अपने संबंधों को संतुलित रखे, ताकि पाकिस्तान-चीन निकटता से उत्पन्न होने वाली चुनौतियों का प्रभावी जवाब दिया जा सके।
वैश्विक परिप्रेक्ष्य में दौरे का महत्व
वांग यी पाकिस्तान दौरा केवल द्विपक्षीय रिश्तों तक सीमित नहीं है। यह वैश्विक राजनीति में भी अहम संकेत देता है। चीन दक्षिण एशिया में अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रहा है और पाकिस्तान इसके लिए स्वाभाविक सहयोगी है। इसके साथ ही, भारत और चीन दोनों बड़े विकासशील देश होने के नाते वैश्विक अर्थव्यवस्था और कूटनीति में अहम भूमिका निभाते हैं। वांग यी की लगातार यात्राएं इस बात की गवाही देती हैं कि एशिया में बदलते भू-राजनीतिक हालात के बीच चीन अपनी रणनीति को और मजबूत करना चाहता है।
“भारत और पाकिस्तान दोनों देशों की यात्राओं के बीच वांग यी की कूटनीतिक सक्रियता साफ दिखाती है कि चीन दक्षिण एशिया को लेकर अपनी नीतियों में नई ऊर्जा डाल रहा है। पाकिस्तान दौरे में होने वाली रणनीतिक वार्ता से न केवल द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती मिलेगी, बल्कि क्षेत्रीय और वैश्विक परिप्रेक्ष्य में भी इसके असर देखने को मिल सकते हैं।”