संसद में वक्फ संशोधन बिल 2025 को लेकर घमासान
“संसद के बजट सत्र 2025 के अंतिम चरण में वक्फ संशोधन बिल चर्चा का केंद्र बन चुका है। केंद्र सरकार ने 2 अप्रैल को इस बिल को लोकसभा में पेश करने का फैसला किया है, जबकि विपक्षी दलों ने इसे असंवैधानिक बताते हुए इसका तीव्र विरोध करने की घोषणा की है। INDIA गठबंधन के नेताओं ने एकमत होकर इस बिल का विरोध करने का निर्णय लिया है।”
वक्फ संशोधन बिल 2025: क्या है विवाद ?
वक्फ संशोधन बिल का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और निगरानी को सख्त बनाना है। सरकार का दावा है कि यह बिल पारदर्शिता सुनिश्चित करेगा और गरीबों, महिलाओं और बच्चों के हितों की रक्षा करेगा। दूसरी ओर विपक्षी दल इसे अल्पसंख्यकों के अधिकारों का हनन बता रहे हैं।
INDIA गठबंधन का विरोध और रणनीति
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि यह बिल संविधान के खिलाफ है और इसका उद्देश्य विशेष समुदाय को निशाना बनाना है। उन्होंने स्पष्ट किया कि INDIA गठबंधन इस बिल के हर स्तर पर विरोध करेगा और अन्य समान विचारधारा वाले दलों से भी समर्थन की अपील की है। एनसीपी की सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि गठबंधन संयुक्त रूप से चर्चा में भाग लेगा और अपना पक्ष मजबूती से रखेगा।
विपक्षी दलों की तैयारी और एकजुटता
समाजवादी पार्टी, शिवसेना (UBT), लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास), आम आदमी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस सहित कई दलों ने अपने सांसदों को तीन लाइन व्हिप जारी किया है ताकि वे 2 अप्रैल को संसद में उपस्थित रहें। कांग्रेस ने 3 अप्रैल को संसदीय दल की बैठक बुलाई है, जिसकी अध्यक्षता सोनिया गांधी करेंगी।
मुस्लिम समुदाय की चिंता और विरोध
अखिल भारतीय मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने भी इस बिल को पूरी तरह से खारिज करते हुए कहा कि वे किसी भी हालत में इसका समर्थन नहीं करेंगे। वहीं कर्नाटक के कई हिस्सों में ईद-उल-फित्र की नमाज़ के दौरान लोगों ने काली पट्टी पहनकर इस बिल का शांतिपूर्ण विरोध जताया।
सरकार की सफाई और किरन रिजिजू का बयान
केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरन रिजिजू ने कहा कि यह बिल पूरी तरह से पारदर्शिता के लिए लाया गया है और इसका मकसद वक्फ संपत्तियों की जवाबदेही तय करना है। उन्होंने विपक्ष पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया और सभी दलों से संसद में भाग लेने और अपनी राय रखने की अपील की।
भाजपा और सहयोगी दलों की स्थिति
भाजपा ने अपने सभी सांसदों को व्हिप जारी कर संसद में उपस्थित रहने का निर्देश दिया है। सूत्रों के अनुसार एनडीए और कुछ गैर-संलग्न पार्टियों का समर्थन सरकार को प्राप्त है, जिससे सरकार को बिल पास कराने की संभावना प्रबल दिख रही है।
विपक्ष की आपत्तियाँ और सवाल
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि यह बिल संविधान की भावना के खिलाफ है और इसे JPC के माध्यम से जबरन आगे बढ़ाया गया है। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि जेडीयू और टीडीपी जैसे तथाकथित धर्मनिरपेक्ष दल इस पर क्या रुख अपनाते हैं?
वक्फ बोर्ड पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की टिप्पणी
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वक्फ बोर्ड ने कभी मुसलमानों के लिए कोई कल्याणकारी काम नहीं किया है। उन्होंने वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए सुधार को समय की ज़रूरत बताया।
संसद में अगली रणनीति और संभावित सत्र विस्तार
केंद्र सरकार ने संकेत दिए हैं कि यदि ज़रूरत पड़ी तो बजट सत्र को कुछ दिनों के लिए बढ़ाया जा सकता है ताकि बिल पर चर्चा पूरी हो सके और उसे पारित कराया जा सके। हालांकि अभी तक आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।
