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राज्यसभा में वक्फ विधेयक 2024 पास, BJD के समर्थन से NDA को बहुमत

“राज्यसभा में वक्फ विधेयक 2024 को 128-95 मतों से पास कर दिया गया। यह कानून मुस्लिम धर्मार्थ संपत्तियों के प्रबंधन से जुड़ा है। इस विधेयक को पास करने में बीजेडी (BJD) ने एनडीए (NDA) का साथ देकर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सरकार के लिए यह एक बड़ी संसदीय जीत मानी जा रही है।”

वक्फ विधेयक 2024 क्या है ?

वक्फ विधेयक 2024 एक संशोधन विधेयक है, जिसका उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में बदलाव लाना है।

इस विधेयक के जरिए सरकार को वक्फ बोर्डों में गैर-मुस्लिम सदस्यों की नियुक्ति का अधिकार मिलता है।

साथ ही, वक्फ संपत्तियों के स्वामित्व की पुष्टि में सरकार की भूमिका को मजबूत किया गया है।


राज्यसभा में कैसे पास हुआ वक्फ विधेयक 2024 ?

राज्यसभा में यह विधेयक 128 वोटों के समर्थन और 95 वोटों के विरोध के साथ पास हुआ।

इसमें सबसे महत्वपूर्ण भूमिका BJD (बीजू जनता दल) की रही, जिसने NDA का समर्थन किया।

इसके चलते NDA को आवश्यक बहुमत प्राप्त हो गया और विधेयक पारित हो गया।


वक्फ संपत्तियाँ क्यों हैं चर्चा में ?

वक्फ संपत्तियाँ वे हैं जो मुसलमान धार्मिक या सामाजिक उद्देश्य के लिए दान करते हैं।

इनमें मस्जिदें, मदरसे, कब्रिस्तान, अस्पताल आदि शामिल होते हैं।

इनका संचालन वक्फ बोर्ड करता है, जो अब तक केवल मुस्लिम सदस्यों से ही बना होता था।


विधेयक में मुख्य बदलाव क्या हैं ?

📍 गैर-मुस्लिमों की नियुक्ति

अब वक्फ बोर्डों में गैर-मुस्लिम सदस्यों को भी शामिल किया जा सकेगा।

📍 सरकार को अधिक नियंत्रण

सरकार को वक्फ संपत्तियों के रिकॉर्ड और स्वामित्व की जांच का अधिकार मिल गया है।

📍 विवादास्पद प्रावधान

विपक्ष और मुस्लिम संगठन मानते हैं कि यह धार्मिक स्वतंत्रता के खिलाफ है।


सरकार का पक्ष: पारदर्शिता और जवाबदेही का वादा

सरकार ने दावा किया है कि यह विधेयक वक्फ संपत्तियों में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व को बढ़ाएगा।

इसके अलावा, इससे भ्रष्टाचार पर भी लगाम लगेगी।


विरोधियों की चिंता और प्रतिक्रिया कांग्रेस का बयान

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इसे “धार्मिक अधिकारों पर हमला” बताया।

मुस्लिम संगठनों का विरोध

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा कि यह विधेयक शरीयत के खिलाफ है।


क्या हो सकते हैं संभावित प्रभाव ?

  • वक्फ संपत्तियों पर सरकार की पकड़ मजबूत होगी
  • धार्मिक संस्थानों की स्वतंत्रता पर असर पड़ सकता है
  • पुराने दस्तावेज़ न होने पर संपत्तियाँ जब्त की जा सकती हैं

आगे की राह: राष्ट्रपति की मंजूरी और न्यायिक चुनौती

अब यह विधेयक राष्ट्रपति के हस्ताक्षर का इंतजार कर रहा है।

विपक्ष और मुस्लिम संगठन इस विधेयक को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की योजना बना रहे हैं।

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सुनील शर्मा

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