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केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने फिक्की से नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने का किया आग्रह

“केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने उद्योग संगठन फिक्की (FICCI) से देश में नवाचार (Innovation) पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए सक्रिय भूमिका निभाने का आग्रह किया है। उन्होंने भारतीय उद्योग जगत को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करने और नए विचारों को प्रोत्साहित करने पर जोर दिया।”

नवाचार को बढ़ावा देने की जरूरत

  • मंत्री ने कहा कि स्टार्टअप्स और छोटे व्यवसायों को अधिक सहयोग और संसाधन उपलब्ध कराना जरूरी है।
  • नवाचार और तकनीकी विकास के जरिए भारत को आत्मनिर्भर और वैश्विक आर्थिक शक्ति बनाने का लक्ष्य है।

उद्योग के लिए सुझाव

  1. शोध और विकास में निवेश: उद्योगों को अनुसंधान और विकास (R&D) पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए।
  2. स्टार्टअप्स का सहयोग: नवाचार के लिए स्टार्टअप्स को संसाधन और वित्तीय सहायता प्रदान करनी होगी।
  3. तकनीकी विकास: आधुनिक तकनीकों को अपनाने और उन्हें स्थानीय स्तर पर लागू करने की जरूरत है।
  4. सतत विकास: नवाचार को पर्यावरण-संवेदनशील और टिकाऊ बनाने पर जोर दिया गया।

फिक्की की भूमिका पर जोर

पीयूष गोयल ने फिक्की से कहा कि वह सरकार और उद्योगों के बीच सेतु की तरह काम करे। उन्होंने फिक्की से ग्लोबल इनोवेशन मॉडल अपनाने और उन्हें भारत में लागू करने के लिए सुझाव दिए।

नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र का लाभ

  • रोजगार के अवसर बढ़ेंगे: नवाचार से नए उद्योग और व्यवसाय विकसित होंगे।
  • वैश्विक प्रतिस्पर्धा में बढ़त: नए विचार और तकनीकें भारत को वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धी बनाएंगी।
  • आर्थिक विकास: नवाचार से देश के GDP में वृद्धि होगी।
  • सामाजिक विकास: शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि जैसे क्षेत्रों में नवाचार का फायदा आम लोगों तक पहुंचेगा।

सरकार का समर्थन

  • सरकार नवाचार को बढ़ावा देने के लिए नीतियों में सुधार और आर्थिक सहायता प्रदान कर रही है।
  • विभिन्न योजनाओं जैसे स्टार्टअप इंडिया और मेक इन इंडिया के जरिए स्टार्टअप्स और उद्योगों को समर्थन दिया जा रहा है।

निष्कर्ष

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल का यह आग्रह नवाचार और तकनीकी विकास को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने उद्योग जगत और फिक्की से आह्वान किया है कि वे भारत को वैश्विक नवाचार केंद्र बनाने में योगदान दें। इसके लिए उद्योगों, स्टार्टअप्स और सरकार को मिलकर काम करना होगा।

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