चीन विरोधी और भारत के दोस्त: डोनाल्ड ट्रंप ने माइक वॉल्ट्ज को बनाया NSA, दुनिया को दिया बड़ा संकेत
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने माइक वॉल्ट्ज को अपना राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) नियुक्त किया है, जिससे दुनिया भर में एक नया राजनीतिक संकेत उभरा है। माइक वॉल्ट्ज, जो चीन विरोधी रुख के लिए प्रसिद्ध हैं और भारत के प्रति अपनी नीतियों के लिए भी जाने जाते हैं, उनकी नियुक्ति से अमेरिका की विदेश नीति में कुछ महत्वपूर्ण बदलावों की उम्मीद जताई जा रही है। ट्रंप का यह कदम भारत-अमेरिका संबंधों को और मजबूत करने के साथ-साथ चीन के खिलाफ एक नई रणनीतिक दिशा को जन्म दे सकता है।
माइक वॉल्ट्ज का रुख और चीन के खिलाफ सख्ती
माइक वॉल्ट्ज को चीन के खिलाफ अपनी कड़ी टिप्पणियों और नीतियों के लिए जाना जाता है। वे अक्सर चीन की बढ़ती वैश्विक शक्ति को चुनौती देने की बात करते रहे हैं। उनकी नियुक्ति से यह स्पष्ट संकेत मिलता है कि ट्रंप प्रशासन चीन के खिलाफ अपनी सख्त नीतियों को और बढ़ावा देने जा रहा है। वॉल्ट्ज ने कई बार यह कहा है कि चीन की बढ़ती सैन्य और आर्थिक ताकत के सामने अमेरिका और उसके सहयोगियों को एकजुट होना चाहिए।
भारत के प्रति वॉल्ट्ज का सकारात्मक रुख
भारत के साथ मजबूत संबंधों के पक्षधर माइक वॉल्ट्ज ने कई बार भारत की भूमिका को वैश्विक राजनीति में अहम बताया है। वॉल्ट्ज का मानना है कि भारत, चीन के बढ़ते प्रभाव को चुनौती देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। उनके NSA बनने से भारत-अमेरिका संबंधों में और भी मजबूती आ सकती है, खासकर सुरक्षा, व्यापार और तकनीकी सहयोग के क्षेत्र में।
दुनिया को मिला बड़ा संकेत
माइक वॉल्ट्ज की NSA के रूप में नियुक्ति से यह साफ है कि ट्रंप का प्रशासन वैश्विक राजनीति में अपनी रणनीतिक दिशा को लेकर गंभीर है। यह कदम खासकर एशिया में चीन के प्रभाव को चुनौती देने के लिए उठाया गया है। इसके साथ ही भारत के साथ रणनीतिक साझेदारी को भी प्रगति दी जा सकती है। इस बदलाव से न केवल एशिया बल्कि दुनिया भर में राजनीतिक हलचल तेज हो सकती है, क्योंकि ट्रंप के इस फैसले का असर वैश्विक शक्ति संतुलन पर भी पड़ सकता है।
ट्रंप के इस कदम को लेकर विशेषज्ञों का मानना है कि यह चीन के साथ अमेरिका की टकराव नीति को और भी सख्त बना सकता है, जबकि भारत के साथ रिश्तों को एक नया आयाम मिलेगा।