दिल्ली दंगा केस: केस डायरी सुरक्षित रखने के लिए स्टूडेंट एक्टिविस्ट पहुंचे अदालत, न्याय की मांग
दिल्ली दंगा 2020 के मामले में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम सामने आया है। छात्र एक्टिविस्टों ने अदालत से अनुरोध किया है कि इस मामले की केस डायरी को सुरक्षित रखा जाए। उनका कहना है कि केस डायरी में पुलिस द्वारा की गई जांच की जानकारी है और इसे सुरक्षित रखना न केवल उनके कानूनी अधिकारों की रक्षा के लिए आवश्यक है, बल्कि पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए भी महत्वपूर्ण है।
मामले से जुड़े छात्र नेताओं का कहना है कि केस डायरी में दर्ज जानकारियाँ, जैसे कि पुलिस की शुरुआती जांच, पूछताछ के विवरण और सबूतों का जिक्र, उनके मामले की निष्पक्ष सुनवाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। एक्टिविस्टों का दावा है कि पुलिस जांच के दौरान कई बार पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाया गया था और केस डायरी का संरक्षण इस मामले की निष्पक्षता को सामने लाने में सहायक होगा।
छात्र नेताओं की तरफ से अदालत में यह भी दलील दी गई कि किसी भी सबूत को सुरक्षित रखना कानून के अनुसार आवश्यक है, ताकि भविष्य में इसे जरूरत पड़ने पर न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया जा सके।
वहीं, सरकारी पक्ष का कहना है कि जांच प्रक्रिया को निष्पक्ष और सही तरीके से पूरा किया गया है और केस डायरी में दर्ज हर जानकारी कानूनी रूप से संकलित की गई है। अब अदालत को तय करना है कि केस डायरी को सुरक्षित रखने का आदेश दिया जाए या नहीं, जिससे मामले से जुड़े छात्र एक्टिविस्टों के आरोपों का सत्यापन किया जा सके और कानून के दायरे में न्याय सुनिश्चित हो सके।