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बिहार-यूपी बॉर्डर पर ट्रेन पलटाने की साजिश, इन जिलों के बीच पटरी काटी गई

बिहार और उत्तर प्रदेश के बॉर्डर पर एक बड़ी साजिश का खुलासा हुआ है, जिसमें ट्रेन को पलटाने की योजना बनाई गई थी। सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, कुछ असामाजिक तत्वों ने दोनों राज्यों के सीमावर्ती इलाकों में रेल पटरी को काटने की कोशिश की थी। इस साजिश का उद्देश्य ट्रेनों के हादसे को अंजाम देना था, जिससे बड़े पैमाने पर जान-माल का नुकसान हो सकता था। हालांकि, पुलिस और रेलवे सुरक्षा बल ने समय रहते इस साजिश को नाकाम कर दिया है।

पटरी काटने की घटना
यह घटना बिहार और उत्तर प्रदेश के सीमा क्षेत्र के कुछ जिलों में हुई। रेलवे ट्रैक को काटने की घटना के बाद सुरक्षा बलों ने पूरे इलाके में सघन छापेमारी शुरू की। पटरी काटने के बाद कई ट्रेनें दुर्घटनाग्रस्त हो सकती थीं, लेकिन रेलवे अधिकारियों ने तत्काल कदम उठाते हुए घटनास्थल से प्रभावित ट्रेनों को रोक दिया और बड़ा हादसा होने से बचा लिया।

इन जिलों में हुई साजिश
बिहार के मुजफ्फरपुर और उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले के बीच पटरी को काटने का प्रयास किया गया। इन दोनों जिलों के बीच रेलवे ट्रैक पर कुछ स्थानों पर असामाजिक तत्वों द्वारा पटरी में छेड़छाड़ की गई थी। रेलवे सुरक्षा बल और स्थानीय पुलिस की संयुक्त टीम ने घटनास्थल पर पहुंचकर मौके पर पटरी को सही किया और ट्रेनों के संचालन को बहाल किया।

सुरक्षा बलों का त्वरित कदम
रेलवे सुरक्षा बल के अधिकारियों का कहना है कि इस घटना को लेकर गंभीर कार्रवाई की जा रही है और अपराधियों की पहचान करने के लिए जांच तेज कर दी गई है। वहीं, बिहार पुलिस और उत्तर प्रदेश पुलिस भी इस साजिश की तह तक पहुंचने के लिए संयुक्त रूप से काम कर रही हैं। अधिकारी यह भी कह रहे हैं कि यह एक संगठित साजिश का हिस्सा हो सकता है, जिसके पीछे कुछ आतंकवादी या असामाजिक तत्व हो सकते हैं।

विरोध और चिंताएं
यह घटना बिहार और उत्तर प्रदेश दोनों ही राज्यों में सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर रही है। कई नागरिक समूहों और नेताओं ने इस तरह की घटनाओं की कड़ी निंदा की है और सरकार से सुरक्षा को और सख्त बनाने की अपील की है। इसके अलावा, रेलवे सुरक्षा को और भी बेहतर बनाने के लिए निगरानी बढ़ाने की मांग की गई है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।

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