भारत के पैरा कमांडो बनाम अमेरिकी ग्रीन बेरेट्स: जानें दोनों की ताकत और खासियत
भारत के पैरा कमांडो और अमेरिका की ग्रीन बेरेट्स (US Army Special Forces) विश्व स्तर पर दो सबसे शक्तिशाली और प्रशिक्षित विशेष बलों में से हैं। हाल ही में अमेरिका में दोनों सेनाओं के बीच संयुक्त अभ्यास आयोजित हुआ, जहां इन विशेष बलों ने अपनी-अपनी ताकत और रणनीतियों का प्रदर्शन किया। यह अभ्यास दर्शाता है कि दोनों देशों के विशेष बल किस हद तक कठिन परिस्थितियों में काम कर सकते हैं और आपसी सहयोग को मजबूत कर सकते हैं।
भारत के पैरा कमांडो, जिन्हें पैरा (SF) के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय सेना का एक विशेष बल है जो अत्यंत खतरनाक और कठिन मिशनों के लिए प्रशिक्षित है। इनकी विशेषताएं इस प्रकार हैं:
- सर्जिकल स्ट्राइक के विशेषज्ञ: भारतीय पैरा कमांडो 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक के लिए प्रसिद्ध हैं, जिसमें उन्होंने दुश्मन के इलाके में घुसकर आतंकियों को निशाना बनाया।
- कठोर प्रशिक्षण: इन्हें जंपिंग, पैराशूटिंग, स्कूबा डाइविंग, पर्वतारोहण, और जंगली इलाकों में गहराई से प्रशिक्षित किया गया है। यह कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी सफलता प्राप्त करने में सक्षम होते हैं।
- गुप्त ऑपरेशन में महारत: ये कमांडो छुपकर दुश्मन के इलाके में घुसने और अत्यधिक गोपनीयता से काम करने में निपुण होते हैं।
- स्थानीय वातावरण में विशेषज्ञता: पैरा कमांडो भारतीय उपमहाद्वीप के विभिन्न प्रकार के भौगोलिक क्षेत्रों में काम करने में माहिर हैं, जैसे कि हिमालय, रेगिस्तान, जंगल और तटीय क्षेत्र।
अमेरिका की ग्रीन बेरेट्स, जिन्हें “स्पेशल फोर्सेज” भी कहा जाता है, दुनिया के सबसे ताकतवर विशेष बलों में से एक हैं। इनकी मुख्य विशेषताएं हैं:
- अत्याधुनिक तकनीकी प्रशिक्षण: ग्रीन बेरेट्स को उच्च तकनीक और अत्याधुनिक हथियारों के इस्तेमाल का प्रशिक्षण मिलता है, जिससे ये डिजिटल युद्धकला में भी माहिर होते हैं।
- गुरिल्ला युद्ध में विशेषज्ञ: ग्रीन बेरेट्स विशेष रूप से गुरिल्ला युद्ध में प्रशिक्षित हैं और उन्हें दुश्मन के इलाके में स्थानीय विद्रोही गुटों के साथ मिलकर काम करने की कला आती है।
- अंतरराष्ट्रीय ऑपरेशन में अनुभव: ग्रीन बेरेट्स ने विभिन्न अंतरराष्ट्रीय ऑपरेशनों में हिस्सा लिया है, जैसे कि अफगानिस्तान, इराक और अफ्रीका में आतंकवाद विरोधी अभियानों में।
- भाषा और सांस्कृतिक विशेषज्ञता: ग्रीन बेरेट्स को विभिन्न भाषाओं का ज्ञान और विभिन्न संस्कृतियों के अनुसार ढलने का प्रशिक्षण दिया जाता है, ताकि वे विदेशों में स्थानीय सहयोगियों के साथ प्रभावी ढंग से काम कर सकें।