भारत-चीन समझौता: 50% सैनिक पीछे हटे, देपसांग-डेमचॉक में डिसइंगेजमेंट प्रक्रिया तेज; दिवाली तक LAC पर गश्त शुरू
भारत और चीन के बीच जारी तनाव को कम करने के लिए दोनों देशों ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। हाल ही में दोनों देशों के बीच सहमति के तहत, करीब 50% सैनिकों ने लद्दाख के देपसांग और डेमचॉक क्षेत्र से पीछे हटने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह कदम इस क्षेत्र में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
डिसइंगेजमेंट प्रक्रिया में तेजी
भारत और चीन के बीच की डिसइंगेजमेंट प्रक्रिया अब तेजी से आगे बढ़ रही है। दोनों देशों के सैनिकों की पीछे हटने की यह प्रक्रिया पिछले कुछ हफ्तों से चल रही है, और दोनों पक्षों ने इस पर सहमति जताई है कि उनकी सेनाएं विवादित क्षेत्रों से सुरक्षित दूरी पर रहेंगी। यह निर्णय उन तनावपूर्ण स्थितियों को कम करने के लिए लिया गया है, जो पिछले कुछ वर्षों में लद्दाख सीमा पर बनी रही हैं।
दिवाली तक LAC पर गश्त
सूत्रों के अनुसार, भारतीय सेना ने दिवाली तक लद्दाख की वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर गश्त शुरू करने की योजना बनाई है। यह कदम सुनिश्चित करेगा कि भारत अपनी सीमा की सुरक्षा को और मजबूत बना सके। गश्त की यह प्रक्रिया न केवल भारतीय सुरक्षा बलों के लिए बल्कि स्थानीय निवासियों के लिए भी सुरक्षा का आश्वासन देती है।
भारत-चीन संबंधों में सुधार
इस समझौते के बाद, दोनों देशों के बीच संबंधों में सुधार की उम्मीद जगी है। दोनों देशों के बीच सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर बातचीत जारी है, जिसमें हालिया घटनाक्रम के बाद एक सकारात्मक माहौल पैदा हुआ है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम दोनों देशों के बीच संवाद और सहयोग को बढ़ावा देगा।
संभावित चुनौती
हालांकि, इस समझौते के साथ ही कुछ चुनौतियां भी बनी हुई हैं। सीमा पर स्थित सैनिकों की संख्या को कम करने के बावजूद, दोनों देशों के बीच विश्वास की कमी और अन्य विवादित क्षेत्रों में समस्याएं अभी भी बरकरार हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि दीर्घकालिक शांति के लिए निरंतर संवाद और आपसी समझदारी की आवश्यकता है।