भारतीय सेना को मिलेगी नई हल्की बुलेट प्रूफ जैकेट, देगी 360 डिग्री सुरक्षा
“डीआरडीओ और आईआईटी दिल्ली ने हल्की बुलेट प्रूफ जैकेट ‘एबीएचईडी’ विकसित की, जो स्वदेशी सामग्री से बनी है और 360 डिग्री सुरक्षा प्रदान करती है”
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) दिल्ली के शोधकर्ताओं के सहयोग से ‘ABHED (एडवांस्ड बैलिस्टिक्स फॉर हाई एनर्जी डिफीट)’ नामक हल्की बुलेट प्रूफ जैकेट विकसित की है। ये जैकेट आईआईटी, दिल्ली में स्थित डीआरडीओ उद्योग अकादमिक उत्कृष्टता केंद्र (डीआईए-सीओई) में तैयार की गई हैं।
इन जैकेट का निर्माण पॉलिमर और स्वदेशी बोरॉन कार्बाइड सिरेमिक सामग्री से किया गया है। इनके डिज़ाइन में उच्च स्ट्रेन रेट पर विभिन्न सामग्रियों के अभिलक्षणों का उपयोग किया गया है, जिसके बाद उपयुक्त मॉडलिंग और सिमुलेशन किया गया है। जैकेट के कवच प्लेट प्रोटोकॉल के अनुसार सभी आवश्यक आरएंडडी परीक्षण सफलतापूर्वक पार कर चुकी हैं।
ये बुलेट प्रूफ जैकेट सर्वाधिक खतरे का सामना करने में सक्षम हैं और भारतीय सेना की जनरल स्टाफ की गुणात्मक आवश्यकता में निर्दिष्ट अधिकतम वजन सीमा से हल्की हैं। विभिन्न बीआईएस स्तरों के लिए 8.2 किलोग्राम और 9.5 किलोग्राम के न्यूनतम वजन के साथ ये मॉड्यूलर डिज़ाइन की जैकेट 360 डिग्री सुरक्षा प्रदान करती हैं।
इस उपलब्धि पर डीआईए-सीओई को बधाई देते हुए रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत ने कहा कि यह हल्की बुलेट प्रूफ जैकेट डीआरडीओ, अकादमिक जगत और उद्योग जगत के सफल रक्षा आरएंडडी के प्रभावकारी इकोसिस्टम की एक उत्कृष्ट मिसाल है।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास में उद्योग और अकादमी के समन्वय को बढ़ावा देने के लिए 2022 में आईआईटी दिल्ली में डीआरडीओ के संयुक्त उन्नत प्रौद्योगिकी केंद्र को संशोधित कर डीआईए-सीओई का गठन किया गया था। यह केंद्र उन्नत प्रौद्योगिकियों पर विभिन्न परियोजनाओं को सक्रिय रूप से आगे बढ़ाता रहा है, जिसमें डीआरडीओ के वैज्ञानिक, अकादमिक शोधकर्ता और उद्योग साझेदार शामिल हैं।
