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संविधान दिवस पर राष्ट्रपति मुर्मु का संदेश: 2047 तक विकसित भारत बनाने के लिए करें प्रयास

“संविधान दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने देशवासियों को संबोधित करते हुए भारतीय संविधान की महानता और उसकी महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने नागरिकों से आग्रह किया कि वे 2047 तक भारत को एक विकसित और सशक्त राष्ट्र बनाने के लिए अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन करें।”

संविधान की महानता पर जोर
राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय संविधान सिर्फ एक दस्तावेज नहीं, बल्कि देश के लोकतांत्रिक मूल्यों और आदर्शों का प्रतीक है। उन्होंने संविधान निर्माताओं की दूरदर्शिता और उनके योगदान को नमन करते हुए कहा कि यह संविधान ही है जो देश को एकता और अखंडता के सूत्र में पिरोता है।

2047 तक विकसित भारत का सपना
राष्ट्रपति मुर्मु ने 2047, जब भारत अपनी स्वतंत्रता के 100 वर्ष पूरे करेगा, तक एक विकसित भारत बनाने का लक्ष्य सामने रखा। उन्होंने कहा कि यह सपना तभी साकार हो सकता है, जब हर नागरिक अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति सजग और समर्पित रहेगा।

युवाओं से विशेष अपील
राष्ट्रपति ने विशेष रूप से युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि वे देश के भविष्य हैं। उन्होंने युवाओं से विज्ञान, प्रौद्योगिकी, शिक्षा और स्वच्छता जैसे क्षेत्रों में योगदान देने और सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने की अपील की।

अधिकार और कर्तव्य का संतुलन
अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा कि अधिकार और कर्तव्य दोनों ही किसी लोकतांत्रिक समाज की आधारशिला हैं। उन्होंने नागरिकों से आह्वान किया कि वे अपने अधिकारों का सदुपयोग करें और अपने कर्तव्यों को पूरी निष्ठा से निभाएं।

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