विदेश मंत्री एस जयशंकर का पाकिस्तान दौरा, एससीओ समिट में भागीदारी पर पाकिस्तानी प्रतिक्रियाएँ
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हाल ही में शांग्हाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन (SCO) समिट में भाग लेने के लिए पाकिस्तान का दौरा किया है। यह यात्रा विभिन्न राजनीतिक और कूटनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण मानी जा रही है, खासकर तब जब दोनों देशों के बीच संबंधों में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं।
पाकिस्तान की प्रतिक्रियाएँ
जयशंकर के दौरे को लेकर पाकिस्तान में मिश्रित प्रतिक्रियाएँ आई हैं। कई पाकिस्तानी नेताओं और विश्लेषकों ने भारत के विदेश मंत्री के इस कदम को सकारात्मक रूप से लिया है। कुछ ने इसे एक संकेत के रूप में देखा है कि भारत अपने पड़ोसियों के साथ संवाद स्थापित करने के लिए तत्पर है, भले ही राजनीतिक संबंधों में तनाव हो।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने इस दौरे को ऐतिहासिक बताते हुए कहा, “यह एक महत्वपूर्ण अवसर है, जहाँ दोनों देशों के बीच बातचीत और सहयोग की संभावनाएँ तलाशी जा सकती हैं।”
समिट का महत्व
SCO समिट में शामिल होना जयशंकर के लिए एक मौका है कि वे क्षेत्रीय सुरक्षा, आतंकवाद, व्यापार, और आपसी सहयोग के मुद्दों पर चर्चा कर सकें। इस समिट में भागीदारी के माध्यम से, भारत और पाकिस्तान के बीच मतभेदों को हल करने और आपसी समझदारी बढ़ाने का प्रयास किया जा सकता है।
राजनीतिक पृष्ठभूमि
हाल के दिनों में, भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों में कई उतार-चढ़ाव आए हैं। हालांकि, इस प्रकार के उच्च स्तरीय दौरे संवाद की एक नई पहल के रूप में देखे जा रहे हैं। इससे दोनों देशों के बीच सकारात्मकता का माहौल बन सकता है, जो आगे चलकर द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में मददगार साबित हो सकता है।