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संविधान दिवस: 2015 में हुई थी शुरुआत, इस साल मनाया गया 10वां संविधान दिवस

“भारत ने 26 नवंबर 2024 को अपना 10वां संविधान दिवस मनाया। इस दिन को 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर शुरू किया गया था। संविधान दिवस का उद्देश्य देश के नागरिकों को संविधान के महत्व और मूल्यों की याद दिलाना है।”

संविधान दिवस की शुरुआत
26 नवंबर 1949 को भारत का संविधान अपनाया गया था, जो 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ। इसे लोकतांत्रिक भारत की नींव माना जाता है। 2015 में पहली बार इस दिन को ‘संविधान दिवस’ के रूप में मनाया गया। इसका उद्देश्य संविधान के प्रति सम्मान व्यक्त करना और नागरिकों को उनके अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक करना था।

संविधान दिवस का महत्व
संविधान दिवस न केवल संविधान निर्माताओं के योगदान को याद करने का अवसर है, बल्कि यह दिन संविधान की भावना और उसके आदर्शों को समझने का भी एक माध्यम है। यह दिवस हमें हमारे मौलिक अधिकारों और कर्तव्यों की याद दिलाता है, जो भारत को एक मजबूत लोकतांत्रिक देश बनाते हैं।

इस साल की थीम
इस वर्ष संविधान दिवस की थीम “2047 तक विकसित भारत” थी। इस मौके पर सरकार और विभिन्न संस्थानों ने नागरिकों से आह्वान किया कि वे भारत को एक समृद्ध और सशक्त राष्ट्र बनाने के लिए योगदान दें।

कार्यक्रम और आयोजन
संविधान दिवस पर संसद भवन में विशेष सत्र का आयोजन किया गया। इसमें राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने संविधान की प्रस्तावना पढ़ी और इसके महत्व पर अपने विचार साझा किए। स्कूल, कॉलेज, और सरकारी संस्थानों में भी कई कार्यक्रम आयोजित किए गए।
संविधान दिवस देश को संविधान की शक्ति और इसके आदर्शों की याद दिलाने का दिन है। यह हमें हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों को सशक्त बनाने और एक जिम्मेदार नागरिक बनने की प्रेरणा देता है। 2015 में शुरू हुआ यह विशेष दिन हर साल संविधान के महत्व को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का एक प्रभावी माध्यम बनता जा रहा है।

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