अहमदाबाद स्टेशन पर फर्जी टीटीई गिरफ्तार, बनारस का युवक यात्रियों से वसूल रहा था पैसे
गुजरात में फर्जी टीटीई का खुलासा, यात्रियों से कर रहा था अवैध वसूली
“गुजरात के अहमदाबाद रेलवे स्टेशन पर रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने एक ऐसे शख्स को पकड़ा है जो फर्जी टीटीई बनकर यात्रियों से QR कोड के माध्यम से पैसे वसूलता था। यह व्यक्ति उत्तर प्रदेश के वाराणसी का रहने वाला है और खुद को ट्रेन टिकट परीक्षक (TTE) के रूप में प्रस्तुत करता था। यह घटना 2 जून की रात की है जब यह व्यक्ति फर्जी वर्दी में यात्रियों को ठगते हुए पकड़ा गया।”
कैसे हुआ फर्जी टीटीई का भंडाफोड़?
2 जून की रात करीब 10 बजे अहमदाबाद स्टेशन के साबरमती साइड फुट ओवर ब्रिज (FOB) पर गश्त कर रहे RPF इंस्पेक्टर पीयूष चौधरी को एक व्यक्ति संदिग्ध अवस्था में टीटीई की वर्दी पहने दिखाई दिया। पूछताछ में वह कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सका। शक बढ़ने पर उसे हिरासत में लिया गया और पोस्ट पर लाकर गहन पूछताछ की गई।
फर्जी टीटीई की पहचान: शिव शंकर जैसवाल, उम्र 45
पूछताछ में सामने आया कि आरोपी का नाम शिव शंकर जैसवाल (उम्र 45 वर्ष) है, जो उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले का निवासी है। आरोपी पिछले कुछ समय से रेलवे स्टेशन पर खुद को टीटीई बताकर मजदूर वर्ग और कम पढ़े-लिखे यात्रियों को निशाना बना रहा था।
QR कोड स्कैन से करता था पैसे की वसूली
RPF के अनुसार आरोपी ने यह स्वीकार किया कि वह लोगों से टिकट की जांच के बहाने QR कोड स्कैन कराकर पैसे वसूलता था। खासतौर पर प्रतीक्षा सूची वाले यात्रियों को यह भरोसा दिलाता था कि वह उन्हें सीट दिला देगा। टिकट में त्रुटि या चार्ज लगाने की बात कहकर वह QR कोड थमा देता और मोबाइल से रकम वसूलता।
चेहरे पर मास्क लगाकर छुपाता था पहचान
शिव शंकर जैसवाल लोगों को धोखा देने के लिए चेहरे पर मास्क का प्रयोग करता था ताकि कोई उसे आसानी से पहचान न सके। RPF ने बताया कि यह पहले भी 30 मई को अहमदाबाद स्टेशन पर इसी गतिविधि में संलिप्त पाया गया था।
किसे बनाता था शिकार?
- मजदूर वर्ग
- कम पढ़े-लिखे यात्री
- प्रतीक्षा सूची वाले यात्री
- स्लीपर और जनरल बोगी में सफर करने वाले लोग
वह इन यात्रियों को यह कहकर डराता था कि उनके टिकट में गड़बड़ी है, फिर QR कोड दिखाकर डिजिटल पेमेंट के जरिए पैसे वसूलता था।
क्या मिला तलाशी में?
RPF को तलाशी के दौरान उसके पास:
- कोई रेलवे आईडी कार्ड नहीं मिला
- कोई EFT (Excess Fare Ticket) नहीं मिला
- केवल आधार कार्ड और ATM कार्ड मिले
इससे यह स्पष्ट हो गया कि वह पूरी तरह से फर्जी टीटीई के रूप में यात्रियों को गुमराह कर रहा था।
आगे की कार्रवाई
RPF ने आरोपी को गिरफ्तार कर GRP (Government Railway Police) अहमदाबाद को सौंप दिया है। अब GRP द्वारा आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है। उस पर धोखाधड़ी, फर्जीवाड़ा और सरकारी वर्दी के दुरुपयोग के तहत केस दर्ज किया गया है।
रेलवे की यात्रियों से अपील
रेलवे प्रशासन ने यात्रियों से अनुरोध किया है कि वे:
- केवल असली व पहचान-पत्रधारी टीटीई को ही टिकट दिखाएं
- किसी भी संदिग्ध व्यक्ति या गतिविधि की सूचना RPF या GRP को तुरंत दें
- टिकट और भुगतान संबंधित कोई भी कार्य IRCTC पोर्टल या अधिकृत अधिकारियों से ही करें
- QR कोड स्कैन करने से पहले सत्यापित करें कि यह रेलवे द्वारा जारी है या नहीं
गुजरात में पहले भी सामने आ चुके हैं ऐसे मामले
गुजरात में यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी कई फर्जी अधिकारियों और एजेंटों को रेलवे स्टेशनों पर पकड़ा जा चुका है, जो यात्रियों की भोलेपन का फायदा उठाकर वसूली करते हैं। इस घटना ने रेलवे सुरक्षा व्यवस्था और यात्रियों की जागरूकता की जरूरत को फिर से उजागर कर दिया है।
क्या सिखाता है यह मामला?
- अधिकारिक वर्दी ही प्रमाण नहीं होती।
- किसी भी व्यक्ति से लेन-देन करते समय उसकी पहचान की पुष्टि करना जरूरी है।
- डिजिटल पेमेंट के नाम पर फर्जीवाड़ा अब रेलवे प्लेटफॉर्म तक पहुंच चुका है, इसलिए सतर्क रहें।
“अहमदाबाद में पकड़ा गया यह फर्जी टीटीई बनारस का युवक भले ही गिरफ्तार हो गया हो, लेकिन इस घटना से एक बड़ा संदेश सामने आता है—यात्रियों को अधिक सतर्क और जागरूक रहना होगा। रेलवे प्रशासन की अपील और जनता की सजगता ही इस तरह के मामलों को रोकेगी।”
