ऑपरेशन सिंदूर पर पीएम मोदी का लोकसभा में संबोधन: आत्मनिर्भर सेना की सफलता की कहानी
सेना के सशक्तिकरण का प्रतीक बना ऑपरेशन सिंदूर
“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में ‘ऑपरेशन सिंदूर पर पीएम मोदी’ विषय पर विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए भारत की सैन्य नीति, आत्मनिर्भरता और रक्षा क्षेत्र की ऐतिहासिक उपेक्षा पर विस्तार से बात की। प्रधानमंत्री ने इस ऑपरेशन को भारतीय सेना के आधुनिकीकरण और आत्मनिर्भरता की सबसे ठोस मिसाल बताया।”
आधुनिक हथियारों के लिए दशकों तक करना पड़ा इंतजार
पीएम मोदी ने साफ कहा कि भारत की सेनाओं को दशकों तक आधुनिक हथियारों के लिए इंतजार करना पड़ा।
उन्होंने कहा कि पहले के शासनकाल में बुलेटप्रूफ जैकेट, नाइट विजन कैमरा जैसे बुनियादी हथियार भी विदेशों से मंगाने पड़ते थे।
हर रक्षा सौदे में घोटाले और दलाली की कहानियां जुड़ी रहती थीं, जिससे सेना की ताकत को नुकसान हुआ।
कांग्रेस शासन पर तीखा हमला
प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा,
“कांग्रेस के कार्यकाल में आत्मनिर्भर शब्द का मजाक उड़ाया जाता था। रक्षा सौदे में सिर्फ अवसर तलाशे जाते थे।”
उन्होंने बोफोर्स और हेलिकॉप्टर घोटालों का ज़िक्र करते हुए कहा कि भारत की रक्षा तैयारियों को जानबूझकर कमजोर किया गया।
सेना को सशक्त बनाने की कोई ईमानदार कोशिश नहीं हुई।
शास्त्रों और शस्त्रों का संतुलन जरूरी: पीएम मोदी
प्रधानमंत्री ने शास्त्रों का हवाला देते हुए कहा:
“जब राष्ट्र शस्त्र से सुरक्षित होता है, तभी वहां शास्त्रों की चर्चा होती है।”
सीमा पर मजबूत सेना ही लोकतंत्र की बुनियाद को मज़बूत बनाती है, उन्होंने कहा।
ऑपरेशन सिंदूर इसी नीति का परिणाम है, जहां भारत ने बिना किसी डर के निर्णायक कार्रवाई की।
इतिहास से सबक, भविष्य की दिशा
मोदी ने भारत के प्राचीन काल की याद दिलाई जब देश में बनी तलवारें दुनिया में श्रेष्ठ मानी जाती थीं।
उन्होंने कहा कि आजादी के बाद रक्षा उत्पादन को योजनाबद्ध तरीके से खत्म किया गया।
रिसर्च, मैन्युफैक्चरिंग और टेक्नोलॉजी विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए गए थे।
मेक इन इंडिया और सेना की बदलती तस्वीर
प्रधानमंत्री ने बताया कि बीते एक दशक में ‘मेक इन इंडिया’ के तहत जो हथियार भारतीय सेना को मिले, उन्हीं की बदौलत ऑपरेशन सिंदूर को इतनी बड़ी सफलता मिली।
अब भारत को यह सोचने की ज़रूरत नहीं है कि हथियार कहां से आएंगे — हम अपने हथियार खुद बना सकते हैं।
सेना में ऐतिहासिक सुधार और आत्मनिर्भरता
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में बताया कि पिछले 10 वर्षों में:
- भारतीय सेना के ढांचे में व्यापक बदलाव हुए।
- Chief of Defence Staff (CDS) की नियुक्ति हुई – जो दशकों से विचाराधीन थी।
- तीनों सेनाओं ने इस परिवर्तन को न सिर्फ स्वीकार किया, बल्कि उसे सफलतापूर्वक लागू भी किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि
“हमने जो ठोस कदम उठाए, वही आज ऑपरेशन सिंदूर जैसी रणनीति को संभव बनाते हैं।”
रक्षा में आत्मनिर्भर भारत की दिशा में प्रगति
प्रधानमंत्री ने बताया कि आत्मनिर्भर भारत अब रक्षा क्षेत्र का भी लक्ष्य बन चुका है।
अब भारत:
- स्वदेशी मिसाइल प्रणाली विकसित कर रहा है
- रडार, ड्रोन्स और पनडुब्बियों का निर्माण देश में ही हो रहा है
- छोटे हथियारों से लेकर भारी युद्धक टैंकों तक, भारत खुद उत्पादन कर रहा है
सेना की ताकत में बढ़ोतरी के आंकड़े
- पिछले 10 वर्षों में देश में रक्षा बजट में अभूतपूर्व बढ़ोतरी हुई
- रक्षा निर्यात भी 100 करोड़ से बढ़कर हजारों करोड़ हो चुका है
- अत्याधुनिक लड़ाकू विमानों, हेलिकॉप्टरों और सुरक्षा उपकरणों की खरीद में पारदर्शिता लाई गई है
संसद में पीएम की अपील: देशहित सर्वोपरि
प्रधानमंत्री ने विपक्ष से अपील करते हुए कहा कि
“राजनीतिक मतभेद हो सकते हैं, लेकिन देशहित में सबको साथ आना चाहिए।”
उन्होंने चेताया कि
“भारत की सुरक्षा पर सवाल उठाने वाले और सेना के पराक्रम को कम आंकने वाले लोग देश की भावना से कट रहे हैं।”
