पूर्णिया-गणतंत्र दिवस के खास मौके पर इस बार पूर्णिया के किलकारी संस्था के बच्चों ने अपने हुनर का प्रदर्शन करने का मौका हासिल किया है। मिथिलांचल के प्रसिद्ध झिझिया लोकनृत्य को दिल्ली में गणतंत्र दिवस परेड के दौरान प्रस्तुत करने के लिए पूर्णिया किलकारी के 15 बच्चों का चयन हुआ है।
इन बच्चों की मेहनत और कला को देखकर न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरा जिला गर्व महसूस कर रहा है। झिझिया लोकनृत्य मिथिलांचल की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है, जिसे इन बच्चों ने बड़ी लगन और उत्साह के साथ सीखा और प्रस्तुत करने की तैयारी की है।
किलकारी की छात्रा काजल ने बताया, “यह मौका हर किसी को नहीं मिलता। हम सबने इसके लिए खूब मेहनत की है और हमें गर्व है कि हम अपनी संस्कृति को देश के सामने पेश करेंगे।” वहीं, छात्रा श्रेया ने कहा, “यह हमारे लिए बड़ी उपलब्धि है। दिल्ली में झिझिया लोकनृत्य प्रस्तुत करना हमारे सपने के सच होने जैसा है।”
पूर्णिया के जिलाधिकारी ने बच्चों से मुलाकात कर उन्हें बधाई दी। किलकारी प्रमंडलीय समन्वयक त्रिदीप शील ने बताया, “यह हम सभी के लिए गौरव की बात है कि हमारे 15 बच्चों को यह मौका मिला है। किलकारी संस्था के उद्देश्य को ये बच्चे पूरा कर रहे हैं और सरकार के सपनों को साकार कर रहे हैं।”
झिझिया लोकनृत्य मिथिलांचल की सांस्कृतिक पहचान है, जिसमें महिलाएं और लड़कियां सिर पर दीपक से सजे मटके रखकर नृत्य करती हैं। यह नृत्य विशेष रूप से श्रावण और भादो के महीनों में देवी की आराधना के लिए किया जाता है।
पूर्णिया किलकारी के बच्चों की यह उपलब्धि दिखाती है कि प्रतिभा सीमाओं में बंधी नहीं होती। उनकी यह प्रस्तुति न केवल मिथिलांचल की संस्कृति को उजागर करेगी, बल्कि देशभर में इसकी पहचान को और मजबूत करेगी।