मुद्रा योजना के प्रभाव पर प्रधानमंत्री मोदी का बड़ा बयान: 10 वर्षों में दिखा बदलाव का असली चेहरा
“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के प्रभाव को देश में बदलाव की एक महत्वपूर्ण धारा बताया है। योजना की 10वीं वर्षगांठ के अवसर पर उन्होंने इकोनॉमिक टाइम्स को दिए साक्षात्कार में इसके सामाजिक और आर्थिक परिणामों पर विस्तार से चर्चा की। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह योजना भारत के लाखों लोगों के लिए आत्मनिर्भरता, गरिमा और सशक्तिकरण की नई राह लेकर आई है।”
उद्देश्य और आरंभ
मुद्रा योजना की शुरुआत 8 अप्रैल 2015 को हुई थी। इसका उद्देश्य छोटे और सूक्ष्म उद्यमियों को बिना किसी गारंटी के लोन देना था। इससे उन लोगों को मदद मिली जो पारंपरिक बैंकिंग से वंचित थे और अपना खुद का व्यवसाय शुरू करना चाहते थे।
10 वर्षों में मुद्रा योजना के प्रभाव की झलक
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि पिछले एक दशक में 52 करोड़ से अधिक लोन प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत दिए जा चुके हैं। यह आंकड़ा दर्शाता है कि यह योजना सिर्फ आंकड़ों की नहीं, बल्कि देश के छोटे उद्यमियों की सशक्तिकरण यात्रा की गवाह बन चुकी है।
उन्होंने कहा कि यह योजना साइलेंट रेवोल्यूशन का हिस्सा है, जहां बिना ज्यादा प्रचार के लाखों लोगों की जिंदगी बदली है।
महिलाओं और युवाओं को मिला सबसे अधिक लाभ
साक्षात्कार में प्रधानमंत्री ने कहा कि मुद्रा योजना से सबसे अधिक महिलाएं और युवा लाभान्वित हुए हैं। महिलाओं ने इस योजना के माध्यम से बेकरी, बुटीक, कुटीर उद्योग, सब्जी व्यापार जैसे क्षेत्रों में खुद को साबित किया है।
गरिमा और आत्मनिर्भरता का माध्यम बनी योजना
प्रधानमंत्री ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक पोस्ट साझा करते हुए कहा:
“इकोनॉमिक टाइम्स के साथ अपने साक्षात्कार को साझा कर रहा हूं। मैंने सशक्त मुद्रा योजना के माध्यम से लोगों के जीवन में आए महत्वपूर्ण बदलावों के बारे में विस्तार से जानकारी दी है कि गरिमा और सशक्तिकरण की हमारी खोज में यह किस प्रकार से एक महत्वपूर्ण योजना बनी हुई है।”
योजनाओं का मूल्यांकन और सुधार
प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि उनकी सरकार केवल योजनाएं बनाकर भूलती नहीं, बल्कि समय-समय पर प्रभाव का मूल्यांकन, लोगों से संवाद और योजनाओं में सुधार की प्रक्रिया को अपनाती है। मुद्रा योजना के 10 वर्षों के बाद सरकार फिर से जनता की राय ले रही है और इसे और प्रभावशाली बनाने की दिशा में काम कर रही है।
मुद्रा योजना: सामाजिक-आर्थिक बदलाव की मिसाल
प्रधानमंत्री ने कहा कि मुद्रा योजना सिर्फ एक लोन स्कीम नहीं है, बल्कि यह रोजगार सृजन, महिला सशक्तिकरण और सामाजिक उत्थान का एक माध्यम है। इससे देश में उद्यमशीलता की नई चेतना जागी है।
ग्राउंड लेवल पर बदलाव की कहानियां
साक्षात्कार में मोदी जी ने कुछ लाभार्थियों के अनुभवों का ज़िक्र भी किया:
- कोई पेट्स से जुड़ा व्यवसाय शुरू कर करोड़ों में पहुंचा।
- कोई दुबई से लौटकर सौर ऊर्जा समाधान का स्टार्टअप शुरू कर रहा है।
- महिलाएं जो पहले घरेलू सीमाओं तक सीमित थीं, अब बेकरी, किराना स्टोर और सिलाई जैसे व्यवसाय चला रही हैं।
- युवाओं ने 3D प्रिंटिंग और टेक्नोलॉजी से जुड़े बिजनेस में भी सफलता हासिल की है।
डिजिटल भुगतान को मिली मजबूती
प्रधानमंत्री ने बताया कि मुद्रा योजना और डिजिटल इंडिया अभियान ने मिलकर यूपीआई ट्रांजैक्शन को भी नई ऊंचाई दी है। लाभार्थियों के अनुसार, उनकी अधिकतर बिक्री अब डिजिटल होती है, जिससे पारदर्शिता और ट्रैकिंग में भी सुधार हुआ है।
निष्कर्ष: भारत की नई आर्थिक क्रांति का आधार बनी मुद्रा योजना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अनुसार, मुद्रा योजना केवल एक योजना नहीं बल्कि सशक्त और आत्मनिर्भर भारत की नींव है। यह योजना उन करोड़ों भारतीयों की उम्मीद है, जो अपनी मेहनत और लगन से अपने सपनों को साकार कर रहे हैं।
मुद्रा योजना के 10 वर्ष पूरे होने के अवसर पर प्रधानमंत्री की यह बातचीत दर्शाती है कि सरकार केवल योजनाएं नहीं बनाती, बल्कि उनके प्रभाव को धरातल पर सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध भी रहती है।
