पाकिस्तान की बदहाली: आतंकवाद की नीति ने ढकेला गरीबी और कर्ज के दलदल में
"पाकिस्तान की मौजूदा हालत बताती है कि आतंकवाद को बढ़ावा देने की उसकी दशकों पुरानी नीति अब उसी के विनाश का कारण बन रही है। गरीबी, भूख, कर्ज और अराजकता में डूबा पाकिस्तान अब खुद अपने बनाए जाल में फंस चुका है। भारत द्वारा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले के बाद पाकिस्तान ने अपनी खराब आर्थिक स्थिति का रोना रोना शुरू कर दिया।"
भारत का स्पष्ट संदेश: आतंक नहीं बर्दाश्त
भारत ने हमेशा शांति की वकालत की है, लेकिन भारत का रुख बिल्कुल साफ है—आतंकवाद को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पहलगाम में निर्दोषों की हत्या के बाद भारत ने सख्त जवाब देते हुए पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर जबरदस्त कार्रवाई की है। भारत जानता है कि पाकिस्तान के असली फैसले वहां की सेना लेती है, जो अक्सर आतंकियों के हाथों में खेलती है।
पाकिस्तान क्यों आया बैकफुट पर?
भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान को हिलाकर रख दिया। भारतीय ड्रोन और मिसाइल हमलों ने पाकिस्तान के आतंकी इंफ्रास्ट्रक्चर को भारी नुकसान पहुंचाया। इससे पाकिस्तान को अपनी नाजुक आर्थिक स्थिति और सीमित सैन्य संसाधनों का अहसास हुआ, जिसकी वजह से वह अब संघर्ष विराम की भीख मांग रहा है।
पाकिस्तान की चरमराती अर्थव्यवस्था
2023 के अंत तक पाकिस्तान का कुल बाहरी कर्ज 131 अरब डॉलर को पार कर चुका था। विदेशी मुद्रा भंडार लगभग खत्म हो चुका है और महंगाई बेकाबू है। वहीं भारत की अर्थव्यवस्था 4.3 ट्रिलियन डॉलर से ऊपर पहुंच चुकी है। भारत और पाकिस्तान के बीच का आर्थिक अंतर अब केवल आंकड़ों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह स्थिरता और नीति निर्धारण का भी परिचायक है।
चीन से लिया भारी कर्ज: दोस्ती या दासता?
चीन से पाकिस्तान ने 70 अरब डॉलर से अधिक का कर्ज लिया है, लेकिन यह कर्ज अब पाकिस्तान की स्वतंत्रता पर खतरा बन चुका है। ग्वादर बंदरगाह पर चीन का प्रभाव और CPEC प्रोजेक्ट्स में चीन की बढ़ती दखलंदाजी इस बात का प्रमाण है कि पाकिस्तान धीरे-धीरे चीन का उपनिवेश बनता जा रहा है।
IMF के सामने बार-बार झोली फैलाना
अब तक पाकिस्तान 25 बार IMF से कर्ज मांग चुका है। हर बार आर्थिक सुधारों के वादे के साथ कर्ज लिया जाता है लेकिन उन सुधारों का क्रियान्वयन कभी नहीं होता। IMF भी अब पाकिस्तान की गंभीर स्थिति को भांप चुका है।
गरीबी और भूख से जूझता पाकिस्तान
पाकिस्तान में गरीबी दर 25.3% तक पहुंच गई है। लाखों लोग गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहे हैं। आटा, चावल, दूध जैसी बुनियादी चीजों का संकट है, लेकिन पाकिस्तान अपनी ऊर्जा आतंकवाद फैलाने में लगा रहा है। देश में शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराई हुई है।
भारत ने दिया करारा जवाब
पाकिस्तान ने जब संघर्ष विराम का उल्लंघन किया, तो भारतीय थल सेना ने तुरंत कार्रवाई की। थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने सेना को पश्चिमी सीमाओं पर हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने का आदेश दिया है। सेना ने ‘काइनेटिक डोमेन’ में जवाब देने की अनुमति दी है यानी गोली का जवाब गोला से देने की छूट है।
आतंकवाद के खिलाफ भारत का ऑपरेशन
भारतीय वायुसेना ने साफ कर दिया है कि ऑपरेशन सिंदूर अभी भी जारी है। भारत ने आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक युद्ध छेड़ दिया है। पाकिस्तान को अब यह समझ लेना चाहिए कि अगर वह आतंकवाद को छोड़कर विकास के रास्ते पर नहीं आया, तो उसका गर्त और गहरा होता जाएगा।
