भारत की रक्षा शक्ति में 11 वर्षों में हुआ ऐतिहासिक बदलाव
"प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में भारत की रक्षा शक्ति में बीते 11 वर्षों में आए बदलाव की सराहना की। उन्होंने "आत्मनिर्भर भारत" और "मेक इन इंडिया" जैसी पहलों के तहत रक्षा क्षेत्र में हुए आधुनिकीकरण और स्वदेशीकरण को रेखांकित किया।"
भारत की रक्षा शक्ति को लेकर पीएम मोदी का संदेश
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में लिखा, “पिछले 11 वर्षों में हमारे रक्षा क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं, जिसमें आधुनिकीकरण और रक्षा उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भर बनने पर स्पष्ट ध्यान दिया गया है।” यह पोस्ट एक राष्ट्रीय अभियान का हिस्सा था, जो 2014 से आरंभ हुई रक्षा नीतियों की सफलता को दर्शाता है।
आत्मनिर्भर भारत के तहत स्वदेशीकरण को मिला बल
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को प्राथमिकता दी। अब भारत रक्षा उपकरणों के लिए आयात पर निर्भर नहीं है, बल्कि कई देशों को रक्षा सामग्री का निर्यात कर रहा है।
आत्मनिर्भरता के प्रमुख संकेतक:
- ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का स्वदेशी उत्पादन और तैनाती
- स्वदेशी युद्धपोत आईएनएस विक्रांत का निर्माण और कमीशन
- हल्का लड़ाकू विमान एचएएल तेजस का विकास
- रक्षा निर्यात का 21,000 करोड़ रुपये से अधिक तक पहुँचना
भारत की रक्षा शक्ति में निर्यात की भूमिका
बीते वर्षों में भारत ने 100 से अधिक देशों को रक्षा उत्पादों का निर्यात किया है। यह न केवल आर्थिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारत की कूटनीतिक स्थिति को भी सशक्त करता है।
कुछ प्रमुख निर्यात उत्पाद:
- ब्रह्मोस मिसाइल
- आधुनिक पनडुब्बियाँ
- लड़ाकू ड्रोन और रडार सिस्टम
- प्रशिक्षण उपकरण और रक्षा तकनीक सॉफ्टवेयर
मेक इन इंडिया के तहत बढ़ा घरेलू रक्षा निर्माण
‘मेक इन इंडिया’ अभियान ने रक्षा क्षेत्र में भारतीय निजी और सार्वजनिक कंपनियों को बड़ा मंच दिया है। अब HAL, DRDO जैसी संस्थाएं घरेलू मांग के साथ-साथ वैश्विक निर्यात के लिए भी उत्पादन कर रही हैं।
प्रमुख पहलें:
- निजी कंपनियों को रक्षा निर्माण लाइसेंस जारी करना
- स्टार्टअप्स को सैन्य नवाचार में निवेश के अवसर देना
- रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया में पारदर्शिता और तेजी लाना
रक्षा मंत्रालय और वरिष्ठ अधिकारियों की प्रतिक्रिया
रक्षा मंत्रालय ने भी एक्स पर प्रधानमंत्री के इस अभियान की सराहना की। मंत्रालय ने लिखा, "भारत का रक्षा क्षेत्र आयात पर निर्भरता से एक वैश्विक निर्यातक में बदल गया है, जो आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया की पहल का परिणाम है।”
भविष्य की दिशा: एक मजबूत और सुरक्षित भारत की ओर
‘11 साल की रक्षा शक्ति’ का जश्न केवल अतीत की उपलब्धियों का स्मरण नहीं है, बल्कि यह आने वाले समय में और भी सशक्त भारत के निर्माण का संकल्प है। आने वाले वर्षों में भारत न केवल अपनी सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करेगा, बल्कि रक्षा तकनीक के क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्व की ओर भी अग्रसर होगा।
"भारत की रक्षा शक्ति में पिछले 11 वर्षों में जो बदलाव आए हैं, वे केवल नीति परिवर्तन नहीं बल्कि भारत के दृष्टिकोण में आए क्रांतिकारी बदलाव के प्रतीक हैं। यह सफर केवल शुरुआत है – आने वाले दशक में भारत न केवल आत्मनिर्भर होगा, बल्कि रक्षा क्षेत्र में एक वैश्विक अग्रणी राष्ट्र भी बनेगा।"