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कैसे करें चैत्र नवरात्रि 2025 में माँ दुर्गा को प्रसन्न – जानिए पूजन विधि और नियम

“चैत्र नवरात्रि 2025: माँ दुर्गा की पूजा और कलश स्थापना से जुड़ी संपूर्ण जानकारी”

भारत में नवरात्रि का पर्व माँ दुर्गा की शक्ति और उपासना का प्रतीक है। साल में चार बार नवरात्रि मनाई जाती है, जिनमें से चैत्र नवरात्रि विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व रखती है। यह नववर्ष के पहले महीने चैत्र में आती है, जिससे पूरे वर्ष के शुभारंभ का संकेत भी मिलता है।

📅 चैत्र नवरात्रि 2025 की तिथि:

वर्ष 2025 में चैत्र नवरात्रि का आरंभ रविवार, 30 मार्च से होगा और इसका समापन सोमवार, 7 अप्रैल को राम नवमी के साथ होगा।


🌅 कलश स्थापना का महत्व और विधि

🔮 कलश स्थापना (घट स्थापना) का शुभ मुहूर्त:

  • दिन: रविवार, 30 मार्च 2025
  • सुबह का शुभ मुहूर्त: सुबह 6:13 से 10:22 तक
  • अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:01 से 12:50 तक

कलश स्थापना की आसान विधि:

  1. साफ-सफाई और स्थान चयन: घर के पूजन स्थान को साफ करके गंगाजल छिड़कें।
  2. जौ बोना: मिट्टी के बर्तन में जौ बोएं, जो नवरात्रि तक धीरे-धीरे अंकुरित होते हैं और शुभता के प्रतीक माने जाते हैं।
  3. कलश की तैयारी: तांबे या मिट्टी के कलश में शुद्ध जल भरें, उसमें एक सुपारी, अक्षत, सिक्का, दूर्वा, लौंग डालें।
  4. नारियल और आम पत्ते: कलश के मुंह पर आम के पत्ते रखें और नारियल को लाल वस्त्र में लपेट कर कलश पर रखें।
  5. माँ दुर्गा की स्थापना: कलश के पास माँ दुर्गा की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।

🛐 नवरात्रि के नौ दिनों की पूजा विधि और माँ दुर्गा के स्वरूप

हर दिन माँ दुर्गा के अलग स्वरूप की पूजा की जाती है:

दिनतिथिदेवी स्वरूपविशेष भोग
पहला30 मार्चमाँ शैलपुत्रीघी
दूसरा31 मार्चमाँ ब्रह्मचारिणीमिश्री
तीसरा1 अप्रैलमाँ चंद्रघंटादूध
चौथा2 अप्रैलमाँ कूष्मांडामालपुए
पांचवा3 अप्रैलमाँ स्कंदमाताकेले
छठा4 अप्रैलमाँ कात्यायनीशहद
सातवां5 अप्रैलमाँ कालरात्रिगुड़
आठवां6 अप्रैलमाँ महागौरीनारियल
नौवां7 अप्रैलमाँ सिद्धिदात्रीतिल

🧘‍♀️ व्रत और उपवास नियम

  • एक समय फलाहार या सात्विक भोजन करना।
  • प्याज, लहसुन, मांस-मछली और शराब से दूर रहना।
  • उपवास के दौरान ध्यान, जप और पाठ करना।
  • दुर्गा सप्तशती, दुर्गा चालीसा या देवी कवच का पाठ।

🙏 चैत्र नवरात्रि का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व

  • नवसंवत्सर का आरंभ: चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से नववर्ष शुरू होता है।
  • शक्ति उपासना: यह पर्व माँ दुर्गा के नौ रूपों की उपासना का अवसर है।
  • संकल्प और साधना: इन दिनों तप, साधना और आत्मचिंतन का विशेष महत्व है।
  • ग्रहों की कृपा: माँ दुर्गा की पूजा से नौ ग्रहों की पीड़ा दूर होती है।

🔥 क्या करें और क्या न करें

✔️ करें:

  • साफ-सफाई और सात्विकता बनाए रखें।
  • प्रतिदिन माँ दुर्गा की पूजा और आरती करें।
  • जरूरतमंदों को दान दें।

❌ न करें:

  • झूठ, छल-कपट या अपवित्र विचारों से दूर रहें।
  • अशुद्ध वस्त्रों में पूजा न करें।
  • अनाज का सेवन वर्जित माना जाता है (फलाहार उपवास के लिए)।

🎉 राम नवमी विशेष

चैत्र नवरात्रि का समापन राम नवमी के साथ होता है, जो भगवान श्रीराम के जन्म का पर्व है। इस दिन भक्त उपवास रखते हैं और श्रीरामचरितमानस या रामायण का पाठ करते हैं।


📿 निष्कर्ष

चैत्र नवरात्रि 2025 साधना, शक्ति और श्रद्धा का पर्व है। यह जीवन को सकारात्मकता से भरने, नए संकल्पों को आरंभ करने और माँ दुर्गा की कृपा प्राप्त करने का उत्तम समय है। अगर आप विधिपूर्वक इन नौ दिनों का पालन करते हैं, तो निश्चित ही आपके जीवन में खुशहाली और समृद्धि आएगी।

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