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चारधाम यात्रा 30 अप्रैल से होगी शुरू, परिवहन विभाग ने दी जरूरी यात्रा गाइडलाइन

चारधाम यात्रा 2025 की शुरुआत 30 अप्रैल से: जानें नई गाइडलाइन और तैयारी की पूरी जानकारी

“भारत की धार्मिक यात्राओं में चारधाम यात्रा को सबसे पवित्र और महत्वपूर्ण माना जाता है। हर साल लाखों श्रद्धालु केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के दर्शन के लिए उत्तराखंड की कठिन लेकिन आध्यात्मिक यात्रा पर निकलते हैं। साल 2025 की चारधाम यात्रा 30 अप्रैल से शुरू हो रही है और इस बार यात्रा के लिए सरकार ने कई नए दिशा-निर्देश (Advisory) जारी किए हैं, जिनका पालन करना सभी तीर्थयात्रियों और वाहन चालकों के लिए अनिवार्य है।”


चारधाम यात्रा 2025 को लेकर सरकार की तैयारी

उत्तराखंड सरकार और परिवहन विभाग ने चारधाम यात्रा को सुचारु, सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं। परिवहन आयुक्त ने विशेष यात्रा गाइडलाइन जारी की है जो तीर्थयात्रियों की सुविधा और सुरक्षा के लिए जरूरी मानी जा रही है।

इस वर्ष यात्रा में भाग लेने वाले सभी लोगों को पूर्व पंजीकरण (Registration) करवाना अनिवार्य है। यह पंजीकरण ऑनलाइन माध्यम से उपलब्ध है और चारधाम यात्रा पोर्टल पर किया जा सकता है।


चारधाम यात्रा 2025 की मुख्य तिथियां

  • यमुनोत्री और गंगोत्री: 30 अप्रैल को कपाट खुलेंगे
  • केदारनाथ धाम: 2 मई को श्रद्धालुओं के लिए खोला जाएगा
  • बद्रीनाथ धाम: 4 मई को दर्शन शुरू होंगे

इन तिथियों के अनुसार श्रद्धालुओं को यात्रा की योजना पहले से बनानी चाहिए।


परिवहन विभाग की जारी गाइडलाइन

1. अनिवार्य पंजीकरण

  • सभी तीर्थयात्रियों को आधिकारिक वेबसाइट या मोबाइल ऐप के माध्यम से पंजीकरण कराना होगा
  • बिना रजिस्ट्रेशन के किसी को यात्रा क्षेत्र में प्रवेश नहीं मिलेगा।

2. वाहन पंजीकरण और परमिट

  • जो यात्री निजी या व्यावसायिक वाहनों से यात्रा कर रहे हैं, उन्हें उत्तराखंड परिवहन विभाग से परमिट लेना अनिवार्य होगा।
  • ओवरलोडिंग, अवैध संचालन या बिना अनुमति के वाहन पाए जाने पर जुर्माना और वाहन जब्त किया जाएगा।

3. स्वास्थ्य प्रमाणपत्र की आवश्यकता

  • 55 वर्ष से अधिक उम्र के यात्रियों और बच्चों के लिए स्वास्थ्य जांच प्रमाणपत्र अनिवार्य है।
  • हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट प्रॉब्लम और अन्य गंभीर बीमारियों वाले यात्रियों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।

4. ईंधन और मेंटनेंस की व्यवस्था

  • यात्रा मार्ग पर ईंधन स्टेशन, वाहन रिपेयर सेंटर, और प्राथमिक चिकित्सा केंद्रों की संख्या बढ़ाई गई है ताकि आपात स्थिति में सहायता मिल सके।

चारधाम यात्रा मार्ग और यातायात व्यवस्था

परिवहन विभाग ने इस बार यात्रा मार्ग पर कई बदलाव किए हैं ताकि ट्रैफिक जाम और दुर्घटनाओं से बचा जा सके। प्रमुख बदलावों में शामिल हैं:

  • रुद्रप्रयाग से केदारनाथ तक यात्रा के लिए वन वे ट्रैफिक सिस्टम लागू किया गया है।
  • संवेदनशील स्थानों पर CCTV कैमरे और ट्रैफिक कंट्रोल बूथ लगाए गए हैं।
  • भीड़भाड़ वाले दिनों में रूट डायवर्जन की संभावना है, जिसे यात्री ट्रैवल पोर्टल पर चेक कर सकते हैं।

चारधाम यात्रा में मौसम का ध्यान रखें

उत्तराखंड के ऊँचाई वाले इलाकों में मौसम अचानक बदल सकता है। ऐसे में यात्रा पर निकलने से पहले मौसम की जानकारी ले लेना बेहद जरूरी है। परिवहन विभाग ने यात्रियों से हल्के लेकिन गर्म कपड़े, रेनकोट, और आपातकालीन किट साथ रखने की सलाह दी है।


स्वास्थ्य और सुरक्षा के विशेष उपाय

  • हर धाम पर स्वास्थ्य केंद्र और एंबुलेंस सुविधा उपलब्ध करवाई गई है।
  • यात्रा मार्ग पर बेस कैंप बनाए गए हैं, जहां जरूरत पड़ने पर विश्राम किया जा सकता है।
  • तीर्थयात्रियों को हाई अल्टीट्यूड पर सावधानी बरतने की हिदायत दी गई है।

चारधाम यात्रा 2025: धार्मिक भावना के साथ जिम्मेदारी भी जरूरी

चारधाम यात्रा केवल एक धार्मिक यात्रा नहीं है, यह एक सामूहिक जिम्मेदारी भी है। श्रद्धालुओं से अनुरोध किया गया है कि वे प्राकृतिक पर्यावरण को नुकसान न पहुँचाएं, कूड़ा न फैलाएं और स्थानीय नियमों का पालन करें।


आश्चर्यजनक आंकड़े: पिछले वर्ष का अनुभव

पिछले वर्ष (2024) चारधाम यात्रा में 50 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने भाग लिया था। प्रशासन को भारी भीड़ के कारण व्यवस्थाओं को बनाए रखने में कठिनाइयाँ आई थीं। इसी अनुभव के आधार पर इस वर्ष की गाइडलाइन पहले से तैयार की गई है।



यात्रा करें सुरक्षित और सुव्यवस्थित तरीके से

चारधाम यात्रा 2025 न केवल आध्यात्मिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह सुरक्षा और नियमों का पालन करते हुए ही सुखद और सफल हो सकती है। उत्तराखंड सरकार और परिवहन विभाग द्वारा जारी गाइडलाइन को मानकर हम न केवल खुद की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं, बल्कि लाखों अन्य श्रद्धालुओं की यात्रा को भी सुगम बना सकते हैं।

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