मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सरस्वती शिशु मंदिर छात्रावास का शिलान्यास किया
“देहरादून के मांडूवाला में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सरस्वती शिशु मंदिर छात्रावास भवन का शिलान्यास किया। इस अवसर पर उन्होंने छात्रों को शुभकामनाएं दीं और कहा कि यह छात्रावास न केवल आवासीय सुविधा प्रदान करेगा, बल्कि छात्रों के सर्वांगीण विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर देश के सांस्कृतिक मूल्यों और राष्ट्रवाद की भावना को पुनर्स्थापित करने में सरस्वती शिशु मंदिर की भूमिका को भी सराहा।”
सरस्वती शिशु मंदिर छात्रावास और शिक्षा में सुधार का महत्व
छात्रावास से शिक्षा के प्रति बढ़ेगा आकर्षण
सरस्वती शिशु मंदिर छात्रावास छात्रों को आवासीय सुविधा देने के साथ-साथ उन्हें बेहतर शिक्षा और संस्कार प्रदान करेगा। इससे दूर-दराज के क्षेत्रों के छात्र भी गुणवत्ता वाली शिक्षा का लाभ उठा सकेंगे। इस तरह के आवासीय विद्यालय बच्चों के समग्र विकास के लिए आवश्यक वातावरण प्रदान करते हैं।
प्रदेश में नई शिक्षा नीति का क्रियान्वयन
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि प्रदेश सरकार ने देश में सर्वप्रथम नई शिक्षा नीति को लागू किया है। नई शिक्षा नीति के तहत शिक्षण की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए विभिन्न सुधार किए जा रहे हैं, जिनमें पीएम श्री विद्यालय और नेताजी सुभाष चन्द्र बोस आवासीय विद्यालयों का निर्माण शामिल है।
डिजिटल शिक्षा और विद्या समीक्षा केंद्र की भूमिका
वर्चुअल क्लासरूम से शिक्षा में सुधार
प्रदेश के 13 जनपदों के लगभग 500 विद्यालयों में वर्चुअल क्लासरूम की व्यवस्था की गई है। इससे विद्यार्थियों को तकनीकी माध्यम से बेहतर शिक्षा प्राप्त करने का मौका मिलता है। डिजिटल शिक्षा से शिक्षा का विस्तार और बेहतर प्रबंधन संभव होता है।
विद्या समीक्षा केंद्र: एक केंद्रीकृत शैक्षिक प्रणाली
उत्तराखंड देश का पहला राज्य है जिसने प्रधानमंत्री के विद्या समीक्षा केंद्र के गुजरात मॉडल को अपनाया है। लगभग 16 हजार विद्यालय इस नवाचार से जुड़े हैं। शीघ्र ही निजी विद्यालयों को भी इस प्रणाली से जोड़ा जाएगा। इससे शिक्षकों, छात्रों और शैक्षिक गतिविधियों का डेटा केंद्रीकृत तरीके से उपलब्ध होगा, जिससे शिक्षा प्रबंधन और नीति निर्धारण में मदद मिलेगी।
प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में प्रधानमंत्री मोदी के सुधारों का प्रभाव
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में हुए शिक्षा सुधारों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के प्रयासों से शिक्षा व्यवस्था में व्यापक सुधार हुए हैं, जो प्रदेश में भी प्रभावी रूप से लागू किए जा रहे हैं। सरस्वती शिशु मंदिर जैसे संस्थान सांस्कृतिक और शैक्षिक दोनों क्षेत्रों में छात्रों को सशक्त बनाते हैं।
सरस्वती शिशु मंदिर: संस्कृति, राष्ट्रवाद और शिक्षा का संगम
सरस्वती शिशु मंदिर न केवल शिक्षा का केंद्र है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक और राष्ट्रवादी भावना को मजबूत करने में भी भूमिका निभाता है। मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि शिक्षा के माध्यम से बच्चों में देशभक्ति की भावना जागृत होनी चाहिए। इसके साथ ही भारतीय संस्कृति और मूल्यों का संरक्षण भी आवश्यक है।
छात्रावास से छात्रों को मिलने वाली सुविधाएँ और संभावनाएँ
आवासीय सुविधा और सुरक्षित वातावरण
छात्रावास में छात्रों को सुरक्षित और संरक्षित आवासीय सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इससे वे बेहतर मनोबल और शारीरिक स्वास्थ्य के साथ अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित कर सकेंगे।
सर्वांगीण विकास के लिए अतिरिक्त सुविधाएँ
छात्रावास में पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद, सांस्कृतिक गतिविधियों और अन्य सह-पाठ्यक्रम गतिविधियों का आयोजन भी होगा। इससे बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास होगा।
शिक्षा और तकनीक का समन्वय: उत्तराखंड की पहल
उत्तराखंड सरकार शिक्षा के डिजिटलकरण में अग्रणी है। विद्या समीक्षा केंद्र, वर्चुअल क्लासरूम, और डिजिटल हेल्थ आईडी जैसी पहलों ने शिक्षा प्रणाली को आधुनिक बनाया है। डिजिटल माध्यमों से शिक्षा का स्तर बढ़ा है और शिक्षकों तथा छात्रों के बीच संपर्क बेहतर हुआ है।
शिक्षा में समावेशिता और गुणवत्ता पर विशेष ध्यान
सरकार ने शिक्षा को समावेशी और गुणवत्ता पूर्ण बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं। नई शिक्षा नीति के तहत सभी वर्गों के बच्चों को शिक्षा के समान अवसर दिए जा रहे हैं। पीएम श्री विद्यालय और नेताजी सुभाष चन्द्र बोस आवासीय विद्यालय इसी दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं।
भविष्य की दिशा: शिक्षा से ही मजबूत भारत
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि शिक्षा से ही देश का भविष्य मजबूत होगा। इसलिए शिक्षा के हर क्षेत्र में सुधार और नवाचार जरूरी हैं। सरकार इस दिशा में निरंतर काम कर रही है ताकि हर बच्चा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पा सके।