डीप ओशन मिशन: 4077 करोड़ के निवेश से भारत की ब्लू इकोनॉमी को नई उड़ान
डीप ओशन मिशन क्या है?
“डीप ओशन मिशन को भारत सरकार ने 7 सितम्बर 2021 को लॉन्च किया। इसका उद्देश्य गहरे समुद्र की सजीव और निर्जीव संपदा का अन्वेषण करना और उनके सतत उपयोग के लिए तकनीक विकसित करना है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए ₹4077 करोड़ का निवेश किया गया है।”
ब्लू इकोनॉमी को नई दिशा
यह मिशन केवल एक वैज्ञानिक प्रयोग नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय विकास परियोजना है।
- मछली पालन
- शिपिंग
- जैव प्रौद्योगिकी
- पर्यटन
इन सभी समुद्री उद्योगों को ब्लू इकोनॉमी के तहत बढ़ावा मिलेगा।
वैश्विक दृष्टिकोण और भारत की भूमिका
संयुक्त राष्ट्र ने
2021-2030 को ‘सतत विकास के लिए महासागर विज्ञान का दशक’ घोषित किया है।
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भारत की किलोमीटर लंबी तटरेखा और
1382 द्वीप उसे गहरे समुद्र अन्वेषण में रणनीतिक बढ़त देते हैं।
डीप ओशन मिशन के प्रमुख घटक
1. गहरे समुद्र की जैव विविधता
- समुद्री जीव, पौधे और सूक्ष्मजीवों की खोज।
- मत्स्य पालन और समुद्री संसाधनों के सतत उपयोग पर शोध।
2. गहरे समुद्र का सर्वेक्षण
- हिंद महासागर में बहु-धातु हाइड्रोथर्मल सल्फाइड स्थलों की पहचान।
- खनिज संपदा के अन्वेषण के लिए तकनीकी सहयोग।
3. महासागर से ऊर्जा और मीठा पानी
- महासागर तापीय ऊर्जा रूपांतरण (OTEC) आधारित परियोजनाएँ।
- अपतटीय ऊर्जा और विलवणीकरण संयंत्रों का विकास।
4. उन्नत समुद्री स्टेशन
- महासागर जीव विज्ञान और इंजीनियरिंग में शोध केंद्र।
- शोध को औद्योगिक उत्पादों में बदलने के लिए इनक्यूबेटर।
समुद्रयान परियोजना: भारत की गहराई तक पहुँच
डीप ओशन मिशन का सबसे चर्चित हिस्सा है समुद्रयान परियोजना।
- इसमें मत्स्य 6000 नामक मानवयुक्त पनडुब्बी विकसित की जा रही है।
- यह तीन लोगों को 6,000 मीटर गहराई तक ले जा सकेगी।
- पनडुब्बी 12 घंटे तक काम कर सकती है और इमरजेंसी में 96 घंटे तक सक्षम है।
5000 मीटर गोता: ऐतिहासिक उपलब्धि
अगस्त
2025 में भारत ने फ्रांसीसी संस्थान
IFREMER के सहयोग से
5000 मीटर गहरा गोता लगाया।
- इस मिशन में भारतीय वैज्ञानिकों ने 7 घंटे तक गहरे समुद्र में डेटा एकत्र किया।
- उन्होंने पायलटिंग, संचार और नमूना संग्रह का अनुभव हासिल किया।
अब तक की प्रगति
- दिसंबर 2022 में स्वदेशी वाहन Ocean Mineral Explorer (OME 6000) ने 5271 मीटर की गहराई तक अन्वेषण किया।
- भारत अब उन चुनिंदा देशों में शामिल है जो उन्नत गहरे समुद्र प्रौद्योगिकी में महारत रखते हैं।
डीप ओशन मिशन और भारत का भविष्य
डीप ओशन मिशन केवल खनिज और जैव विविधता की खोज नहीं है। यह भारत को ब्लू इकोनॉमी में अग्रणी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
- समुद्री ऊर्जा का दोहन
- नए रोजगार सृजन
- वैश्विक वैज्ञानिक सहयोग
- प्रधानमंत्री के “समुद्र मंथन” विज़न को आगे बढ़ाना
“डीप ओशन मिशन भारत के लिए एक परिवर्तनकारी कदम है। यह न केवल समुद्र की गहराइयों में छिपी संपदाओं का अन्वेषण करेगा बल्कि भारत की वैज्ञानिक, आर्थिक और रणनीतिक शक्ति को भी मजबूत बनाएगा। 4077 करोड़ के इस निवेश से भारत की ब्लू इकोनॉमी नए आयाम हासिल करेगी।”1